"पठान": अवतरणों में अंतर
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'''पश्तून''', '''पख़्तून''' (<small>[[पश्तो]]: {{Nastaliq|ur|پښتانه}}, पश्ताना</small>) या '''पठान''' (<small>[[उर्दू]]:{{Nastaliq|ur|پٹھان}}</small>) [[दक्षिण एशिया]] में बसने वाली एक लोक-जाति है। वे मुख्य रूप में [[अफ़्ग़ानिस्तान]] में [[हिन्दु कुश पर्वतों]] और [[पाकिस्तान]] में [[सिन्धु नदी]] के दरमियानी क्षेत्र में रहते हैं हालांकि पश्तून समुदाय अफ़्ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और [[भारत]] के अन्य क्षेत्रों में भी रहते हैं। पश्तूनों की पहचान में [[पश्तो]] भाषा, [[पश्तूनवाली]] मर्यादा का पालन और किसी ज्ञात पश्तून क़बीले की सदस्यता शामिल हैं।<ref name="Hindi1">[http://books.google.com/books?id=-8YNAAAAIAAJ The Pathan Borderland], James William Spain, Mouton, ''... The most familiar name in the west is Pathan, a Hindi term adopted by the British, which is usally applied only to the people living east of the Durand ...''</ref><ref name="Brit-lib">[http://www.bl.uk/reshelp/findhelpregion/asia/afghanistan/afghanistancollection/afghansources/afghanglossary.html Afghanistan: Glossary], British Library, ''... Comes to mean 'Pathans' residing in Pakistan and Afghanistan. Divided into two main groups, the Abdalis (qv) and the Ghilzais (qv) ...''</ref>
पठान जाति की जड़े कहाँ थी इस बात का इतिहासकारों को ज्ञान नहीं लेकिन [[संस्कृत]] और [[यूनानी]] स्रोतों के अनुसार उनके वर्तमान इलाक़ों में कभी पक्ता नामक जाति रहा करती थी जो संभवतः पठानों के पूर्वज रहें हों। सन् १९७९ के बाद अफ़्ग़ानिस्तान में असुरक्षा के कारण जनगणना नहीं हो पाई है लेकिन [[ऍथनोलॉग]] के अनुसार पश्तून की जनसँख्या ५ करोड़ के आसपास अनुमानित की गई है। पश्तून क़बीलों और ख़ानदानों का भी शुमार करने की कोशिश की गई है और अनुमान लगाया जाता है कि विश्व में लगभग ३५० से ४०० पठान क़बीले और उपक़बीले हैं। पश्तून जाति अफ़्ग़ानिस्तान का सबसे बड़ा समुदाय है।
== विवरण ==
पश्तून इतिहास ५ हज़ार साल से भी पुराना है और यह अलिखित तरिके से पीढ़ी-दर-पीढ़ी चला आ रहा है। पख़्तून लोक-मान्यता के अनुसार यह जाती 'बनी इस्राएल' यानी [[यहूदी|यहूदी वंश]] की है। इस कथा के अनुसार पश्चिमी एशिया में असीरियन साम्राज्य के समय पर लगभग २,८०० साल पहले बनी इस्राएल के दस कबीलों को देश निकाला दे दिया गया था और यही कबीले पख़्तून हैं। [[ॠग्वेद]] के चौथे खंड के ४४वे श्लोक में भी पख़्तूनों का वर्णन 'पक्त्याकय' नाम से मिलता है। इसी तरह तीसरे खंड का ९१वाँ श्लोक आफ़रीदी क़बीले का ज़िक्र 'आपर्यतय' के नाम से करता है।
=== बनी इस्राएल होने के बारे में लिखाईयाँ ===
{{मुख्य|पश्तून लोगों के प्राचीन इस्राएलियों के वंशज होने की अवधारणा}}
