"रुद्रप्रयाग": अवतरणों में अंतर

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भगवान शिव के नाम पर रूद्रप्रयाग का नाम रखा गया है। रूद्रप्रयाग अलकनंदा और मंदाकिनी नदी पर स्थित है। रूद्रप्रयाग श्रीनगर (गढ़वाल) से 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदाकिनी और अलखनंदा नदियों का संगम अपने आप में एक अनोखी खूबसूरती है। इन्‍हें देखकर ऐसा लगता है मानो दो बहनें आपस में एक दूसरे को गले लगा रहीं हो। ऐसा माना जाता है कि यहां संगीत उस्‍ताद नारद मुनि ने भगवान शिव की उपासना की थी और नारद जी को आर्शीवाद देने के लिए ही भगवान शिव ने रौद्र रूप में अवतार लिया था। यहां स्थित शिव और जगदम्‍बा मंदिर प्रमुख धार्मिक स्‍थानों में से है।
 
== आकर्षण ==
[[चित्र:Rudraprayag016.jpg|right|250px|thumb|रुद्रप्रयाग में भागीरथी नदी]]
=== अगस्त्यमुनि- ===
{{main|अगस्त्यमुनि, रुद्रप्रयाग}}
रूद्रप्रयाग से अगस्त्यमुनि की दूरी 18 किलोमीटर है। यह समुद्र तल से 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। यह वहीं स्‍थान है जहां ऋषि अगस्‍त्‍य ने कई वर्षों तक तपस्‍या की थी। इस मंदिर का नाम अगस्‍तेश्रवर महादेव ने ऋषि अगस्‍त्‍य के नाम पर रखा था। बैसाखी के अवसर पर यहां बहुत ही बड़ा मेला लगता है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और अपने इष्‍ट देवता से प्रार्थना करते हैं।
 
=== गुप्‍तकाशी- ===
गुप्‍तकाशी का वहीं महत्‍व है जो महत्‍व काशी का है। यहां गंगा और यमुना नदियां आपस में मिलती है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत के युद्ध के बाद पांण्‍डव भगवान शिव से मिलना चाहते थे और उनसे आर्शीवाद प्राप्‍त करना चाहते हैं। लेकिन भगवान शिव पांडवों से मिलना नहीं चाहते थे इसलिए वह गुप्‍ताकाशी से केदारनाथ चले गए। गुप्‍तकाशी समुद्र तल से 1319 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह एक स्‍तूप नाला पर स्थित है जो कि ऊखीमठ के समीप स्थित है। कुछ स्‍थानीय निवासी इसे राणा नल के नाम से बुलाते हैं। इसके अलावा पुराना विश्‍वनाथ मंदिर, अराधनेश्रवर मंदिर और मणिकारनिक कुंड गुप्‍तकाशी के प्रमुख आकर्षण केन्‍द्र है।
 
=== सोनप्रयाग- ===
सोनप्रयाग समुद्र तल से 1829 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह केदारनाथ के प्रमुख मार्ग पर स्थित है। सोन प्रयाग प्रमुख धार्मिक स्‍थलों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि सोन प्रयाग के इस पवित्र पानी को छू लेने से बैकुठ धाम पंहुचाने में मदद मिलती है। सोनप्रयाग से केदारनाथ की दूरी 19 किलोमीटर है। यह वहीं स्‍थान है जहां भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। सोनप्रयाग से त्रियुगीनारायण की दूरी बस द्वारा 14 किलोमीटर है और इसके बाद पांच किलोमीटर पैदल यात्रा करनी होगी।
 
=== खिरसू- ===
बर्फ से ढ़के पर्वतों पर स्थित खिरसू बहुत ही खूबसूरत स्‍थान है। यह जगह हिमालय के मध्‍य स्थित है। इसी कारण यह जगह पर्यटकों को अपनी ओर अधिक आकर्षित करती है। इसके अलावा यहां से कई अन्‍य जाने-अनजाने शिखर दिखाई पड़ते हैं। खिरसू पौढ़ी से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह समुद्र से 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। खिरसू बहुत ही शान्तिपूर्ण स्‍थल है। यहां बहुत अधिक संख्‍या में ओक, देवदार के वृक्ष और फलोघान है।
 
