"महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ": अवतरणों में अंतर

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'''महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ''' भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के [[वाराणसी]] में स्थित एक मानद विश्वविद्यालय है। पहले इसे केवल '''काशी विद्यापीठ ''' के नाम से ही जाना जाता था किन्तु बाद में इसे भारत के महान् नेता [[महात्मा गाँधी]] को पुनः समर्पित किया गया औरुनका नाम इसके साथ जोड दिया गया (११ जुलाई १९९५)।
 
== स्थापना ==
महात्मा गाँधी के '''स्वावलम्बन''' तथा '''[[स्वराज]]''' के आह्वान से प्रेरित होकर ब्रिटिश शाशनकाल में भारतीयों द्वारा स्थापित यह पहला आधुनिक विश्वविद्यालय था। अपने समकालीन [[गुजरात विद्यापीठ]] व [[जामिया इस्लामिया]] की भांति यह विद्यापीठ भी पूरी तरह ब्रिटिश अधिकारियों के नियंत्रण और सहायता से परे था। भारतीय शिक्षाविद और राष्ट्रप्रेमी लोग ही इसका सारा प्रबन्धन और देखरेख करते थे। गाँधीजी और अन्य भारतीय राष्ट्रवादी उस समय अंग्रेजों द्वारा चलाये जा रहे शिक्षा संस्थानों के वहिष्कार के लिये भारत की जनता को प्रेरित कराते थे और चाहते थे कि लोग भारतीयों द्वारा चलाये जा रहे संस्थानों को प्राथमिकता दें।
 
काशी विद्यापीठ की स्थापना १० फरवरी सन् १९२१ में बाबू शिव प्रसाद गुप्त ने की थी और गांधीजी ने इसकी आधारशिला रखिइ थी| शिव प्रसाद जी राष्ट्रवादी शिक्षाविद थे। जुलाई १९६३ में इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मानद विश्वविद्यालय घोषित किया गया। १५ जनवरी सन् १९७५ से इसे '''चार्टर्ड विश्वविद्यालय''' का दर्जा दे दिया गया।
 
इस विश्वविद्यालय में स्नातक, परा स्नातक एवं अनुसंधान स्तर की शिक्षा उपलब्ध है।
 
प्रमुख राष्ट्रवादी व विद्वान आचार्य [[नरेन्द्र देव]], डा॰ [[राजेन्द्र प्रसाद]], जीवत राम कृपलानी, बाबू श्री प्रकाश, बाबू [[सम्पूर्णानन्द]] आदि महान् लोग इसमें शिक्षण कार्य किये। भारत के पूर्व प्रधान मंत्री स्व॰ [[लाल बहादुर शास्त्री]] ने भी इस विद्यापीठ से शिक्षा ग्रहण की थी।
 
== वाह्य सूत्र ==
[http://www.varanasicity.com/education/kashi-vidyapeeth.html महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ का जालघर]