"स्लमडॉग मिलियनेयर": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox Film
स्लमडॉग मिलियनेयर 2008 में बनी अंग्रेज़ी भाषा की फिल्म है। अकॅडमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज़ द्वारा प्रदत्त ८१वें अकेडेमी पुरस्कार (ऑस्कर पुरस्कार) समारोह में ८ पुरस्कार प्राप्त कर यह फ़िल्म सन २००८ की सबसे प्रसिद्ध फीचर फ़िल्म बन कर उभरी है। इस फ़िल्म की पृष्ठभूमि में मुंबई के झोपड़पट्टी में रहने वाले लोग हैं। यह फ़िल्म विकास स्वरुप के अंग्रेज़ी उपन्यास Q & A पर आधारित है। स्लमडॉग मिलियनेयर को ८१वें ऑस्कर पुरस्कार समारोह में १० श्रेणियों में नामांकित किया गया था।
| name = '''स्लमडॉग मिलियनेयर'''| image =Slumdog_Millionaire_poster.jpg
== पात्र परिचय ==
| caption = '''स्लमडॉग मिलियनेयर''' का पोस्टर
निर्देशक- डेन्नी बॉयल
| producer = [[क्रिस्चियन कोलसन]]
| director = [[डेविड बॉयल]]
| music = [[अल्लाह रक्खा रहमान|ए आर रहमान]]
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'''स्लमडॉग मिलियनेयर''' 2008 में बनी अंग्रेज़ी भाषा की फिल्म है। '''अकॅडमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज़''' द्वारा प्रदत्त ८१वें [[अकेडेमी पुरस्कार]] ([[ऑस्कर पुरस्कार]]) समारोह में ८ पुरस्कार प्राप्त कर यह फ़िल्म सन २००८ की सबसे प्रसिद्ध फीचर फ़िल्म बन कर उभरी है। इस फ़िल्म की पृष्ठभूमि में [[मुंबई]] के झोपड़पट्टी में रहने वाले लोग हैं। यह फ़िल्म [[विकास स्वरुप]] के अंग्रेज़ी उपन्यास '''Q & A''' पर आधारित है। स्लमडॉग मिलियनेयर को ८१वें ऑस्कर पुरस्कार समारोह में १० श्रेणियों में नामांकित किया गया था।
 
== पुरस्कार ==
सह निर्देशक- लवलीन टंडन
स्लमडॉग मिलियनेयर ने सन २००८-०९ में कई पुरस्कार जीते जिसमें प्रतिष्टित ऑस्कर शामिल है। [[२२ फरवरी]] [[२००९]] को संपन्न ८१वें ऑस्कर पुरस्कार समारोह में इस फ़िल्म को निम्नलिखित श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त हुए<ref>[http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/story/2009/02/090223_oscar_awards_skj.shtml ऑस्कर पुरस्कारों में स्लमडॉग मिलियनेयर की गूंज]</ref>:
* सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म
* सर्वश्रेष्ठ निर्देशक - [[डेविड बॉयल]]
* सर्वश्रेष्ठ गीत - भारत के [[अल्लाह रक्खा रहमान|ए आर रहमान]] एवं [[गुलज़ार]]
* सर्वश्रेष्ठ संगीत - भारत के ए आर रहमान
* सर्वश्रेष्ठ पटकथा - साइमन बेऔफोय
* सर्वश्रेष्ठ छायांकन - अन्थोनी मंतले
* सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म संपादन - क्रिस दिक्केन
* सर्वश्रेष्ठ ध्वनी मिश्रण - भारत के रसूल पूकुत्टी एवं रिचर्ड और इआन
 
== रोचक तथ्य ==
निर्माता- क्रिश्चन कोलसन
* ८१वें ऑस्कर पुरस्कार समारोह में ए आर रहमान ने अपने भाषण में प्रसिद्ध हिन्दी फ़िल्म [[दीवार]] का "मेरे पास माँ हैं" संवाद अपनी माँ के सम्मान में दोहराया
* स्लमडॉग मिलियनेयर का हिन्दी संस्करण "'''स्लमडॉग करोड़पति'''" नाम से भारत में प्रदर्शित किया गया है।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
लेखक- सिमॉन ब्यूटीफॉ
* [http://www.samayiki.com/2009/02/why-slumdog-fails-to-move-me क्यों स्लमडॉग मिलियनेयर मुझे प्रभावित न कर सकी?]
 
