"महाप्राण और अल्पप्राण व्यंजन": अवतरणों में अंतर
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भाषाविज्ञान में '''महाप्राण व्यंजन''' वह [[व्यंजन]] होतें हैं जिन्हें मुख से वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की 'ख', 'घ', 'झ' और 'फ', और '''अल्पप्राण व्यंजन''' वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें बहुत कम वायु-प्रवाह से बोला जाता है जैसे की 'क', 'ग', 'ज' और 'प'। [[देवनागरी लिपि]] में बहुत से वर्णों में महाप्राण और अल्पप्राण के जोड़े होते हैं जैसे 'क' और 'ख', 'च' और 'छ' और 'ब' और 'भ'। कुछ भाषाएँ हैं, जैसे के [[तमिल]], जिनमें महाप्राण व्यंजन होते ही नहीं और कुछ भाषाएँ ऐसी भी हैं जिनमें महाप्राण और अल्पप्राण व्यंजन दोनों प्रयोग तो होतें हैं लेकिन बोलने वालों को दोनों एक से प्रतीत होतें हैं, जैसे की [[अंग्रेज़ी]]।<ref name="ref68lerum">[http://books.google.com/books?id=ZAu6xhfb4bUC Introduction to Sanskrit], Thomas Egenes, pp. 111, Motilal Banarsidass Publishers, 2003, ISBN
== इन्हें भी देखें ==
* [[देवनागरी]]
== सन्दर्भ ==
<small>{{reflist|2}}</small>
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