"पालक": अवतरणों में अंतर

छो Robot: Adding kk:Самалдық
छो Bot: अंगराग परिवर्तन
पंक्ति 3:
'''पालक''' (वानस्पतिक नाम : ''Spinacia oleracea'') ''अमरन्थेसी'' कुल का फूलने वाला पादप है, जिसकी पत्तियाँ एवं तने शाक के रूप में खाये जाते हैं। पालक में [[खनिज लवण]] तथा [[विटामिन]] पर्याप्त रहते हैं, किंतु ऑक्ज़ैलिक अम्ल की उपस्थिति के कारण [[कैल्शियम]] उपलब्ध नहीं होता। यह [[ईरान]] तथा उसके आस पास के क्षेत्र का देशज है। ईसा के पूर्व के अभिलेख [[चीन]] में हैं, जिनसे ज्ञात होता है कि पालक चीन में [[नेपाल]] से गया था। 12वीं शताब्दी में यह [[अफ्रीका]] होता हुआ [[यूरोप]] पहुँचा।
 
== परिचय ==
पालक शीतऋतु की फसल है तथा [[पाला|पाले]] को सहन कर सकता है, किंतु अधिक गर्मी नहीं सह सकता। जब दिन लंबे तथा रातें छोटी होती हैं, तब इसमें बीज के डंठल निकलने लगते हैं और पौधों का बढ़ना कम हो जाता है।
 
कई प्रकार की मिट्टियों में पालक सुगमता से उगाया जा सकता है, पर बलुई दुमट, सादमय दुमट (silty loams) तथा दुमट भूमियों पर अधिक अच्छा उगता है। अम्लता को यह अधिक सहन कर सकता है। यथेष्ट बुद्धि के लिए इसको 6.0 से 7.0 [[पीएच]] की आवश्यकता है। पानी के निकास का अच्छा प्रबंध आवश्यक है, अन्यथा पत्तियों में बीमारी लग जाती है। इसमें प्रति [[एकड़]] 75 से 100 पाउंड [[नाइट्रोजन]] की आवश्यकत होती है, जो आंशिक रूप से ऐमोनियम्‌ सल्फेट के रूप में, कई बार करके, प्रत्येक कटाई के बाद दी जाती है। अधिक अच्छा होगा कि खाद पहले वाली फसल को दी जाए।
 
पालक के बीज की बुआई का मुख्य समय [[वर्षा]] के बाद है तथा बुआई लगातार नंवबर तक चलती है। छोटे पैमाने से बुआई वर्षा ऋतु में भी ऊँची उठी हुई भूमियों में की जा सकती है। बीज खेत में 6' ' से 9' ' की दूरी पर, की गहराई पर तथा बीज से बीज की दूरी पर बोया जाता है। यदि बुआई अधिक घनी है तो पत्तियों में बीमारी लगने का भय रहता है। 100 वर्ग फुट की बुआई करने के लिए लगभग 25 ग्राम बीज की आवश्यकता होगी। पहली कटाई एक माह बाद तथा बाद की कटाइयाँ प्रत्येक तीन सप्ताह बाद की जाती है। प्रत्येक कटाई के बाद खेत के खर पतवार निकालकर, एक मन प्रति एकड़ की दर से ऐमोनियम्‌ सल्फेट डालकर खेत की सिंचाई करनी चाहिए। छिटकावाँ बुआई भी प्राय: प्रचलित है, मगर इस प्रकार में निकाई करना कठिन हो जाता है। पर्वतों पर बुआई फरवरी के अंत से लेकर अप्रैल के अंत तक की जा सकती है। पालक की औसत उपज लगभग 120 मन प्रति एकड़ है।
 
आयातित (imported) जातियों में, जो वर्ष के केवल ठंडे भाग में ही होती हैं, 'लांग स्टैंडिंग ब्लूम्सडेल' (Long Standing Bloomsdel), वरजीनिया सेवॉय (Virginia Savoy) तथा राउंड लीव्ड डच (Round Leaved Dutch) लोकप्रिय हैं। देशी पालक में 'बैनर्जीज़ जाएंट' (Banerjees giant) तथा 'बनारसी' या 'कटवी पालक' की माँग अत्यधिक है।
पंक्ति 16:
[[परागण]] प्राय: हवा के द्वारा होता है, अत: पास पास बोई हुई दो जातियाँ, कभी शुद्ध पैदा नहीं होंगी। इसलिए किसी जाति का शुद्ध बीज उपजाने के लिए उस जाति के खेत बिलकुल अलग, कम से कम आधे मील की दूरी पर, होने चाहिए। बीज की अधिक उपज के लिए नवंबर के तीसरे सप्ताह के बाद कटाई बंद कर देनी चाहिए तथा पौधों को बीज बनाने के लिए छोड़ देना चाहिए। बीज को पकने में अधिक समय लगता है। जब बीज पक जाता है तब पौधों को काटकर तथा सुखाकर अन्न की तरह मड़ाई कर लेते हैं।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://ecocrop.fao.org/ecocrop/srv/en/dataSheet?id=1997 FAO spinach data sheet]
* [http://www.ers.usda.gov/News/spinachcoverage.htm Fresh-Market Spinach: Background Information and Statistics] USDA 2007
"https://hi.wikipedia.org/wiki/पालक" से प्राप्त