== संदर्भ ==
विकास स्वरूप
{{Reflist}}
 
[[श्रेणी:सिनेमा]]
कलाकार- देव पटेल
 
[[ar:متشرد مليونير (فيلم)]]
फरीदा पिंटो
[[az:Xarabalıqdan olan milyonçu (film, 2008)]]
 
[[bm:Slumdog Millionnaire]]
अनिल कपूर
[[ca:Slumdog Millionaire]]
 
[[cs:Milionář z chatrče]]
इरफान खान
[[cy:Slumdog Millionaire (ffilm)]]
 
[[da:Slumdog Millionaire]]
तनय चड्डा
[[de:Slumdog Millionär]]
 
[[el:Slumdog Millionaire]]
सौरभ शुक्ला
[[en:Slumdog Millionaire]]
 
[[eo:Slumdog Millionaire]]
महेश मांजरेकर
[[es:Slumdog Millionaire]]
 
[[et:Rentslimiljonär]]
संगीतकार- ए आर रहमान
[[eu:Slumdog Millionaire]]
 
[[fa:میلیونر زاغه‌نشین]]
छायांकन- एंथनी डोड मांटले
[[fi:Slummien miljonääri]]
 
[[fr:Slumdog Millionaire]]
संपादन- क्राइस डिकेन्स
[[gl:Slumdog Millionaire]]
 
[[gu:સ્લમડોગ મિલિયોનેર]]
वितरण- फॉक्स सर्चलाइट पिक्चर्स
[[he:נער החידות ממומביי (סרט)]]
 
[[hr:Milijunaš s ulice]]
वार्नर ब्रदर्स
[[hu:Gettómilliomos]]
 
[[id:Slumdog Millionaire]]
पाथे
[[it:The Millionaire (film 2008)]]
 
[[ja:スラムドッグ$ミリオネア]]
रिलीज- 12 नवंबर 2008(अमेरिका, सीमित)
[[jv:Slumdog Millionaire]]
 
[[ka:ღარიბი მილიონერი]]
26 दिसंबर 2008(अमेरिका, सर्वत्र)
[[ko:슬럼독 밀리어네어]]
 
[[la:Slumdog Millionaire]]
09 जनवरी 2009(ब्रिटेन)
[[lt:Lūšnyno milijonierius (filmas)]]
 
[[lv:Graustu miljonārs]]
23 जनवरी 2009 (भारत)
[[mk:Милионер од гетото (филм)]]
 
[[ml:സ്ലംഡോഗ് മില്യണേർ]]
फिल्म की लंबाई- 120 मिनट
[[mr:स्लमडॉग मिलियोनेर (चित्रपट)]]
 
[[ms:Slumdog Millionaire]]
भाषा- हिंदी/अंग्रेजी
[[nl:Slumdog Millionaire]]
 
[[nn:Slumdog Millionaire]]
लागत- एक करोड़ पचास लाख डॉलर
[[no:Slumdog Millionaire – Han som hadde svar på alt]]
 
[[pa:ਸਲੰਮਡਾਗ ਮਿੱਲੀਅਨੇਰ]]
आमदनी- आठ करोड़ इकहत्तर लाख डॉलर
[[pl:Slumdog. Milioner z ulicy]]
== संक्षिप्त परिचय ==
[[pt:Slumdog Millionaire]]
स्लमडॉग मिलिनेयर वर्ष 2008 में बनी एक ब्रिटिश फिल्म है, जिसका निर्देशन डेन्नी बॉयल ने सह-निर्देशक लवलीन टंडन के साथ मिलकर की. इस फिल्म की कहानी कॉमनवेल्थ पुरस्कार द्वारा सम्मानित विकास स्वरूप की किताब क्यू एंड ए पर आधारित है. लवलीन टंडन ने कास्टिंग निर्देशक के तौर पर इस फिल्म में काम शुरू किया था, जिन्हें बाद में सह-निर्देशक के तौर पर फिल्म में चुना गया.
[[ro:Vagabondul milionar]]
 
[[ru:Миллионер из трущоб]]
फिल्म की साज-सज्जा और शूटिंग भारत में हुई. स्लमडॉग मिलिनेयर, मुंबई के धारावी झुग्गी-झोपड़ी के एक अनपढ़ युवक की कहानी है, जो एक अंग्रेजी रियलिटी शो, हू वान्ट्स टू बी ए मिलिनेयर के हिंदी संस्करण, कौन बनेगा करोड़पति के प्रतिभागी बनता है. जब वह लोगों की अपेक्षा के विपरीत प्रश्नों का उत्तर देता है तब शो के संचालक को संदेह पैदा हो जाता है और वह उसे पुलिस के हवाले कर देता है. कड़ी पूछताछ के बाद सच्चाई सामने आती है. युवक जितने भी प्रश्नों का उत्तर देता है, वह कहीं न कहीं उसके जीवन से जुड़ा होता है. सच्चाई जानने के बाद पुलिस उसे फिर से शो संचालक को सौंप देती है और इस तरह वह लड़का करोड़पति बन जाता है.
[[sa:स्लम्डाग् मिलियनेर्]]
 
