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'''रेश्मा''' एक लोकसंगीत की गायिका हैं। वे पाकिस्तान में बसी हुईं हैं लेकिन दोनों भारत और पाकिस्तान में उन्होंने ख्याति प्राप्त की है।
 
== बचपन और व्यक्तिगत जीवन ==
रेश्मा का जन्म [[राजस्थान]] राज्य की [[रतनगढ़]] तहसील के लोहा गाँव में लगभग १९४७ में एक बंजारों के परिवार में हुआ।<ref>[http://www.banjaratimes.com/32737/25806.html Banjaran singer Reshma], ''Banjara Times''</ref> [[भारत विभाजन]] के कुछ देर बाद उनका परिवार पाकिस्तान में जा बसा।<ref>[http://news.bbc.co.uk/1/hi/world/south_asia/941408.stm Festive celebrations in Rajasthan]</ref> उनका कहना है की शास्त्रीय संगीत में उनको कोई शिक्षा हासिल नहीं हुई।<ref name=hindu>[http://www.hindu.com/mp/2004/02/16/stories/2004021600480100.htm The singer, the song]</ref> रेश्मा नें एक इंटरव्यू में कहा है के "मेरा जन्म बीकानेर राजस्थान के पास एक क़स्बे में एक सौदागरों के परिवार में हुआ। जन्म का साल तो मुझे मालूम नहीं लेकिन मुझे बताया गया के जब मुझे १९४७ में पाकिस्तान लाया गया तो मेरी चंद माह की ही उम्र थी। मेरे परिवार वाले बीकानेर से ऊँट ले जाकर और जगहों पर बेचते थे और वहां से गाय-बकरियां वापस ला कर घर के पास बेचते थे। मैं बंजारों के एक बड़े क़बीले से हूँ और मेरा परिवार हमेशा इधर से उधर सफ़र ही करता रहता था। हम में से कईं अब लाहोर और कराची में बस गए हैं लेकिन जब भी हमें फिर सफ़र याद आता है हम बोरिया-बिस्तर बाँध के चल देतें हैं।"<ref>http://pakistaniat.com/2008/01/06/pakistan-reshma-reshman-son-folk-song/</ref>
 
रेश्मा अनपढ़ हैं और अनौपचारिक तरीक़े से बोलती हैं। उन्होंने हमेशा भारत-पाकिस्तान मित्रता को बढ़ाने की बात की है। रेश्मा ने सुश्री इन्दिरा गान्धी के सामने भी गाया है। रेश्मा ठेठ पंजाबी बोलतीं हैं।<ref>http://www.mouthshut.com/CoolWater/diary</ref> १९४७ के विभाजन के बाद, जनवरी २००६ में जब पंजाब के दोनों हिस्सों के बीच लाहोर-अमृतसर बस पहली बार चली तो सबसे पहली बस पर २६ यात्री थे, जिसमे से १५ पाकिस्तान सरकार के अफ़सर थे। बाक़ी यात्रियों में से ७ रेश्मा और उनके परिवारजन थे।<ref>[http://news.bbc.co.uk/1/hi/world/south_asia/4630726.stm India-Pakistan bus links Punjab - BBC News]</ref><ref>[http://www.dawn.com/2006/01/17/nat33.htm Seven seats booked yet: Lahore-Amritsar bus]</ref>
 
== प्रसिद्धि ==
रेश्मा सब से पहले रेडिओ पाकिस्तान पर गाने गाकर मशहूर हुईं थीं।<ref>http://www.banjaratimes.com/32737/25806.html</ref><ref>http://www.livetv.pk/singer/reshma.html</ref> उनके सब से जाने माने गानों में "''[[दमादम मस्त क़लन्दर]]''", "''हाय ओ रब्बा, नहियो लाग्दा दिल मेरा''", "''सुन चरख़े दी मिट्ठी-मिट्ठी कूक माहिया मईनु याद आउंदा''", "''वे मैं चोरी-चोरी''" और "''अक्खियाँ नूं रैह्न दे अक्खियाँ दे कोल''" शामिल हैं। "''अक्खियाँ नूं रैह्न दे अक्खियाँ दे कोल''" को [[राज कपूर]] ने १९७३ में बनी फ़िल्म [[बॉबी (1973 फ़िल्म)|बॉबी]] में हिंदी में अनुवादित कर के "''अक्खियों को रहने दे अक्खियों के पास''" के रूप में डाला। धीरे-धीरे रेश्मा के गाने सीमा पार कर के भारत में लोकप्रिय होने लगे। १९८०-९० के अरसे में जब भारत-पाकिस्तान के दरमयान कलाकारों को आने-जाने की छुट दी गयी, तो रेश्मा नें भारत में गाने गाये। [[सुभाष घई]] नें अपनी फ़िल्म 'हीरो' में उनसे "''लम्बी जुदाई''" गवाया जो बहुत चला।<ref>http://www.the-south-asian.com/feb2004/reshma__encore_in_india.htm</ref>
 
रेश्मा नें पंजाबी और हिंदी-उर्दू के अलावा सिन्धी, राजस्थानी, पहाड़ी-डोगरी और पश्तो में गाने गाये हैं।
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[दमादम मस्त क़लन्दर]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.youtube.com/watch?v=kowARsNeMqo रेश्मा हिंदी गीत "लम्बी जुदाई" गाते हुए (यु-ट्यूब पर)]
* [http://www.youtube.com/watch?v=-UmcnTrJCzw रेश्मा पंजाबी गीत "अक्खियाँ नूं रैहन दे" गाते हुए (यु-ट्यूब पर)]
 
== सन्दर्भ ==
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"https://hi.wikipedia.org/wiki/रेशमा" से प्राप्त