"स्रोतास्विनी तारामंडल": अवतरणों में अंतर
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== तारे ==
स्रोतास्विनी तारामंडल में [[बायर नाम]] वाले ८७ तारे हैं, जिसमें से ७ के इर्द-गिर्द [[ग़ैर-सौरीय ग्रह]] परिक्रमा करते हुए पाए गए हैं। इस तारामंडल में दो दिलचस्प तारे हैं -
* [[आकरनार तारा]] - यह तारा इतनी तेज़ी से [[घूर्णन]] कर रहा है (यानि अपने अक्ष पर घूम रहा है) के इसका गोल अकार पिचक गया है - इसकी चौड़ाई इसकी लम्बाई से डेढ़ गुना हो गयी है।
* [[ऍप्सिलन ऍरिडानी तारा]] - यह तारा [[सूरज]] से मिलता-जुलता है इसलिए [[विज्ञान कथा साहित्य]] में अक्सर यहाँ यानों से जाने की कल्पना की गयी है और इसके इर्द-गिर्द कल्पित ग्रहों पर प्राणियों के मिलने की कल्पना भी की गयी है। अब वैज्ञानिकों को हक़ीक़त में यह शक़ हो गया है के इसके इर्द-गिर्द एक [[बृहस्पति (ग्रह)|बृहस्पति]] जैसा [[गैस दानव]] ग्रह परिक्रमा कर रहा है।
== महारिक्ति ==
ब्रह्माण्ड के जिन बड़े इलाक़ों में कोई आकाशगंगा नहीं होती उन्हें "[[रिक्ति (खगोलशास्त्र)|रिक्ति]]" (वोइड) कहा जाता है।
== इन्हें भी देखें ==
* [[आकरनार तारा]]
* [[ऍप्सिलन ऍरिडानी तारा]]
* [[तारामंडल]]
* [[इरिडनस महारिक्ति]]
== सन्दर्भ ==
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