[[sh:Slumdog Millionaire]]
तेल्लुराइड फिल्म महोत्सव और टोरंटो फिल्म महोत्सव में फिल्म के प्रदर्शन के बाद 12 नवंबर 2008 को इसे उत्तर अमेरिका में सीमित रूप से प्रदर्शित किया गया. बाद में 26 दिसंबर को इसे पूरे अमेरिका में रिलीज किया गया. बाइस जनवरी को इसका प्रीमियर मुंबई में रखा गया.
[[simple:Slumdog Millionaire]]
 
[[sl:Revni milijonar]]
गोल्डन ग्लोब में सर्वश्रेष्ठ ड्रामा फिल्म और क्रिटिक्स च्वॉइस अवोर्ड सहित छह में पांच वर्गों में इसे नामांकन मिला. इसे ग्यारह बाफ्टा और दस एकेडमी अवार्ड के लिए भी नामांकन मिला.
[[sr:Милионер са улице]]
 
[[sv:Slumdog Millionaire]]
स्लमडॉग की कहानी मुंबई के एक पुलिस इंस्पेक्टर(इरफान खान) से शुरू होती है, जो जमाल मलिक(देव पटेल) से पूछताछ करता है. जमाल मलिक, कौन बनेगा करोड़पति का एक प्रतिभागी है. जमाल को शो का अंतिम सवाल पूछा जाना है तभी संचालक उसे धोखाधड़ी के संदेह में पुलिस के हवाले कर देता है.
[[ta:சிலம்டாக் மில்லியனயர் (திரைப்படம்)]]
 
[[te:స్లమ్‌డాగ్ మిలియనీర్]]
पुलिसवाले उसके साथ काफी सख्ती बरतते हैं ताकि वह सच्चाई बयान कर सके, लेकिन जमाल अपनी बात पर अड़ा रहता है कि उसने कोई ठगी नहीं की. फिल्म की कहानी जमाल के पूर्वदीप्ति में जाती है और दर्शकों को एक-सवाल का जवाब स्वत: मिल जाता है. शो के संचालक ने जो-जो प्रश्न किए, उन सबों के उत्तर कहीं न कहीं उसके जीवन से जुड़े होते हैं. जमाल के जिंदगी के उन अंशों में, अमिताभ का हस्ताक्षर लेना, झुग्गी में हिंदू-मुस्लिम दंगे के दौरान उसकी मां की हत्या, लतिका नामक अनाथ लड़की से उसकी दोस्ती. जमाल थोड़े समय के लिए स्कूल जाता है और अपनी प्रिय पुस्तक द थ्री मस्कीटीयर्स के तीन पात्रों पर अपने भाई का नाम एथोज, अपना नाम पार्थोज और लतिका का नाम तीसरा मस्कीटीयर्स रखता है.
[[tg:Миллионери зоғанишин]]
 
[[th:สลัมด็อก มิลเลียนแนร์ คำตอบสุดท้าย...อยู่ที่หัวใจ]]
ये बच्चे कूड़े की ढेर पर भूखे प्यासे एक प्लास्टिक की छांव सोए रहते हैं. मैमन नामक गैंगेस्टर उन्हें वहां से इसलिए उठा ले जाता है कि आगे चलकर वे बच्चे उनके लिए भीख मांगकर ला सकेंगे. सलीम आखिरकार उसी के गैंग का हिस्सा बन जाता है. मैमन, सलीम से जमाल को अपने पास लाने के लिए कहता है, ताकि उसे अंधा बनाकर भीख मांगने लायक बनाया जा सके. सलीम अपने भाई को वहां लाता तो है, मगर उसे बचाने के लिए मैमन के खिलाफ विद्रोह कर देता है और तीनों बच्चे उसकी चंगुल के भागने की कोशिश करते हैं. सलीम और जमाल भागने में सफल हो जाता है, मगर लतिका पकड़ा जाती है. मैमन लतिका को वेश्यावृति के लिए तैयार करता है.
[[tr:Milyoner (film)]]
 
