"सिन्धु-गंगा का मैदान": अवतरणों में अंतर

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[[Fileचित्र:Indo-Gangetic Plain.png|300px|right|thumb|इंडो-गैंजेटिक मैदानी क्षेत्र के योजनाबद्ध मानचित्र]]
 
'''सिन्धु-गंगा के मैदान''' , जिन्हें '''उत्तरी मैदानी क्षेत्र''' तथा '''उत्तर भारतीय नदी क्षेत्र''' भी कहा जाता है, एक विशाल एवं उपजाऊ [[मैदान (भूगोल)|मैदानी]] इलाका है जिसका अधिकांश भाग उत्तरी तथा पूर्वी [[भारत]], [[पाकिस्तान]] के सर्वाधिक आबादी वाले भू-भाग, दक्षिणी [[नेपाल]] के कुछ भू-भाग तथा लगभग पूरे [[बांग्लादेश]] को शामिल करता है. इस क्षेत्र का यह नाम इसे सींचने वाली सिन्धु तथा [[गंगा नदी|गंगा]] नामक दो नदियों के नाम पर पड़ा है.
 
खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी होने के कारण इस इलाके में जनसंख्या का घनत्व बहुत अधिक है.
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सिन्धु-गंगा के मैदान के उत्तरी छोर पर अचानक उठने वाले [[हिमालय]] के पर्वत हैं, जो इसकी कई नदियों को जल प्रदान करते हैं तथा दो नदियों के मिलन के कारण पूरे क्षेत्र में इकट्ठी होने वाली उपजाऊ जलोढ़ मिटटी के स्रोत हैं. इस मैदानी इलाके के दक्षिणी छोर पर [[विन्ध्याचल|विंध्य]] और [[सतपुड़ा|सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाएं]] तथा छोटा नागपुर का पठार स्थित है. पश्चिम में ईरानी पठार स्थित है.
 
== विभाजन ==
[[Fileचित्र:Indo-Gangetic Plain.jpg|right|thumb|इंडो-गैंजेटिक मैदानी क्षेत्र का एक भाग]]
कुछ भूगोलशास्त्री सिन्धु-गंगा के मैदान को कई भागों में विभाजित करते हैं: सिंधु घाटी, पंजाब के मैदानी इलाके, हरियाणा के मैदानी इलाके, तथा [[गंगा नदी|गंगा]] के मध्य एवं निचले इलाके. ये क्षेत्रीय अंतर मुख्य रूप से जल की उपलब्धता पर आधारित हैं.
 
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ब्रह्मपुत्र की शुरुआत [[तिब्बत]] में यारलुंग जेंग्बो नदी के रूप में होती है तथा [[बांग्लादेश]] को पार करने से पहले यह [[अरुणाचल प्रदेश]] और [[असम]] से हो कर बहती है.
 
== सीमा ==
एक बड़े मैदान के रूप में, सटीक सीमा एक स्रोत से दूसरे स्रोत तक अलग-अलग हो सकती हैं. मोटे तौर पर, सिन्धु-गंगा का मैदान निम्न हिस्सों में फैला हुआ है:
* उत्तर में कश्मीर;
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* पूर्व में [[असम]] और [[बांग्लादेश]] में हिमालय की तलहटी तक; और
* दक्षिण में [[विन्ध्याचल|विंध्य]] - और [[सतपुड़ा|सतपुड़ा श्रृंखला,]] और छोटा नागपुर का पठार.
* [[गुजरात]] के उत्तरी हिस्से तक फैला है
 
इस मैदान का उपजाऊ [[तराई क्षेत्र|तराई]] क्षेत्र [[नेपाल]] तक फैला है. इसके चारों ओर से हो कर गुजरने वाली नदियों में [[ब्यास नदी|ब्यास]], [[चम्बल नदी|चंबल]], चिनाब, [[गंगा नदी|गंगा]], [[गोमती]], [[सिन्धु नदी|सिन्धु]], [[रावी नदी|रावी]], सतलुज और यमुना शामिल हैं. मिट्टी तलछट से भरपूर है, जिससे यह मैदानी इलाका दुनिया के उन मैदानों में से एक है जहां सबसे अधिक कृषि की जाती है. यहां के ग्रामीण क्षेत्र भी [[जनसंख्या घनत्व|घनी आबादी वाले]] हैं.
 
