"यूरिया": अवतरणों में अंतर

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: AgNCO (सिल्वर आइसोसाइनेट) + NH<sub>4</sub>Cl → (NH<sub>2</sub>)<sub>2</sub>CO (यूरिया) + AgCl
बड़े पैमाने पर यूरिया का उत्पादन द्रव [[अमोनिया]] तथा द्रव [[कार्बन डाई-आक्साइड]] की प्रतिक्रिया से होता है।
यूरिया का उपयोग मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में होता है। इसका प्रयोग वाहनों के प्रदूषण नियंत्रक के रूप में भी किया जाता है। यूरिया-फार्मल्डिहाइड, रेंजिन, प्लास्टिक एवं [[हाइड्राजिन]] बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। इससे यूरिया-स्टीबामिन नामक [[काला-जार]] की दवा बनती है। वेरोनल नामक नींद की दवा बनाने में उसका उपयोग किया जाता है। सेडेटिव के रूप में उपयोग होने वाली दवाओं के बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है।
 
== उत्पादन ==
साल २००८-२००९ में [[भारत]] में यूरिया का उत्पादन करीब दो करोड़ टन रहा था जबकि वास्तविक खपत करीब २.४ करोड़ टन थी। ४० लाख टन की अतिरिक्त जरूरत को यूरिया के आयात के जरिए पूरा किया गया था। लेकिन घरेलू उर्वरक कंपनियां अगले चार साल में अपनी यूरिया उत्पादन क्षमता को बढ़ाने पर पांच से छह अरब डॉलर का निवेश कर सकती हैं, जिससे देश की यूरिया उत्पादन क्षमता में ६० लाख टन की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। यूरिया उत्पादन क्षमता में विस्तार के बाद भारत यूरिया आयातक के बजाय निर्यात करने वाले देश में तब्दील हो जाएगा।<ref>{{cite web |url= http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/4479110.cms|title=उर्वरक फर्म बढ़ाएंगी अपनी यूरिया उत्पादन क्षमता
|accessmonthday=[[१५ मई]]|accessyear=[[२००९]]|format=|publisher=|language=}}</ref>