[[uk:Мільйонер із нетрів]]
सलीम और जमाल, दोनों भाई भागते हुए ट्रेन में लटक जाते है, ट्रेन की छत पर बैठकर, पेट भरने के लिए छोटा-मोटा सामान बेचते हुए, एक रोटी चुराने की जद्दोजेहद में ट्रेन से गिर जाते हैं और ताज कोरिडोर में पहुंच जाते हैं. ताज पहुंचकर वे पर्यटकों के मार्गदर्शक बनने का ढोंग रचते हैं, उनसे पैसे ऐंठते हैं और उनकी जेब काटते हैं. आखिरकार जमाल मुंबई जाकर लतिका को खोजने पर जोर डालता है. जब वे मुंबई पहुंचते हैं तो लतिका को वेश्यालय में पाते हैं, वहां उनका मैंमन से सामना हो जाता है. आपसी झड़प के दौरान सलीम पिस्तौल निकाल लेता है और मैमन को गोलीमार देता है. इस हत्याकांड का इस्तेमाल सलीम एक दूसरे गैंगेस्टर, जावेद के यहां नौकरी प्राप्त करने में करता है. वह अपने साथ लतिका को भी ले जाता है. जब जावेद इसका विरोध करता है तो सलीम उसे मारने की धमकी देता है. लतिका उसे ऐसा करने से रोकती है. वह सलीम को बताती है तो वह जमाल से प्रेम करती है. उसके ऐसा कहने से सलीम के दिल को ठेस पहुंचता है और वह टूट सा जाता है.
[[vi:Triệu phú ổ chuột]]
 
[[wuu:鸡窝生凤凰 (电影)]]
बाद के दिनों में जमाल एक कॉल सेंटर में चाय बचने लगता है और चायवाला के नाम से मशहूर हो जाता है. एक दिन वहां का एक कर्माचारी कुछ देर के लिए वहां बैठने के लिए कहता है तो कंप्यूटर के डाटा बेस में वह लतिका और सलीम नाम खोजता है. वह सलीम के संपर्क में आ जाता है, उस समय तक सलीम, जावेद के गैंग का विश्वसनीय गैंगेस्टर बन जाता है. एक दिन सलीम, जमाल को अपने पास जावेद के घर बुलाता है. वहां सलीम देखता है कि लतिका भी वहीं रह रही है. वहां से वह लतिका को भगाने की कोशिश करता है, लेकिन लतिका पकड़ा जाती है.
[[zh:貧民百萬富翁]]
 
इसके बाद जमाल का लतिका से संपर्क टूट जाता है. लतिका को नए घर में रखा जाता है. लतिका को पाने के लिए जमाल गेम शो में हिस्सा लेता है, उसे लगता है कि लतिका शो देख रही होगी. संचालक के अपमानजनक रवैये के बावजूद वह चौदह सवालों का सही सही जवाब दे देता है. पंद्रहवें सवाल के दौरान संचालक जमाल को संदेह के आधार पर पुलिस के हवाले कर देता है. पुलिस पूछताछ के दौरान जमाल को काफी प्रताड़ित करती है, यह जानने के लिए कि झुग्गी में रहने वाला एक लड़का इतने जटिल सवालों का सही जवाब कैसे दे दिया. पुलिस के सवालों के जवाब में सलीम अपने जीवन की कहानी कहता है और बताता है कि शो में पूछ गए सवाल कहीं न कहीं उसकी जिंदगी से जुड़े हुए हैं. सच्चाई जानने के बाद पुलिसवाले उसे फिर से शो में जाने की इजाजत दे देते हैं.
 
इधर, लतिका सलीम के घर पर टीवी शो देख रही है, जहां जमाल शो के अंतिम सवाल का जवाब देने वाला है. जब जमाल अपने अंतिम सवाल के लिए दोस्त को फोन विकल्प का इस्तेमाल करता है, फोन लतिका उठा लेती है, मगर उसके प्रश्न का उत्तर नहीं पता होता है. लेकिन जमाल विकल्पों में से सही उत्तर ढूंढने में कामयाब हो जाता है. वह तीसरे मस्कीटीयर्स का नाम अरमिज बताता है और दो करोड़ का शो जीत जाता है. उधर, सलीम लतिका को वहां से भगा देता है और खुद जावेद की गोली से मारा जाता है. अगली रात जमाल और लतिका स्टेशन पर मिलते है. फिल्म का अंत जय हो नाम के गाने से होता है.
== निर्माण ==
फिल्म की पटकथा सिमॉन ब्यूफॉय ने विकास स्वरूप के उपन्यास क्यू एंड ए के आधार पर लिखी है. कहानी में जीवंतता लाने के लिए ब्यूफॉय ने तीन बार भारत का दौरा किया और झुग्गियों में रहनेवाले बच्चों से बातचीत की. पटकथाकार का कहना है कि वह कहानी में झुग्गी झोपड़ी में रहनेवाले बच्चों का हास्य, उनकी बातचीत और भागदौड़ को वास्तविक रूप में दिखाना चाहते थे. साल 2006 में फिल्म कंपनी सीलेडर और फिल्म-4 ने निर्देशक डेन्नी बॉयल को स्लमडॉग मिलिनेयर की पटकथा पढ़ने के लिए आमंत्रित किया. शुरू-शुरू में, डेन्नी बॉयल हू वॉन्ट्स टू बी ए मिलिनेयर पर कोई फिल्म नहीं बनाना चाहते थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि पटकथा ब्यूफॉय ने लिखी है तो उन्होंने कहानी को पढ़ने पर हांमी भर दी. इससे पहले, डेन्नी बॉयल की पसंदीदा फिल्म द फूल मोंटी की पटकथा ब्यूफॉय ने ही लिखी थी. इसबार भी ब्यूफॉय की पटकथा ने डेन्नी को प्रभावित किया और उन्होंने इस फिल्म के निर्देशन का फैसला किया. फिल्म पर डेढ करोड़ डॉलर की लागत आनी थी, निर्माण कंपनी सीलेडर ने वितरकों को लागत उठाने के लिए कहा. वार्नर इंडेपेंडेंट पिक्चर्स ने पचास लाख डॉलर की पेशकश की, वहीं फॉक्स सर्चलाईट ने बीस लाख डॉलर देने की पेशकश की.
 