पख़्तूनों के बनी इस्राएल होने की बात सोलहवीं सदी ईसवी में जहांगीर के काल में लिखी गयी किताब “मगज़ाने अफ़ग़ानी” में भी मिलती है। अंग्रेज़ लेखक अलेक्ज़ेंडर बर्न ने अपनी [[बुख़ारा]] की यात्राओं के बारे में सन् १८३५ में भी पख़्तूनों द्वारा ख़ुद को बनी इस्राएल मानने के बारे में लिखा है। हालांकि पख़्तून ख़ुद को बनी इस्राएल तो कहते हैं लेकिन धार्मिक रूप से वह [[मुसलमान]] हैं, यहूदी नहीं। अलेक्ज़ेंडर बर्न ने ही पुनः १८३७ में लिखा कि जब उसने उस समय के अफ़ग़ान राजा दोस्त मोहम्मद से इसके बारे में पूछा तो उसका जवाब था कि उसकी प्रजा बनी इस्राएल है इसमें संदेह नहीं लेकिन इसमें भी संदेह नहीं कि वे लोग मुसलमान हैं एवं आधुनिक यहूदियों का समर्थन नहीं
== पश्तून क़बीले ==
पश्तून लोक-मान्यताओं के अनुसार सारे पश्तून चार गुटों में विभाजित हैं: '''सरबानी''' (<small>{{Nastaliq|ur|سربانی}}, Sarbani</small>), '''बैतानी''' (<small>{{Nastaliq|ur|بتانی}}, Baitani</small>), '''ग़रग़श्ती''' (<small>{{Nastaliq|ur|غرغوشتی}}, Gharghashti</small>) और '''करलानी''' (<small>{{Nastaliq|ur|کرلانی}}, Karlani</small>)। मौखिक परंपरा के अनुसार यह क़ैस अब्दुल रशीद जो समस्त पख्तूनो के मूल पिता माने जाते हैं उनके चार बेटों के नाम से यह चार क़बीले बने थे। इन गुटों में बहुत से क़बीले और उपक़बीले आते हैं और माना जाता है कि कुल मिलाकर पश्तूनों के ३५० से ४०० क़बीले हैं।<ref name="ref94papez">[http://books.google.com/books?id=TKUxyVCrYn0C A Historical Atlas of Afghanistan], Amy Romano, The Rosen Publishing Group, 2003, ISBN
* '''सर्बानी क़बीले''' :-
1. Sheranai शेर्नाई
2. Jalwaanai जलानाई
पंक्ति 22:
4. Baayer बायार
5. Oormar ऊरमर
6. Tareen (Tarin) तारीन ( उप क़बीले तोर तारीन, स्पीन, राईज़ानी व खेत्रानी यह क़बीले ब्रह्यी व बलूची ज़बान बोलते हैं पश्तु नहीं )
7. Gharshin ग़रशीन
8. Lawaanai लावानाई
पंक्ति 30:
12. Alikozai आलीकोज़ाई
13. Barakzai बरकज़ाई
14. Mohammad zai ( Zeerak )
15. Achakzai (Assakzai) अज़्ज़ाक्ज़ाई
16. Noorzai नूरज़ाई
पंक्ति 48:
30. Zeranai ज़ेरानाई
31. Mohmand मोहम्मद
32. Kheshgai ( Khaishagi)
33. Mohammad Zai ( Zamand) मोहम्मेद्ज़ाई
34. Kaasi कासी
पंक्ति 55:
37. Salarzaiसलार्ज़ाई
38. Malgoorai मल्गुराई
* '''ग़र्ग़श्त क़बीले''' :-
3- Babai बाबई
4- Mandokhail मन्दूखैल
पंक्ति 72:
17- Shalman शलमोन
18- Eisoot (Isot) ईसोत
* '''ख़रलानी क़बीले''' :-
1. Mangal मंगल
2. Kakai काकई
पंक्ति 99:
25. Muqbal मुकबल
26.
* '''बैतानी क़बीले''' :-
1. Sahaak सहाक
2. Tarakai तराकज़ाई
पंक्ति 113:
12. Ahmadzai अहमदज़ाई
13. Tarai तराई
14. Dotanai दोतानी
15. Taran तारन
16. Lodhi लोधी
पंक्ति 132:
यह सभी क़बीले भी कई कई त्ताबरों, कैलों, प्लारीनाओं, व काहूलों में बंटे हुए हैं। यही क़बीलाई संरचना भारत के पठानों द्वारा भी अपनाई जा रही है।
== इन्हें भी देखें ==
* [[पश्तूनवाली]]
* [[पश्तो भाषा]]
* [[अफ़रीदी]]
* [[ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा]]
== सन्दर्भ ==
<small>{{reflist|2}}</small>
{{Link FA|en}}▼
[[श्रेणी:पश्तून लोग]]
[[श्रेणी:अफ़्गानिस्तान की जातियाँ]]
[[श्रेणी:पाकिस्तान की जातियाँ]]
[[श्रेणी:भारत की जातियाँ]]
▲{{Link FA|en}}
[[an:Paixtuns]]
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