"फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान": अवतरणों में अंतर

छो r2.7.3) (रोबॉट: es:Parque Nacional del Valle de las Flores की जगह es:Parque nacional del Valle de las Flores जोड़ रहा है
छो Bot: अंगराग परिवर्तन
पंक्ति 21:
 
== इतिहास ==
[[किंवदंती]] है कि [[रामायण]] काल में [[हनुमान]] [[संजीवनी बूटी]] की खोज में इसी घाटी में पधारे थे। इस घाटी का पता सबसे पहले [[संयुक्त राजशाही|ब्रिटिश]] पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ (अंग्रेजी: Frank S Smith) और उनके साथी आर एल होल्डसवर्थ (अंग्रेजी: R.L.Holdsworth) ने लगाया था, जो इत्तेफाक से १९३१ में अपने [[कामेट पर्वत]] के अभियान से लौट रहे थे। इसकी बेइंतहा खूबसूरती से प्रभावित होकर स्मिथ १९३७ में इस घाटी में वापस आये और, १९३८ में “वैली ऑफ फ्लॉवर्स” नाम से एक किताब प्रकाशित करवायी।<ref name="उत्तरांचल">[http://www.readers-cafe.net/uttaranchal/category/tourism/page/2/ फूलों की घाटी]।रीडर्स कैफ़े-उत्तरांचल</ref> हिमाच्छादित पर्वतों से घिरा हुआ और फूलों की 500 से अधिक प्रजातियों से सजा हुआ यह क्षेत्र बागवानी विशेषज्ञों या फूल प्रेमियों के लिए एक विश्व प्रसिद्ध स्थल बन गया।<ref name="धाम">[http://staging.ua.nic.in/chardham/hindi/yamunotri_nature7.asp पादप एवं पशु जगत]।चारधाम</ref>
 
== १ ==
नवम्बर से मई माह के मध्य घाटी सामान्यतः हिमाच्छादित रहती है। जुलाई एवं अगस्त माह के दौरान एल्पाइन जड़ी की छाल की पंखुडियों में रंग छिपे रहते हैं। यहाँ सामान्यतः पाये जाने वाले फूलों के पौधों में एनीमोन, जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेन्टिला, जिउम, तारक, लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस, इन्डुला, सौसुरिया, कम्पानुला, पेडिक्युलरिस, मोरिना, इम्पेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, अनाफलिस, सैक्सिफागा, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया, कोडोनोपसिस, डैक्टाइलोरहिज्म, साइप्रिपेडियम, स्ट्राबेरी एवं रोडोडियोड्रान इत्यादि प्रमुख हैं।
 
<gallery>