"भारत भूषण": अवतरणों में अंतर

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'''भारत भूषण''' हिन्दी फिल्मों के एक [[अभिनेता]] हैं ।
 
== व्यक्तिगत जीवन ==
अपने अभिनय के रंगों से कालिदास, तानसेन, कबीर और मिर्जा गालिब जैसे चरित्रों को नया रूप देने वाले अभिनेता भारत भूषण का सितारा भी कभी इतनी गर्दिश में पड़ गया था कि उन्हें अपना गुजारा चलाने के वास्ते दोयम दर्जे की फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं करने को मजबूर होना पड़ा था।
 
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भारत भूषण के फिल्मी करियर में निर्माता-निर्देशक सोहराब मोदी की फिल्म मिर्जा गालिब का अहम स्थान है। इस फिल्म में भारत भूषण ने शायर मिर्जा गालिब के किरदार को इतने सहज और असरदार ढंग से निभाया कि यह गुमां होने लगता है कि गालिब ही परदे पर उतर आए हों। बेहतरीन गीत-संगीत, संवाद और अभिनय से सजी यह फिल्म बेहद कामयाब रही और इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ संगीत के राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। इस फिल्म के लिए गजलों के बादशाह तलत महमूद की मखमली और गायिका, अभिनेत्री सुरैया की मिठास भरी आवाजों में गाई गई गजलें और गीत बेहद मकबूल हुए .., आह को चाहिए इक उम्र असर होने तक.., फिर मुझे दीदए तर याद आया.., दिले नादां तुझे हुआ क्या है.., मेरे बांके बलम कोतवाल.., कहते हैं कि गालिब का है अंदाज-ए-बयां कुछ और भारत भूषण ने लगभग 143 फिल्मों में अपने अभिनय की विविधरंगी छटा बिखेरी और अशोक कुमार, दिलीप कुमार, राजकपूर तथा देवानंद जैसे कलाकारों की मौजूदगी में अपना एक अलग मुकाम बनाया। बाद में उन्होंने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रखा, लेकिन उनकी कोई भी फिल्म बॉक्स आफिस पर सफल नहीं रही। उन्होंने 1964 में अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म दूज का चांद का निर्माण किया, लेकिन इस फिल्म के भी बॉक्स आफिस पर बुरी तरह पिट जाने के बाद उन्होंने फिल्म निर्माण से तौबा कर ली। वर्ष 1967 में प्रदर्शित फिल्म तकदीर नायक के रूप में भारत भूषण की अंतिम फिल्म थी। इसके बाद वह माहौल और फिल्मों के विषय की दिशा बदल जाने पर चरित्र अभिनेता के रूप में काम करने लगे, लेकिन नौबत यहां तक आ गई कि जो निर्माता-निर्देशक पहले उनको लेकर फिल्म बनाने के लिए लालायित रहते थे। उन्होंने भी उनसे मुंह मोड़ लिया। इस स्थिति में उन्होंने अपना गुजारा चलाने के लिए फिल्मों में छोटी-छोटी मामूली भूमिकाएं करनी शुरू कर दीं। बाद में हालात ऐसे हो गए कि भारत भूषण को फिल्मों में काम मिलना लगभग बंद हो गया। तब मजबूरी में उन्होंने छोटे परदे की तरफ रुख किया और दिशा तथा बेचारे गुप्ताजी जैसे धारावाहिकों में अभिनय किया। हालात की मार और वक्त के सितम से बुरी तरह टूट चुके हिंदी फिल्मों के स्वर्णिम युग के इस अभिनेता ने आखिरकार 27 जनवरी 1992 को 72 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया<ref>http://in.jagran.yahoo.com/cinemaaza/cinema/memories/201_201_8197.html</ref>।
 
== भारत भूषण मार्ग का लोकार्पण ==
महान फिल्म अभिनेता स्व. भारत भूषण मार्ग का लोकार्पण [[अलीगढ़]] के महापौर ने किया। डा. एसए आजमी ने कहा कि भारत भूषण को महान हस्तियों में गिना जाता है। इस अवसर पर ''स्व. भारत भूषण के भतीजे'' '''दिनेश गुप्ता''' ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए हृदय से स्वागत किया। इसमें हास्य कवि [[प्रेम किशोर पटाखा]],[[अनीस पेंटर]] आदि मौजूद रहे<ref>http://www.google.co.in/url?q=http://www.jagran.com/uttar-pradesh/aligarh-city-8533464.html&sa=U&ei=7VUBUKSoEafPmAXMgPnrCQ&ved=0CBIQFjAA&sig2=IpZDy2w9xoC6WXm98lAbWA&usg=AFQjCNGMpCUbvzPORZXKBGG3rN0p6f14KA</ref>।
 
== प्रमुख फिल्में ==
{| border="2" cellpadding="4" cellspacing="0" width="95%" style="margin: 1em 1em 1em 0; background: #f9f9f9; border: 1px #aaa solid; border-collapse: collapse; font-size: 95%;"
|- bgcolor="#CCCCCC" align="center"
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== नामांकन और पुरस्कार ==
=== [[फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार]] ===
* [[1955]] - [[फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार]] - [[श्री चैतन्य महाप्रभु (1954 फ़िल्म)|श्री चैतन्य महाप्रभु]]
 
== संदर्भ ==
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://in.jagran.yahoo.com/cinemaaza/cinema/memories/201_201_8197.html भारत भूषण का सितारा भी पड़ा था गर्दिश में ] (दैनिक जागरण)
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[[श्रेणी:बॉलीवुड]]
[[श्रेणी:अभिनेता]]
[[श्रेणी:हिन्दी अभिनेता]]
 
 
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