"रामानन्द सागर": अवतरणों में अंतर

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'''रामानन्द सागर''' (29 दिसम्बर, 1917 – 12 दिसम्बर, 2005) [[हिन्दी]] फ़िल्मों के एक [[निर्देशक]] थे। [[दूरदर्शन]] पर [[रामायण]] नामक अति लोकप्रिय [[धारावाहिक]] के कारण वे बहुत प्रसिद्ध हुए।
 
== जीवन-परिचय ==
रामानंद सागर का जन्म [[लाहौर]] के नजदीक असल गुरु नामक स्थान पर 29 दिसंबर 1927 को एक धनाढ्य परिवार में हुआ था। उन्हें अपने माता पिता का प्यार नहीं मिला, क्योंकी उन्हें उनकी नानी ने गोद ले लिया था। पहले उनका नाम चंद्रमौली था लेकिन नानी ने उनका नाम बदलकर रामानंद रख दिया। 16 साल की अवस्था में उनकी गद्य कविता श्रीनगर स्थित प्रताप कालेज की मैगजीन में प्रकाशित होने के लिए चुनी गई। युवा रामानंद ने दहेज लेने का विरोध किया जिसके कारण उन्हें घर से बाहर कर दिया गया।
 
इसके साथ ही उनका जीवन संघर्ष आरंभ हो गया। उन्होंने पढ़ाई जारी रखने के लिए ट्रक क्लीनर और चपरासी की नौकरी की। वे दिन में काम करते और रात को पढ़ाई। मेधावी होने के कारण उन्हें पंजाब विश्वविद्यालय [पाकिस्तान] से स्वर्ण पदक मिला और फारसी भाषा में निपुणता के लिए उन्हें मुंशी फजल के खिताब से नवाजा गया। इसके बाद सागर एक पत्रकार बन गए और जल्द ही वह एक अखबार में समाचार संपादक के पद तक पहुंच गए। इसके साथ ही उनका लेखन कर्म भी चलता रहा।
 
बंटवारे के समय 1947 में वे भारत आ गए। उस समय उनके पास संपत्ति के रूप में महज पांच आने थे। भारत में वह फिल्म क्षेत्र से जुड़े और 1950 में खुद की प्रोडक्शन कंपनी सागर आर्ट्स बनाई जिसकी पहली फिल्म मेहमान थी। वर्ष 1985 में वह छोटे परदे की दुनिया में उतर गए। उनके द्वारा निर्मित सर्वाधिक लोकप्रिय धारावाहिक रामायण ने लोगों के दिलों में उनकी छवि एक आदर्श व्यक्ति के रूप में बना दी।
 
== लेखन ==
उन्होंने 22 छोटी कहानियां, तीन वृहत लघु कहानी, दो क्रमिक कहानियां और दो नाटक लिखे। उन्होंने इन्हें अपने तखल्लुस चोपड़ा, बेदी और कश्मीरी के नाम से लिखा लेकिन बाद में वह सागर तखल्लुस के साथ हमेशा के लिए रामानंद सागर बन गए। बाद में उन्होंने अनेक फिल्मों और टेलिविजन धारावाहिकों के लिए भी पटकथाएँ लिखी।
== निर्देशन और निर्माण ==
उन्होंने कुछ फिल्मों तथा कई टेलिविजन कार्यक्रमों और धारावाहिकों का निर्देशन और निर्माण किया। उनके द्वारा बनाए गए प्रसिद्ध टीवी धारावाहिकों में विक्रम बेताल, दादा-दादी की कहानियां, रामायण, कृष्णा, अलिफ लैला और जय गंगा मैया, आदि बेहद लोकप्रिए धारावाहिक शामिल है।
 
== प्रमुख फिल्में ==
=== लेखक के रूप में ===
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=== निर्देशक के रूप में ===
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|}
 
== पुरस्कार/सम्मान ==
* [[1969]]- [[फिल्म फेयर पुरस्कार]] (सर्वश्रेष्ठ निर्देशक), फिल्म [[आँखें]]।
 
== संदर्भ ==
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://in.jagran.yahoo.com/cinemaaza/cinema/memories/201_201_8257.html जीवित किंवदंती बन गए थे रामानंद सागर]
 
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*[[श्रेणी:हिंदी फिल्म पटकथा लेखक]]
 
*[[श्रेणी:हिंदी टेलिविजन धारावाहिक निर्देशक]]
*[[श्रेणी:हिंदी टेलिविजनफिल्म धारावाहिकपटकथा निर्मातालेखक]]
*[[श्रेणी:हिंदी टेलिविजन धारावाहिक निर्देशक]]
*[[श्रेणी:सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फिल्म फेयर पुरस्कार]]
[[श्रेणी:हिंदी टेलिविजन धारावाहिक निर्माता]]
*[[श्रेणी:सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फिल्म फेयर पुरस्कार]]
 
[[de:Ramanand Sagar]]