"वरुण-पार वस्तुएँ": अवतरणों में अंतर

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'''वरुण-पार वस्तुएँ''' (व॰पा॰व॰) [[सौर मण्डल]] की ऐसी [[खगोलीय वस्तुएँ]] हैं जो [[वरुण (ग्रह)|वरुण]] (नॅप्ट्यून) की [[कक्षा (भौतिकी)|कक्षा]] से बाहर सूरज की परिक्रमा करती हैं। यह वस्तुएँ तीन क्षेत्रों में पायी जाती हैं - [[काइपर घेरा]], [[बिखरा चक्र]] और [[और्ट बादल]]। सब से पहली खोजी गयी वरुण-पार वस्तु [[यम (ग्रह)|यम]] (प्लूटो) था जो १९३० में पाया गया। उसके बाद ४८ साल तक कोई अन्य वरुण-पार वस्तु नहीं मिली। १९७८ में जाकर यम का उपग्रह [[शैरन (उपग्रह)|शैरन]] मिला और फिर १९९२ के बाद से हज़ार से ज़्यादा वस्तुएँ मिल चुकी हैं।
 
== अन्य भाषाओँ में ==
"वरुण-पार वस्तुओं" को [[अंग्रेज़ी]] में "ट्रांस-नॅप्ट्यूनियन ऑब्जेक्ट्स" (trans-Neptunian objects) या टी॰ऍन॰ओ॰ (TNO) कहा जाता है।
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[काइपर घेरा]]
* [[बिखरा चक्र]]