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'''बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान''' [[दक्षिण भारत]] के [[कर्नाटक]] राज्य में स्थित है। यह [[प्रोजेक्ट टाइगर]] के तहत सन् १९७३ एक टाइगर रिज़र्व के रूप में स्थापित किया गया था। एक समय यह मैसूर राज्य के महाराजा की निजी आरक्षित शिकारगाह थी।<ref>{{cite web|title=Bandipur National park|url = http://mysore.nic.in/tourism_bandipur.htm|publisher=Mysore.nic.in|accessdate=०६/११/२०१२}}</ref> बांदीपुर अपने वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ कई प्रकार के [[बायोम]] हैं, लेकिन इनमें शुष्क [[पर्णपाती]] वन प्रमुख है।
 
उद्यान ८७४ वर्ग किलोमीटर (३३७ वर्ग मील) के क्षेत्र में फैला हुआ है और भारत के लुप्तप्राय वन्य जीवन की कई प्रजातियों का संरक्षण स्थल है। आसपास के [[नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान]] (६४३ वर्ग किलोमीटर (२४८ वर्ग मील)), [[मुदुमलाइ राष्ट्रीय उद्यान]] (320 वर्ग किलोमीटर (120 वर्ग मील)) और वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (344 वर्ग किलोमीटर (133 वर्ग मील)) के साथ कुल मिलाकर 2183 वर्ग किलोमीटर (843 वर्ग मील) का यह नीलगिरी बायोस्फीयर रिज़र्व का हिस्सा है जिससे यह दक्षिण भारत का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र बन जाता है।<ref name = "Kartour">{{cite web|title=Karnataka- one state many worlds| url=http://www.karnatakatourism.org/Wild_bandhipur_national_park.htm|publisher = Department of Tourism, Karnataka Government| accessdate=०६/११/२०१२}}</ref>
 
बांदीपुर [[चामराजनगर जिला|चामराजनगर जिले]] के गुण्द्लुपेट तालुके में स्थित है। यह [[मैसूर]] शहर से ८० किलोमीटर (५० मील) की दूरी पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल [[ऊटी]] जाने के मार्ग पर स्थित है। इसकी वजह से बहुत से पर्यटन यातायात बांदीपुर से होकर गुज़रते हैं और वर्ष इन वाहनों से हुई टक्कर के कारण कई वन्य प्राणियों की मृत्यु हो जाती है।<ref>{{cite web|title=Taming traffic in Bandipur National Park|url=http://wildlifetrustofindia.org/news-archives/2008/10/16/taming-traffic-in-bandipur-national-park/|publisher=Wildlifetrustofindia.org|accessdate=०६/११/२०१२}}</ref> इन हादसों को कम करने की दृश्टि से सरकार ने गोधुलि वेला से भोर तक बांदीपुर से गुज़रने वाले यातायात पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।<ref>{{cite web|title=Night traffic ban at Bandipur extended from 9 to 12 hours|url=http://www.deccanherald.com/content/205090/night-traffic-ban-bandipur-extended.html|publisher=Deccanherlad.com|accessdate=०६/११/२०१२}}</ref>
== इतिहास ==
सन् १९३१ में मैसूर राज्य के महाराजा ने ९० वर्ग किलोमीटर (३५ वर्ग मील) का एक अभयारण्य बनाया और उसका नाम वेणुगोपाल वन्यजीव पार्क रखा। सन् १९७३ में [[प्रोजेक्ट टाइगर]] के तहत वेणुगोपाल वन्यजीव पार्क में लगभग ८०० वर्ग किलोमीटर (३१० वर्ग मील) जोड़कर बांदीपुर टाइगर रिजर्व स्थापित किया गया था।
 
== स्थिति ==
कर्नाटक के चामराजनगर ज़िले में स्थित ८७४.२ वर्ग किलोमीटर विस्तार का बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान उत्तर पश्चिम में [[राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान]] (नागरहोल) द्वारा, दक्षिण में [[तमिलनाडु]] के [[मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य]] द्वारा, और दक्षिण पश्चिम में केरल के [[वायनाड वन्यजीव अभयारण्य]] द्वारा घिरा हुआ है।यह सब साथ मिलकर नीलगिरी बायोस्फीयर रिज़र्व बनाते हैं।<ref name = "Kartour"/>
== वनस्पति ==
[[सदाबहार]] तथा [[पतझड़ी]] वन पाये जाते हैं।
== स्तनपायी ==
यहाँ [[बाघ]], [[तेंदुआ]], [[हाथी]] ([[भारतीय हाथी]]), [[गौर]], [[भालू]], [[ढोल]], [[सांबर]], [[चीतल]], [[काकड़]], [[भारतीय चित्तीदार मूषक मृग]] तथा [[लोरिस]] पाये जाते हैं।<ref name = "Kartour"/>
== पक्षी ==
यह पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग है। यहाँ पक्षियों की २०० से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।<ref name = "Kartour"/>
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
{{भारत के राष्ट्रीय उद्यान}}