"मन्दिर": अवतरणों में अंतर
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बौद्ध और जैन पंथियों द्वारा धार्मिक उद्देश्यों के निमित्त कृत्रिम गुफाओं का प्रयोग किया जाता था और हिन्दू धर्मावलंबियों द्वारा भी इसे आत्मसात कर लिया गया था। फिर भी हिन्दुओं द्वारा गुफाओं में निर्मित मंदिर तुलनात्मक रूप से बहुत कम हैं और गुप्तकाल से पूर्व का तो कोर्इ भी साक्ष्य इस संबन्ध में नहीं पाया जाता है। गुफा मंदिरों और शिलाओं को काटकर बनाये गये मंदिरों के संबंध में अधिकतम जानकारी जुटाने का प्रयास करते हुए हम जितने स्थानों का पता लगा सके वो पृथक सूची में सलंग्न की है। मद्रास (वर्तमान 'चेन्नई' ) के दक्षिण में पल्लवों के स्थान [[महाबलिपुरम]] में, 7वीं शताबिद में निर्मित अनेक छोटे मंदिर हैं जो चट्टानों को काटकर बनाये गये हैं और जो तमिल क्षेत्र में तत्कालीन धार्मिक भवनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मंदिरों का असितत्व और उनकी भव्यता [[गुप्त राजवंश]] के समय से देखने को मिलती है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि गुप्त काल से हिन्दू मंदिरों का महत्त्व और उनके आकार में उल्लेखनीय विस्तार हुआ तथा उनकी बनावट पर स्थानीय वास्तुकला का विशेश प्रभाव पड़ा। उत्तरी भारत में हिन्दू मंदिरों की उत्कृष्टता उड़ीसा तथा उत्तरी मध्यप्रदेश के खजुराहो में देखने को मिलती है। उड़ीसा के भुवनेष्वर में सिथत लगभग 1000 वर्ष पुराना लिंगराजा का मंदिर वास्तुकला का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है। हालांकि, 13वीं शताबिद में निर्मित [[कोणार्क]] का [[सूर्य मंदिर]]
== यह भी देखें ==
* [[वृहदेश्वर मंदिर]]
* [[मीनाक्षी मंदिर]]
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* [http://holyindia.org/hindi/ प्रसिद्ध नगरों के मन्दिर]
* [http://www.templenet.com/default.htm TempleNet] - The Ultimate Source of Information on Indian Temples
[[श्रेणी:हिन्दू धर्म]]
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