"स्वप्नवासवदत्ता": अवतरणों में अंतर

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'''स्वप्नवासवदत्ता''', महाकवि [[भास]] का प्रसिद्ध [[संस्कृत]] [[नाटक]] है।
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== कथानक ==
पुरुवंशीय उदयन वत्स राज्य के राजा थे। उनकी राजधानी का नाम कौशाम्बी था। उन्हीं दिनों अवन्ति राज्य, जिसकी राजधानी उज्जयिनी थी, में प्रद्योत नाम के राजा राज्य करते थे। महाराज प्रद्योत एक अत्यन्त विशाल सैन्य-बल के स्वामी थे इसलिये उन्हें महासेन के नाम से भी जाना जाता था। महाराज उदयन के पास घोषवती नामक एक दिव्य वीणा थी। उनका वीणा-वादन अपूर्व था। एक बार प्रद्योत के अमात्य शालंकायन ने छल करके उदयन को कैद कर लिया। उदयन के वीणा-वादन की ख्याति सुनकर प्रद्योत ने उन्हे अपनी पुत्री वासवदत्ता के लिये वीणा-शिक्षक नियुक्त कर दिया। इस दौरान उदयन और वासवदत्ता मे मध्या एक दूसरे के प्रति आसक्ति जागृत हो गई।
 
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इस नाटक के एक दृश्य में उदयन समुद्रगृह में विश्राम करते रहते हैं। वे स्वप्न में ‘हा वासवदत्ता’, ‘हा वासवदत्ता’ पुकारते रहते हैं उसी समय अवन्तिका (वासवदत्ता) वहाँ पहुँच जाती हैं। वे उनके लटकते हुये हाथ को बिस्तर पर रख कर निकल जाती हैं किन्तु उसी समय उदयन की नींद खुल जाती है। वे निश्चय नहीं कर पाते कि उन्होंने वास्तव में वासवदत्ता को देखा है अथवा स्वप्न में। इसी घटना के के कारण नाटक का नाम ‘स्वप्नवासवदत्ता’ रखा गया।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://dhankedeshme.blogspot.com/2010/05/blog-post_07.html महाकवि भास का प्रसिद्ध नाटक स्वप्नवासवदत्ता] (श्री जीके अवधिया, 'धान के देश में' हिन्दी चिट्ठा)
* [http://knol.google.com/k/स-वप-नव-सवदत-त-एक-अत-यन-त-र-चक-स-स-क-त-न-टक# स्वप्नवासवदत्ता : एक अत्यन्त रोचक संस्कृत नाटक]
* [http://dhankedeshme.blogspot.com/2010/10/1.html '''स्वप्न वासवदत्ता - अंक 1'''] (संस्कृत नाटक का संपादित सरल हिन्दी रूपान्तर)
* [http://agoodplace4all.com/?p=3239 '''स्वप्न वासवदत्ता – अंक 2-3'''] (संस्कृत नाटक का संपादित सरल हिन्दी रूपान्तर)
* [http://dhankedeshme.blogspot.com/2010/10/4.html '''स्वप्न वासवदत्ता - अंक 4'''] (संस्कृत नाटक का संपादित सरल हिन्दी रूपान्तर)
 
[[श्रेणी:संस्कृत ग्रंथ]]