"स्कन्दगुप्त": अवतरणों में अंतर
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यह प्राचीन भारत में तीसरी से पाँचवीं सदी तक शासन करने वाले [[गुप्त राजवंश]] का राजा था। इनकी राजधानी पाटलीपुत्र थी जो वर्तमान समय में पटना के रूप में बिहार की राजधानी है।
स्कन्द्द्गुप्त ने जितने वर्षों तक शासन
== शासन निति ==
यद्यपि स्कन्दगुप्त क शासन काल महान सन्कतो का युग रहा था और उसे दिर्घकाल तक उन सन्कतो से जुझना पना हमे ग्यात होता है कि अपने सिन्घासनारोहन के समय सिघ्रबाद उसने योग्य प्रान्तपतियो को नियुक्त कि जुनागन अबघिलेख से पताच्हलता है कि सओरअस्त्र प्रान्त कौच्हित शसक च्हुमनने के लिय्े अनेक दिन रात उसने च्हिन्ता मे विताइ अन्त मे पर्न दत्त को वह क गोप्ता नियुक्त किया तब उसकए ह्रिदय कोशान्ति मिली एक लेखक लिखता है कि उशने शासन कअल मे नतो कोइ विद्रोह हुआ न कोइ बेघर हुआ।
सुदर्शन झील का निर्माण - स्कन्दगुप्त कि शासन काल कि सबसे मह्त्वपुर्न घतना शुदर्शनझिल के बान्ध को बनवान था एअस झिल क इतिहास बहुत पुरन है सर्वप्रथम च्हन्द्रगुप्त ने एअक पर्वर्ति नदी के जल को रोककर इस झिल का निर्मान लोकहित केद्रिस्ति से बनवाया बाद मे सम्राथ अशोक ने सिच्हाइ के लिये उसमे से नहर निकालि एअक बार १५० इस्वि मे बान्ध तुत गया तव रुद्रदामन ने ब्यक्तिगत कश से उसका जिर्नोधार करवाया था ४५६ इस्वि मे उस झिल का बाध फिर तुत गया जिससे सोरास्त्र के लोगो को बना कस्त होना पना!तब स्कन्दगुप्त ने अपने कोश से अपार धन राशि उथा कर पुन्ह निर्मान करवाया इस निवर्वान क्े फलस्वरुप उसने उसी जगह विस्नु जि का एक मन्दिर बनवया दुर्भाग्य से वह झिल तथ मन्दिर अवस्थित नहि है स्कन्दगुप्त सिच्हाइ के साधनओ का पुरा ख्यल रखता था
== धर्म ==
स्कन्दगुप्त वेस्नोधर्मावलम्बि था परन्तु अपने पुर्वजो कि भाती उसने भी धार्मिक झेत्र उदारतातथा सहिविस्नुता कि नीति का पालन किया वह जॅन तिर्थकरो कि पाच पासान प्रतिमाओ का
धन दान मे दिय था।
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== बाह्य सूत्र ==
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[[श्रेणी:गुप्त राजवंश]]
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