"वेरीनाग": अवतरणों में अंतर
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[[कश्मीरी भाषा]] में "नाग" शब्द का मतलब "[[पानी का चश्मा]]" होता है और "वेरी" शब्द की जड़ [[संस्कृत]] का "विरह" शब्द है जिसका मतलब "वापस जाना" होता है। इसका सम्बन्ध एक शिव-पार्वती के क़िस्से से है जिसमें झेलम नदी कहीं और से उत्पन्न होना चाहती थी लेकिन उसे वापस इसी जगह से चश्मे के रूप में उत्पन्न होने पर मजबूर किया गया। यहाँ हर साल भादों के महीने के कृष्ण-पक्ष की तेहरवी तारीख़ को कश्मीरी हिन्दू झेलम नदी का जन्मदिन मनाते है, जिसे "व्येथ त्रुवाह" कहते हैं। कश्मीरी में "त्रुवाह" का मतलब "तेहरवी" है और "व्येथ" झेलम नदी का कश्मीरी नाम है, यानि "व्येथ त्रुवाह" का मतलब "झेलम तेहरवी" है।
== इन्हें भी देखें ==
* [[पानी का चश्मा]]
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