== भूगोल ==
सिन्धु-गंगा के मैदानी इलाके, जिन्हें "ग्रेट प्लेन" भी कहा जाता है, सिन्धु तथा गंगा-ब्रह्मपुत्र नदियों के घास के विशाल मैदान हैं. ये पश्चिम में जम्मू व कश्मीर से लेकर पूर्व में असम तक हिमालय पर्वतों के समानांतर स्थित हैं तथा उत्तरी तथा पूर्वी भारत के अधिकांश क्षेत्रों तक फैले हैं. इन मैदानी इलाकों का क्षेत्रफल लगभग 700,000 वर्ग किमी (2,70,000 वर्ग मील) है और लंबाई के अनुसार चौड़ाई में कई सौ किलोमीटर तक का अंतर है. इस क्षेत्र की प्रमुख नदियां गंगा एवं सिंधु और उनकी सहायक नदियां - व्यास, यमुना, गोमती, रावी, चंबल, सतलुज और चिनाब हैं.
दक्षिण एशिया तक सिन्धु-गंगा मैदानों का विस्तार.इन विशाल मैदानों को कभी-कभी चार खण्डों में वर्गीकृत किया जाता है:
 
* भाबर क्षेत्र - हिमालय की तलहटी से सटा है और नदी की धाराओं के साथ नीचे लाए गए कंकड़ों और पत्थरों से बना है. चूंकि इस क्षेत्र की सरंध्रता बहुत अधिक है, अतः धारा भूमिगत रूप से प्रवाहित होती है. भाबर क्षेत्र आम तौर पर 7-15 किलोमीटर तक संकरा है.
* तराई क्षेत्र - भाबर क्षेत्र के बाद आता है और नवीन जलोढ़ मिट्टी से बना हुआ है. भूमिगत धाराएं इस क्षेत्र में फिर से प्रकट होती हैं. यह क्षेत्र जरूरत से ज्यादा नम और सघन वनों से आच्छादित है. इस क्षेत्र में साल भर भारी वर्षा होती है और यहां विविध प्रकार के वन्य जीव बहुतायत में पाए जाते हैं.
* बांगड़ क्षेत्र - पुरानी जलोढ़ मिट्टी से बना होता है और बाढ़ के मैदानों के जलोढ़ कगार का निर्माण करता है. गंगा के मैदानों में, इसकी निचली परत लेटराइट के भंडार से ढकी है.
* खादर क्षेत्र - बांगड़ इलाके के बाद अपेक्षाकृत निचली भूमि पर स्थित है. यह अपेक्षाकृत नई व ताजा जलोढ़ मिटटी से बना है जो मैदान में नीचे की ओर बहने वाली नदियों द्वारा इकठ्ठा होती है.
 
सिन्धु-गंगा का इलाका, दुनिया का सबसे बड़ा जलोढ़ मिट्टी का निर्बाध विस्तार है जो अनेक नदियों द्वारा तलछट के जमाव से बना है. मैदानी इलाके समतल और ज्यादातर वृक्ष-रहित हैं, जिससे ये नहरों द्वारा सिंचाई के लिए अनुकूल हैं. यह क्षेत्र भूमिगत जल स्रोतों से भी समृद्ध है.
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इसलिए इतनी विशाल संख्या में जानवरों ने अवश्य ही मांसाहारी जानवरों की बड़ी संख्या को भी आकर्षित किया होगा. भेड़िये, सियार, धारीदार लक्कड़बग्घे, भारतीय चीते और एशियाई शेर ने खुले मैदानों पर अत्यधिक शिकार किया होगा जबकि बाघों और तेंदुओं ने आसपास के जंगलों में शिकार किया होगा. गंगा में बड़ी संख्या में [[घड़ियाल, पशु|घड़ियाल]], मगरमच्छ और नदी में मिलने वाली डॉल्फिन मिलती थीं, जो मछलियों तथा कभी कभार नदी पार करने वाले झुंडों की संख्या को (शिकार द्वारा) नियंत्रित रखते थे.
 
== कृषि ==
सिन्धु-गंगा के मैदानों में मुख्यतः [[चावल]] और [[गेहूँ|गेहूं]] की खेती की जाती है, जिन्हें [[फसल चक्र|बारी-बारी]] से उपजाया जाता है. अन्य फसलों में [[मक्का (फसल)|मक्का]], [[गन्ना]] और [[कपास]] शामिल है.
 
वर्षा का मुख्य स्रोत दक्षिण पश्चिम मानसून है जो आम तौर पर सामान्य कृषि के लिए पर्याप्त है. हिमालय से निकलने वाली कई नदियां सिंचाई के प्रमुख कामों के लिए पानी उपलब्ध करती हैं.
 