सितंबर 2007 में फिल्मनिर्माताओं ने मुंबई का दौरा किया और स्थानीय स्तर पर कलाकारों को चुनना शुरू किया. फिल्म के पांच कास्टिंग निर्देशकों में से एक लवलीन टंडन को भारत से चुना गया. लवलीन ने ब्रिटिश फिल्मकारों को समझाया कि फिल्म में जीवंतता लाने के लिए फिल्म के कुछ हिस्से को हिंदी में फिल्माया जाना जरूरी है. लवलीन की सलाह मानते हुए उन्हें ही हिंदी में संवाद लिखने को कहा गया. बाद में डैन्नी ने उन्हें सह-निर्देशक के तौर पर काम करने को कहा. अंत में डैन्नी ने फिल्म का एक तिहाई हिस्सा हिंदी में अनुवाद करने का फैसला किया. फिल्म वितरण कंपनी वार्नर इंडेपेंडेंट ने दस प्रतिशत हिंदी संवाद फिल्म में रखने को मंजूरी दे दी. पांच नवंबर 2007 को मुंबई के धारावी और जुहू के शांति टाउन में शूटिंग शुरू हुई.
 
यह फिल्म पूरी तरह भारतीय फिल्मों से प्रेरित है. फिल्म के सह-निर्देशक लवलीन टंडन ने इस फिल्म को व्यवसायिक हिंदी सिनेमा को समर्पित किया है. लवलीन सिंह का कहना है कि पटकथा लेखक ब्यूफॉय ने इस फिल्म को लिखने से पहले सलीम-जावेद के फिल्मों का गहराई से अध्ययन किया है. निर्देशक डेन्नी बॉयल, यश चोपड़ा निर्देशित और सलीम-जावेद लिखित फिल्म दीवार, रामगोपाल वर्मा की सत्या और कंपनी, अनुराग कश्यप की ब्लैक फ्राइडे के सेट्स से काफी प्रभावित हुए. बॉयल ने डी-कंपनी, अंडरवर्ल्ड और इनमें व्याप्त क्रूरता को भी देखा. बॉयल का कहना है कि स्लमडॉग से शुरूआती दृश्यों में पुलिसवाले द्वारा बच्चों को खदेड़ने का दृश्य फिल्म ब्लैक फ्राइडे से प्रेरित होकर रखा गया है. बॉयल, दीवार को विशुद्ध रूप से भारतीय सिनेमा करार देते हैं. इस फिल्म में अमिताभ का चरित्र गैंगेस्टर हाजी मस्तान से प्रेरित है. स्लमडॉग की शुरुआत में जमाल को अमिताभ का ऑटोग्राफ लेते हुए दिखाया गया है. अनिल कपूर बताते हैं फिल्म के कुछ दृश्य दीवार से प्रेरित होकर फिल्माये गए हैं.
 
इस फिल्म के गेम शो हू वॉन्ट्स टू बी ए मिलिनेयर के संचालक की भूमिका के लिए, पहले शाहरूख खान को कहा गया, उनके मना कर देने पर अनिल कपूर ने ये भूमिका निभायी. स्लमडॉग के कार्यकारी निर्माता और सीलेडर फिल्म्स के अध्यक्ष पॉल स्मिथ, हू वॉंट्स टू बी ए मिलिनेयर की मूल कृति के रचयिता है.
 
== कलाकार ==
देव पटेल यानी जमाल मलिक- मुंबई की झुग्गी झोपड़ी में जन्मा और पला-बढ़ा एक मुस्लिम युवक. जमाल की भूमिका के लिए बॉयल ने सैंकड़ों युवकों को जांचा-परखा.
 
आयुष महेष खेडकर यानी छोटा जमाल
 
तनय चड्ढा- किशोर जमाल
 
फ्रैदा पिंटो- लतिका- जमाल की प्रेमिका. पिंटो देशी मॉडल हैं, जिन्होंने इसी फिल्म से अपनी फिल्मी पारी शुरू की हैं.
 
