"अंश (वित्त)": अवतरणों में अंतर

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इस विधि में निवेशक को ऑफर किए शेयर का शुद्ध मूल्य का अनुमान नहीं हो पाता है। इसकी बजाय कंपनी शेयर के लिए सांकेतिक मूल्य रेंज तय करती है। निवेशक अपनी क्षमता के अनुसार अलग-अलग शेयरों के लिए बोली लगाते हैं। ये बोली तय मूल्य परास के भीतर की कुछ भी हो सकती है।<ref name="ऐसापैसा"/> शेयरों के लिए आई बोली की मात्रा को देखते हुए शेयर की कीमत तय की जाती है, और जितने भी निवेशकों ने इसके लिए आवेदन किया होता है उन्हें इसी कीमत पर शेयर दिए जाते हैं, चाहे उन्होंने बोली में कोई और रकम तय की हो। आर्थिक क्षेत्र में प्रचलित है कि बुक बिल्डिंग विधि के जरिए शेयर की बेहतर कीमत मिल पाती है। ओवरसब्सक्रिप्शन होने पर कंपनी ग्रीनहाउस ऑप्शन पर भी जा सकती है।
 
=== ग्रीनहाउस- ग्रीनसु विकल्प ===
प्रायः अधिकांश दातर अच्छी कंपनियों के आईपीओ तय सीमा से कई गुना अधिक बिकते हैं यानी ओवरसब्सक्राइब हो जाते हैं। ऐसे में कंपनी ग्रीनहाउस विकल्प का प्रयोग भी कर सकती है।<ref name="ऐसापैसा"/> इसके द्वारा कंपनी अतिरिक्त शेयर जारी कर सकती है ताकि वो निवेशकों की मांग को पूरा पाये। हालांकि ओवरसब्सक्रिप्शन के अनुपात के बारे में कंपनी को अपने ऑफर डॉक्यूमेंट में पहले से ही बताना आवश्यक होता है।
 
इस प्रकार इन तीनों तरीकों से आवंटित हुए शेयर निवेशक, संस्थान या कंरनी के डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं।
 
== शेयर, अंश या हिस्सा ==
व्यक्ति की चलसंपत्ति दो प्रकार की होती है - भोगाधीन वस्तु (Chose in possession) और वादप्राप्य स्ववस्तु (Chose in action)। भोगाधीन वस्तु के माने हैं वह संपत्ति जो आपके वास्तविक व्यक्तिगत अधिकार में है लेकिन वादप्राप्य स्ववस्तु के माने वह संपत्ति है जो आपके तात्कालिक अधिकार में नहीं है। उसपर आपका अधिकार है जिसे वैधानिक कार्रवाई द्वारा क्रियान्वित किया जा सकता है। यह अधिकार सामान्यतया एक आलेख (Document) द्वारा प्रमाणित होता है, उदाहरणार्थ - रेलवे की रसीद द्वारा। प्रमंडल (कंपनी या समवाय) में एक अंश (हिस्सा या शेयर) भी वादप्राप्य स्ववस्तु है और अंशपत्र उसका प्रमाण है। लेकिन भारतवर्ष में अंश माल (Goods, गुड्स) माना जाता है। प्रमंडल (समवाय) अधिनियम (Company act) 1956 की धारा 82 की परिभाषा में कहा गया है कि प्रमंडल में किसी व्यक्ति का अंश या अन्य निहित स्वार्थ 'चल संपत्ति' माना जाएगा। वस्तुविक्रय अधिनियम (Sale of Goods Act) में वस्तु या माल की परिभाषा में हर प्रकार की चल संपत्ति सम्मिलित है। इसलिए प्रमंडल के अंश केवल वादप्राप्य स्ववस्तु ही नहीं, अपितु वस्तु या माल (गुड्स) भी हैं।
 
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<references />
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[भागीदार]] या साझीदार या अंशधारक
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/6226559.cms क्या है शेयरों में निवेश का बुनियादी फंडा?]
* [http://www.svtuition.org/2009/03/how-to-calculate-value-of-share.html शेयरो का मुल्य केसे निकाले?]
 
{{निवेश प्रबंधन}}