=== गौरीकुंड- ===
सोन प्रयाग से गौरीकुंड की दूरी 5 किलोमीटर है। यह समुद्र तल से 1982 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। केदारनाथ मार्ग पर गौरीकुंड अंतिम बस स्‍टेशन है। केदारनाथ में प्रवेश करने के बाद लोग यहां पूल पर स्थित गर्म पानी से स्‍नान करते हैं। इसके बाद गौरी देवी मंदिर दर्शन के लिए जाते हैं। यह वहीं स्‍थान है जहां माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए तपस्‍या की थी।
 
=== दिओरिया ताल- ===
यह स्‍थान चोपटा-ऊकीमठ मार्ग पर स्थित है। जो कि सारी गांव के आरम्‍भ मार्ग से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह झील चारों तरफ से वनों से घिरी हुई है। चौकम्‍बा शिखर का पड़ने वाला प्रतिबिम्‍ब इस झील को ओर अधिक खूबसूरत बनाता है।
 
=== चोपता ===
चोपता गोपेश्‍वर-ऊखीमठ मार्ग से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गढ़वाल क्षेत्र में स्थित चोपता यहां के प्रमुख पर्यटक स्‍थलों में से एक है। यहाँ [[चोपता तुंगनाथ|तुंगनाथ]] का प्राचीन मन्दिर है।
 
== निकटवर्ती ==
=== केदारनाथ ===
{{main|केदारनाथ मंदिर}}
केदारनाथ भारत के उत्तरांचल प्रान्त के प्रमुख धार्मिक स्‍थानों में से एक है। केदारनाथ चार धामों में से एक है। केदार नाथ समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। केदारनाथ भगवान शिव के बारह ज्‍योर्तिलिंगों में से एक है। भगवान शिव को केदार के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए इस मंदिर का नाम केदारनाथ रखा गया। केदारनाथ बर्फ से ढ़के ऊंचे-ऊंचे पर्वतों पर स्थित है। केदारनाथ हिमालय पर्वत पर स्थित है। यह हिन्दू धर्म के अनुयाइयों का पवित्र स्‍थान है।
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सबसे नजदीकी रेलवे स्‍टेशन ऋषिकेश है। ऋषिकेश से रूद्रप्रयाग 152 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
;सड़क मार्ग:
कई महत्‍वपूर्ण मार्ग गढ़वाल डिविजन से जुड़े हुए है। जहां से रोजाना रूद्रप्रयाग के लिए बसें चलती है। जैसे- देहरादून, ऋषिकेश, कोटद्वार, पौढ़ी, जोशीमठ, गोपेश्‍वर, बद्रीनाथ, केदारनाथ, नैनीताल, अल्‍मोड़ा, दिल्‍ली।
 
== जनसांख्यिकी ==
सन २००१ की भारतीय जनगणना के अनुसार रुद्रप्रयाग की जनसंख्या २२४२ थी। इनमें ६३% पुरुष तथा ३७% महिलाएँ थीं। रुद्रप्रयाग की औसत साक्षरता दर ७५% है, जो कि राष्ट्रीय दर ५९.५% से अधिक है; पुरुष साक्षरता दर ८०% तथा महिला साक्षरता दर ६८% है। १३% जनसंख्या ६ वर्ष से कम आयु की है। [[अगस्त्यमुनि]] तथा [[ऊखीमठ]] रुद्रप्रयाग के दो मुख्य शहर हैं।
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[रुद्रप्रयाग जिला]]
रुद्रप्रयग जिले के अन्तर्ग कोटी गाउ है जहै कि न तो अभि तक कोइ सडक कि सुभिदा है ना तो किशि अस्पतल कि सुभिद है जिस्से जादा तर लोग्
गाउ से अन्य स्थन के लियै स्थन्तर्र्न कर च्हुके है जिस के लिये हमारि सरकार और हमारे देश कि लोकतन्रान्त्रिक ब्यवस्ता है,
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://rudraprayag.nic.in/ रुद्रप्रयाग जिले की वैबसाइट]
* [http://images.google.co.in/imgres?imgurl=http://sss.vn.ua/india/uttarakhand/rudraprayag/rudraprayag046.jpg&imgrefurl=http://sss.vn.ua/india/uttarakhand/rudraprayag/indexen.htm&h=960&w=1280&sz=279&hl=en&start=8&um=1&usg=__39B4WI62Uwreno2gZxgBncC6aUA=&tbnid=W0axx0FhWQvz6M:&tbnh=113&tbnw=150&prev=/images%3Fq%3Drudraprayag%2Bpictures%26um%3D1%26hl%3Den%26safe%3Doff%26client%3Dfirefox%26rls%3DFlockInc.:en-US:official%26sa%3DX रुद्रप्रयाग की चित्र दीर्घा]