रुबीना अली- छोटी लतिका
 
तन्वी गणेश लोनकर-किशोरी लतिका
 
माथुर मित्तल यानी सलीम यानी जमाल का बड़ा भाई
 
अहरुद्दीन मोहम्मद इस्माइल-छोटा सलीम
 
आशुतोष लोबो गाजीवाला- किशोर सलीम
 
अनिल कपूर यानी प्रेम कुमार- गेम शो के संचालक
 
इरफान खान- पुलिस इन्सपेक्टर
 
सौरभ शुक्ला- कांस्टेबल श्रीनिवास
 
महेश मांजरेकर- जावेद/राजा
== रिलीज ==
अगस्त 2007 में वार्नर इंडेपेंडेंट पिक्चर्स ने अमेरिका और पाथे ने दुनियाभर में इस फिल्म के वितरण का अधिकार प्राप्त कर लिया. वार्नर पिक्चर्स ने इस फिल्म के लिए पचास लाख डॉलर खर्च किए, मगर उसे फिल्म से ज्यादा आशाएं नहीं थी. इसलिए उसने फिल्म का अधिकार बेचने का फैसला किया. बाद में वार्नर और फॉक्स सर्च लाइट ने बराबर की साझेदारी पर फिल्म के वितरण का फैसला किया.
== उत्तरी-अमेरिका ==
पहलीबार तीस अगस्त 2008 को तेल्लुराइड फिल्म महोत्सव में इस फिल्म का प्रदर्शन किया गया, जहां दर्शकों ने इसे काफी सराहा. इसके बाद सात सितंबर को इसे टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया, यहां भी इसे काफी लोकप्रियता हासिल हुई और फिल्म ने पीपल्स च्वाइस अवार्ड जीता. पहलीबार बारह नवंबर 2008 को सीमित प्रिंटों के साथ इसे उत्तर अमेरिका में रिलीज किया गया. बाद में छब्बीस दिसबंर 2008 को पूरे अमेरिका में इसे रिलीज कर दिया गया.
 
पहले सप्ताह में महज दस सिनेमाघरों से इस फिल्म में तीन लाख पचास हजार डॉलर की कमाई की. दूसरे सप्ताह में जब बत्तीस सिनेमाघरों में ये फिल्म रिलीज की गई तो फिल्म ने नौ लाख सैंतालिस हजार डॉलर की कमाई की. फिल्म का ज्यादातर प्रचार लोगों ने एक दूसरे से कहकर किया. इस साल के जनवरी महीने में ये फिल्म चौदह सौ ग्यारह सिनेमाघरों तक पहुंच गई. अट्ठाइस जनवरी 2009 तक यह फिल्म अकेले अमेरिका में कुल पांच करोड़ अट्ठहत्तर लाख उनहत्तर हजार पैंतालिस डॉलर की कमाई कर चुकी है. पूरी दुनिया में इसकी कमाई का आंकड़ा आठ करोड़ तिरसठ लाख, बीस हजार एक सौ नौ रुपये तक जा पहुंचा है.
== ब्रिटेन ==
ब्रिटेन में यह फिल्म नौ जनवरी 2009 को रिलीज हुई. दूसरे ही सप्ताह में इसने बॉक्स ऑफिस पर कीर्तिमान स्थापित कर दिया. दूसरे सप्ताह में फिल्म देखने वालों की संख्या में सैंतालिस प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. यह अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है. यह वृद्धि फिल्म को चार गोल्डन ग्लोब और ग्यारह बाफ्टा पुरस्कारों के मिलने के बाद हुई. स्लमडॉग के रिलीज होने के मात्र ग्यारह दिनों में इस फिल्म ने यहां इकसठ लाख डॉलर की कमाई की. कुछ मिलाकर इस फिल्म ने यहां बीस मिलियन डॉलर की कमाई की.
== भारत ==
भारत में इस फिल्म का प्रीमियर बाइस जुलाई 2009 को हुआ, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री की नामी-गिरामी हस्ती वहां मौजूद थी. भारत में फिल्म के मूल संस्करण के साथ-साथ डब संस्करण भी रिलीज हुआ. 23 जनवरी को पूरे भारत में फिल्म की 351 प्रिंट रिलीज की गई. पहले सप्ताह में इसने बाइस लाख डॉलर की कमाई की. पहले सप्ताह में सिनेमाघरों की पच्चीस प्रतिशत सीटें भरी तो दूसरी सप्ताह पचास प्रतिशत. हालांकि भारतीय फिल्मों की लिहाज से इसे बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं माना जा सकता है, लेकिन फॉक्स फिल्म ने भारत में इस फिल्म ने अब तक सबसे ज्यादा कमाई की. कमाई के मामले में इसने फॉक्स की फिल्में स्पाइडर मैन-3 औप कैसिनो-रॉयल को भी पीछे छोड़ दिया. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की सफलता को लेकर भारतीय फिल्मकारों का कहना है कि भारत में ज्यादातर लोग फिल्म स्लमडॉग का मतलब भी नहीं समझते है, यही इस फिल्म के साथ दिक्कत है. दूसरी ये कि अनिल कपूर को छोड़कर इस फिल्म में कोई जाना माना कलाकार नहीं है. तीसरी ये कि झुग्गी झोपड़ी में रहने वाला लड़का अंग्रेजी बोलता है ये बात किसी को हजम नहीं हुआ. हालांकि फिल्म का हिंदी संस्करण काफी सफल रहा है.
== पश्चिमी दुनिया की प्रतिक्रियाएं ==
आलोचकों ने स्लमडॉग को मूल रूप से विदेशी फिल्म करार दिया. रोटेन टोमैटोज ने फिल्म को सौ में से चौरानवे अंक दिया. वहीं मूवी सिटी न्यूज ने साल की तीसरी बड़ी फिल्म बताया. शिकागो सन टाइन्स ने फिल्म को फोर स्टार करार दिया. उसकी समीक्षा कुछ इस प्रकार थी, सांस रोकनेवाली, उत्तेजना भर देने वाली कहानी, दिल को दहला देने वाली. वाल स्ट्रीट जर्नल ने इस फिल्म पहली वैश्विक मास्टरपीस करार दिया है.
== भारतीय आलोचकों की प्रतिक्रियाएं ==
भारत में इस फिल्म पर व्यापक और मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. फिल्म समीक्षकों ने इसे खुले दिल स्वीकार किया है. टाइम्स ऑफ इंडिया में निखत काजमी ने लिखा है, परी कथा की तरह, जिसमें थोड़ा रोमांच भी है, साथ ही कलाकाल की अंतर्दृष्टि भी. वे फिल्म के आलोचकों की आलोचना करते हुए लिखते हैं कि धाराबी इर्द-गिर्द के जीवन पर वृतचित्र बनाने को कोई मतलब नहीं है. इंडियाटाइम्स में रेणुका कहती है कि यह फिल्म सचमुच में भारतीय फिल्म है. वे आगे कहती है कि यह मुंबई की जिंदगी पर आधारित और यहीं बनी अब तक सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक है.
 
