"मंगोल": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो r2.7.2) (Robot: Adding arz:مونجول |
छो Bot: अंगराग परिवर्तन |
||
पंक्ति 1:
[[
[[
'''मंगोल''' [[मध्य एशिया]] और [[पूर्वी एशिया]] में रहने वाली एक जाति है, जिसका विश्व इतिहास पर गहरा प्रभाव रहा है। [[भारतीय उपमहाद्वीप]] में इस जाति को '''मुग़ल''' के नाम से जाना जाता था, जिस से [[मुग़ल सलतनत|मुग़ल राजवंश]] का नाम भी पड़ा। आधुनिक युग में मंगोल लोग [[मंगोलिया]], [[चीन]] और [[रूस]] में वास करते हैं। विश्व भर में लगभग १ करोड़ मंगोल लोग हैं। शुरु-शुरु में यह जाति [[अर्गुन नदी]] के पूर्व के इलाकों में रहा करती थी, बाद में वह वाह्य ख़िन्गन पर्वत शृंखला और [[अल्ताई पर्वत शृंखला]] के बीच स्थित [[मंगोलिया पठार]] के आर-पार फैल गई। मंगोल जाति के लोग ख़ानाबदोशों का जीवन व्यतीत करते थे और शिकार, [[तीरंदाजी]] व घुड़सवारी में बहुत कुशल थे। १२वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इसके मुखिया '''तेमूचीन''' ने तमाम मंगोल कबीलों को एक किया।<ref name="ref57lidof">{{cite web | title=The Mongols | author=David Morgan | publisher=John Wiley & Sons, 2007 | isbn=9781405135399 | url=http://books.google.com/books?id=AZdK54YuEPsC}}</ref>
== मंगोलों का एकीकरण ==
१२०६ में मंगोल जाति के विभिन्न कबीलों के सरदारों ने तेमूचिन को अपनी जाति का सबसे बड़ा मुखिया चुना और उसे सम्मान में "[[चंगेज खान]]"(११६२-१२२७) कहना शुरू किया, १२१५ में उस ने किन राज्य की "मध्यवर्ती राजधानी"चुङतू पर कब्जा कर लिया और [[ह्वाङहो नदी]] के उत्तर के विशाल उलाकें को हथिया लिया। १२२७ में चंगेज खान ने पश्चिमी श्या शासन को खत्म कर दिया। पश्चिमी श्या के साथ लड़ाई के दौरान चंगेज खान की बीमारी की वजह से ल्यूफान पर्वत पर मृत्यु हो गई। उस के बाद उस का बेटा [[ओकताए]] गद्दी पर बैठा, जिस ने सुङ से मिलकर किन पर हमला किया और १२३४ के शुरू में किन के शासन को खत्म कर दिया। किन राज्य पर कब्जा करने के बाद मंगोल फौजों ने अपनी पूरी शक्ति से सुङ पर हमला किया।
पंक्ति 16:
य्वान [[राजवंश]] की राजधानी तातू (वर्तमान पेइचिङ) तत्कालीन चीन के आर्थिक व सांस्कृतिक आदान प्रदान का केन्द्र था। वेनिस के यात्री मार्को पोलो ने , जो कभी य्वान राजदरबार का एक अफसर भी रह चुका था, अपने यात्रा वृत्तान्त में लिखा है:"य्वान राजवंश की राजधानी तातू के निवासी खुशहाल थे","बाजार तरह तरह के माल से भरे रहते थे। केवल [[रेशम]] ही एक हजार गाड़ियों में भरकर रोज वहां पहुंचाया जाता था"।"विदेशों से आया हुआ विभिन्न प्रकार का कीमती माल भी बाजार में खूब मिलता था। दुनिया में शायद ही कोई दूसरा शहर ऐसा हो जो तातू का मुकाबला कर सके।"
== इन्हें भी देखें ==
* [[मंगोलिया]]
* [[चंगेज़ ख़ान]]
* [[अर्गुन नदी]]
== सन्दर्भ ==
<small>{{reflist}}</small>
|