"लक्ष्मीचंद्र जैन": अवतरणों में अंतर
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हिंदी के नये ढंग के गद्य-लेखकों में आपका नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। कई नये प्रकार के गद्य-माध्यमों का भी आपने प्रयोग किया है। 'ज्ञानोदय' के अंकों में प्रकाशित 'जो वे स्वयं न कह पाए' इसी प्रकार की रचनाएँ हैं। विभिन्न लेखकों के सहयोग से प्रस्तुत धारावाहिक उपन्यास 'ग्यारह सपनों का देश' की नियोजना भी आपने की। स्फुट विषयों पर लिखे गए निबंधों के संकलन 'काग़ज़ की किश्तियाँ' (1958 ई.) तथा 'नए रंग, नए ढंग' (1961 ई.) शीर्षक से प्रकाशित आपकी प्रमुख कृतियाँ हैं।<ref>{{cite book |last=वर्मा |first= धीरेन्द्र|title= हिन्दी साहित्य कोश भाग-२|year= १९८५ |publisher= ज्ञानमंडल लिमिटेड, वाराणसी, उ.प्र.|location= वाराणसी, भारत|id= |page= 544|editor: |accessday= १७|accessmonth=अक्तूबर|accessyear=2007}}</ref>
== संदर्भ ==
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*[[श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन]]▼
*[[श्रेणी:साहित्य]]▼
*[[श्रेणी:हिन्दी साहित्य]]▼
*[[श्रेणी: लेखक]] ▼
[[श्रेणी:हिन्दी गद्यकार]] ▼
{{हिंदी साहित्यकार}}
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