दूसरी ओर, फिल्म समीक्षक, गौतम भास्करन कहते हैं कि इस फिल्म में कुछ भी भारतीय नहीं है. उन्होंने इस फिल्म को छिछला, संवेदनहीन करार दिया. प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक, सुभाष के झा इसे अतिमहत्वाकांक्षी, मगर निराशाजनक फिल्म बताते हैं. वे कहते हैं कि जिस पटकथा पर यह फिल्म बनी है, उस कथा पर मीरा नायर सलाम बांबे और सत्यजीत राय अपु त्रिलोजी बना चुके हैं. बीबीसी इस फिल्म पर कहता है कि यह भारतीय फिल्मों की नकल है. बीबीसी सलाह देता है कि अगर आप मुंबई की सच्चाई देखना चाहते हैं तो उठा लाइये रामगोपाल वर्मा की सत्या की डीवीडी.
 
अभिनेता अमीर खान ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि यह भारतीय फिल्म है. आमिर ने कहा कि सर रिचर्ड एटिनबोरो की गांधी सही मायनों में एकमात्र भारतीय फिल्म थी. उन्होंने कहा कि स्लमडॉग भारत के बारे में है, लेकिन भारतीय फिल्म नहीं है. हमें आशा है कि यह फिल्म ऑस्कर में अच्छा करेगी. हमें नहीं लगता है कि यहां देशी या विदेशी से कुछ लेना-देना है. फिल्मकार प्रियदर्शन कहते हैं कि यह भारतीय व्यवसायिक सिनेमा की तरह है. चूंकि विदेशी लोग हमें गंदा, शोषित देखना पसंद करते हैं, इसमें मुंबई की खूबसूरती कहां है.
 
