"जॉन बार्थविक गिलक्राइस्ट": अवतरणों में अंतर

छो Removing {{आधार}} template
छो Bot: अंगराग परिवर्तन
पंक्ति 1:
 
 
'''जॉन बार्थविक गिलक्राइस्ट''' ः (1759-1841)
 
Line 10 ⟶ 8:
 
‘‘ श्रीयुत गुनगाहक गुनियन-सुखदायक जान गिलकिरिस्त महाशय की आज्ञा से सम्वत् 1860 (अर्थात् सन् 1803 ई0) में श्री लल्लू जी लाल कवि ब्राह्मन गुजराती सहस्र अवदीच आगरे वाले ने जिसका सार ले, यामिनी भाषा छोड़, दिल्ली आगरे की खड़ी बोली में कह, नाम ‘प्रेमसागर' धरा''।<ref>{{cite web |url=http://rachanakar.blogspot.com/2009/09/blog-post_176.html|title= प्रोफ़ेसर महावीर सरन जैन का आलेख : विदेशी विद्वानों द्वारा हिन्दी का अध्ययन|accessmonthday=[[१२ सितंबर]]|accessyear=[[२००९]]|format=एचटीएमएल|publisher=रचनाकार|language=}}</ref><ref>{{cite book |last=जैन |first=प्रो.महावीर सरन |title=विदेशी विद्वानों द्वारा हिन्दी वाड्.मीमांसापरक अध्ययन (फिलॉलाजिकल स्टडीज) (सन् 1940 ई0 तक)|year=|publisher=|location=|id= |page= |accessday= |accessmonth= |accessyear= }}</ref>
== संदर्भ ==
<references/>