"बीदरी": अवतरणों में अंतर

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[[Fileचित्र:Bidriware1.jpg|thumb|बीदरी]]
 
'''बीदरी''' एक लोककला है जो की [[कर्नाटक]] के [[बीदर]] शहर से शुरु हुआ था । और बाद मे धीरे-धीरे इस कला का उपयोग [[आन्ध्र प्रदेश]] के [[हैदराबाद]] शहर मे भी होने लगा ।
एक धातु [[हस्तशिल्प]] कि 14वीं सदी में बीदर, कर्नाटक, में उत्पन्न बीदर है, बहमनी सुल्तानों के शासन के दौरान शब्द 'Bidriware' बीदर, जो अभी भी निर्माण के लिए मुख्य केंद्र है की बस्ती से निकलती है द्वितीय metalware [प्रशस्ति पत्र की जरूरत]. इसके हड़ताली जड़ना कलाकृति के लिए कारण, Bidriware भारत की एक महत्वपूर्ण निर्यात हस्तशिल्प और धन के एक प्रतीक के रूप में बेशकीमती है. धातु इस्तेमाल किया शुद्ध चांदी की पतली शीट के साथ एक काला मिश्र धातु [[जस्ता]] और [[तांबा]] जड़ा है।<ref>http://www.hindu.com/2006/11/01/stories/2006110114930200.htm</ref><ref>http://bidar.nic.in/art.htm</ref>
[[Fileचित्र:Bidri ware art in craft museum.JPG|thumb|इस पात्र का उपयोग मुख्यता पुराने जमाने मे मदिरा भंडारण के लिये किया जाता था ।]]
[[Fileचित्र:Bidri work on Hukka Stand.JPG|thumb|यह हुक्का का फर्श है और इस पर बीदरी कला उपयोग किता गया है। ]]
 
== इतिहास ==
स्थानिय परंपरा के अनुसार वारांगल के काकतिया राजा ने भगवान शिव का मन्दिर तेरहवी सदी के मध्य मे बनवाया था। जो शहर धीरे धीरे बड़ा हुआ और बिदर नाम से जाना जाने लगा । १३४७ ईसवी मे [[गुलबर्गा]] का पहला ग्रामिन भमन शाह गंगू जो कि [[अलाउद्दीन बहमन शाह]] के नाम से प्रसिद था, ने [[बीदर]] विजय प्राप्त की थी। <ref>imperial gazzetter of india vol lII p 240 </ref>
 
== कच्चा माल ==
# [[जस्ता]]
# [[तांबा]]
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# [[मूँगफली का तेल]]
# लकड़ी का कोयला ([[चारकोल]])
इसके पहले चरण मे ऊपर दि गई सामग्री १ से लेकर ७ तक का उपयोग ढाँचा बनाने के लिये किया जाता था। और इसके दुसरे चरण मे सामग्री ८ से लेकर १२ तक का उपयोग नक्काशी के लिये किया जाता था और आखिर तिसरे चरण मे सामग्री १३ से लेकर १८ तक तैयार उत्पाद को संवारने के लिये किया जाता था।
 
== उपकरण और औजार ==
* अलग अलग आकार देने के लिये फाइल
* बरमा
* हथोडा
* धोंकनी
* छोटी हथोडी
* छोटा स्टूल
* चक्की
* आरी
* [[कैंची]]
* सरौता
* तार खिंचने का पैमाना (तरपत्ती)
* चिमटा
* स्टोन (औजारौ को धार दार बनाने के लिये पत्थर)
* तराजू
* मापक यन्त्र
* क्रुसिबल
* ब्रुश
* पॉलिश करने के लिये ब्रुश
*
 
 
 
== विधि ==
बीदरी को कांस धातू से बनाई जाती है और इसके अन्दर जस्ता और मिश्र धातु का उपयोग भी किया जाता है । कोई भी कलाकृति बनाने से पूर्च उस पर नमूना अथवा डिज़ाइन बनाया जाता है। इसके बाद चाहे वह फूलदान हो अथवा बक्सा आदि उसे एक अड्डे पर बिठाया जाता है। इसके साथ ही कलाकार चाँदी अथवा सोने के तारों से फूल-पत्तियों के डिज़ाइनों पर तार जमाता चला जाता है। बीदरी का उत्पाद बन जाने के बाद उस पर तेल की परत लगाई जाती है जिस से उसका रंग गहरा हो जाता है जिस से उस उत्पाद पर चमक आ जाती है और वह उत्पाद काले और चमकीले रंग का दिखता है।
 
== रचना या बनावट ==
 
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/बीदरी" से प्राप्त