साहित्यकार सलमान रश्दी कहते हैं कि वे स्लमडॉग के बड़े फैन नहीं है. फिल्म में तीन-चार जगह स्टोरी लाइन तोड़ी गई है.
== पुरस्कार और सम्मान ==
अखबारों और पत्र-पत्रिकाओं में फिल्म को खूब वाहवाही मिली. इस फिल्म को चार गोल्डन ग्लोब और ग्यारह बाफ्टा अवोर्ड मिले हैं. इसके साथ ही इसे ऑस्कर अवोर्ड के दस वर्गों में नामांकित किया गया है.
== संगीत ==
स्लमडॉग के लिए संगीत दिया है ए आर रहमान ने. इस फिल्म के लिए रहमान को 2009 का गोल्डन ग्लोब बेस्ट ऑरिजिनल स्कोर अवार्ड मिला है. रहमान को ऑस्कर के तीन वर्गों में भी नामांकित किया गया है. वहीं गुलजार को जय हो के लिए ऑस्कर में नामांकित किया गया है.
== फिल्म पर विवाद ==
छियासीवें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड की घोषणा के बाद, शिकागो फिल्म समालोचकों ने डैन्नी बॉयल के साथ सह-निर्देशक लवलीन टंडन को भी सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार देने के लिए ऑनलाइन आंदोलन चलाया. आंदोलनकर्ता जैन लीसा हटनर का कहना है कि जब लवलीन फिल्म निर्माण प्रक्रिया में शामिल हुई तो पुरस्कारों में इन्हें दरकिनार क्यों किया गया. बाद में लवलीन ने कहा कि वे इस तरह के आंदोलन से शर्मिदगी महसूस करती हैं और उन्हें यह पुरस्कार नहीं चाहिए.
 
इस फिल्म पर मेगास्टार अमिताभ बच्चन की टिप्पणी से भी भारी विवाद खड़ा हुआ. अमिताभ की टिप्पणी कई मायने में महत्वपूर्ण है. चूंकि फिल्म की शुरुआत में अमिताभ द्वारा जमाल को ऑटोग्राफ देते दिखाया जाता है, अमिताभ ही कौन बनेगा करोड़पति के संचालक थे. तेरह जनवरी 2009 को अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर फिल्म के कुछ हिस्से पर भारी ऐतराज जताया. अमिताभ ने कहा, दुनिया में कहां गरीबी, मुखलिसी नहीं है, क्या विकसित देशों के लोग गरीब नहीं है, तो फिर विकासशील भारत की गरीबी को मजाक क्यों बनाया जाता है. आगे उन्होंने कहा कि एक भारतीय की किताब पर एक विदेशी ने फिल्म बनायी इसलिए इस फिल्म को गोल्डन ग्लोब मिल जाता है, अगर किसी विदेशी की ये फिल्म नहीं होती तो इसे यह पुरस्कार नहीं मिलता. अमिताभ की इस टिप्पणी पर भारी विवाद हुआ. बाद में अमिताभ ने अपनी टिप्पणी पर सफाई भी दी.
== विरोध और कानूनी पक्ष ==
फिल्म के रिलीज होने के बाद इसकी व्यापक आलोचना हुआ. कई लोगों ने फिल्म के खिलाफ कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की. फिल्म पर देश की गरीबी को विदेशी नजरिये से देखने और दिखाने का आरोप लगाया गया. स्लम-ड्वेलर्स वेल्फेयर ग्रुप ने फिल्म के संगीतकार ए आर रहमान और अभिनेता अनिल कपूर के खिलाफ मानहानि का दावा भी ठोका. इन पर आरोप लगाया गया कि फिल्म में झुग्गी-झोपड़ी में रहनेवालों को गलत तरीके से दिखाया गया, जो मानवाधिकार का उल्लंघन है. फिल्म में स्लमडॉग शब्द के इस्तेमाल पर भी ऐतराज जताया गया. सामाजिक कार्यर्ता निकोलस अल्मैदा ने निजी फायदे के लिए गरीबों के शोषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने स्लमडॉग शब्द को गरीबों के लिए अपमानजनक बताया.इस तरह के प्रदर्शन देश के दूसरे भागों में भी हुआ. हिंदू जन जागृति समिति ने फिल्म में राम को दिखाने पर ऐतराज जताया.
 
== बाल कलाकार ==
स्लमडॉग की सफलता के बाद फिल्मकार मालामाल हो गए. लागत से दस गुना से भी ज्यादा पैसा कमाया. लेकिन इस फिल्म के बाल कलाकार आज भी उसी स्लम में रहते हैं, जहां वे पहले रहते थे. जानकर आश्चर्य होता है कि फिल्म के इन बाल कलाकारों को महज कुछ रुपयों पर फिल्म में काम कराया गया. फिल्म में रूबीना अली(लतिका) और अहरुद्दीन इस्माइल(सलीम) को एक आम मजदूर से महज तीन गुनी मजदूरी दी गई. इस्माइल के घर को स्थानीय अधिकारियों ने गिरा दिया और वो अब प्लाटिक के टेंट में रहता है. इस्माइल टीबी से गस्त है. इस बात तो निर्देशक बॉयल ने भी माना और रूबीना-इस्माइल के लिए एक ट्रस्ट बनाने की बात भी कही, लेकिन ट्रस्ट में कितना पैसा दिया गया, किसी को नहीं मालूम.
 
== बाहरी कड़ियां ==
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