== पानी की आपूर्ति पर दबाव ==
ऐसा माना जाता है कि तेजी से बढ़ रही आबादी (तथा इसके साथ-साथ मानसून तथा हिमालय के क्षरण को प्रभावित करने वाले अन्य कारक, जैसे [[भूमंडलीय ऊष्मीकरण|वैश्विक गर्मी]]) के कारण भविष्य में इस क्षेत्र में पानी की अत्यधिक कमी का खतरा हो सकता है.
यह क्षेत्र ब्रह्मपुत्र नदी और अरावली पर्वत श्रृंखला के बीच भूमि का गठन करता है, गंगा, यमुना, चंबल घग्गर और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रसिद्ध नदियां इस क्षेत्र से हो कर बहती है.
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ब्रिटिश और स्वतंत्र भारत, दोनों के जनसांख्यिकीय और राजनीतिक केंद्र (पहले कलकत्ता में और फिर [[दिल्ली]] में) यहीं स्थित थे.
 
== भाषाएं ==
पहले सिन्धु-गंगा के मैदानी क्षेत्र की भाषा [[हिन्द-आर्य भाषाएँ|सिन्धु-आर्य]] थी.
इसके अतिरिक्त यहां क्षेत्रीय भाषाओं में विशाल विविधता पाई जाती है, जो कई मामलों में एक दूसरे में रचबस कर एक श्रृंखला का रूप ले लेती हैं.{{Citation needed|date=March 2010}}
 
== शहर ==
सिन्धु-गंगा के मैदानों पर स्थित बड़े शहरों में [[भारत]] के [[अहमदाबाद]], [[लुधियाना]], [[अमृतसर]], [[चण्डीगढ़|चंडीगढ़]], [[दिल्ली]], [[जयपुर]], [[कानपुर नगर जिला|कानपुर]], [[लखनऊ]], [[इलाहाबाद]], [[वाराणसी]], [[पटना]], एवं [[कोलकाता]], [[बांग्लादेश]] में [[ढाका]], तथा [[पाकिस्तान]] के [[लाहौर]], [[फैसलाबाद]], [[रावलपिंडी]], [[इस्लामाबाद]], [[मुल्तान]], [[हैदराबाद (पाकिस्तान)|हैदराबाद]] और [[कराची]] शामिल हैं. इस क्षेत्र में यह परिभाषित करना कठिन है कि एक महानगर कहां से शुरू होता है और कहां ख़त्म होता है.
 
== प्रशासनिक विभाजन ==
चूंकि सिन्धु-गंगा के मैदान की सीमाओं को पूरी तरह से परिभाषित करना संभव नहीं है, अतः इस इलाके के प्रशासनिक क्षेत्रों की सटीक सूची देना भी कठिन है.
 
निम्न क्षेत्रों का लगभग पूरा भाग या आधे से अधिक भाग मैदानी इलाकों का हिस्सा है:
* [[बांग्लादेश]] (लगभग पूरा देश)
* [[भारत]]
** [[असम]]
** [[बिहार]]
** [[दिल्ली]]
** [[गुजरात]]
** [[हरियाणा]]
** [[पंजाब]]
** [[राजस्थान]]
** [[त्रिपुरा]]
** [[उत्तर प्रदेश]]
** [[पश्चिम बंगाल]]
* [[नेपाल]]
** मधेश
* [[पाकिस्तान]]
** [[पंजाब (पाकिस्तान)|पंजाब]]
** [[सिंध]]
 
प्रशासनिक क्षेत्रों के निम्नलिखित छोटे हिस्से मैदान का हिस्सा नहीं हैं या इनमें से कुछ हैं:
* [[भारत]]
** [[मध्य प्रदेश|मध्यप्रदेश]]
** [[मेघालय]]
** [[झारखंड]]
** [[उड़ीसा]]
* [[पाकिस्तान]]
** [[बलूचिस्तान]]
** [[पाकिस्तान का उत्तर पश्चिम सीमांत प्रान्त|खैबर पख्तूनख्वा]]
* कश्मीर क्षेत्र
 
== इन्हें भी देंखें ==
* [[दोआब]]
* [[मैदान (भूगोल)]]
 
== संदर्भ ==
{{reflist}}
 
== बाहरी लिंक्स ==
* [http://haridwar.nic.in/gangaji.htm गंगा की यात्रा, अतीत और वर्तमान]