"वैशम्पायन": अवतरणों में अंतर

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'''वैशम्पायन''' [[वेद व्यास]] के विद्वान शिष्य थे। [[हिन्दू|हिन्दुओं]] के दो [[महाकाव्य|महाकाव्यों]] में से एक [[महाभारत]] को मानव जाति में प्रचलित करने का श्रेय उन्हीं को जाता है। [[पाण्डव|पाण्डवों]] के पौत्र महाबलि [[परीक्षित]] के पुत्र [[जनमेजय]] को वैशम्पायन ने एक यज्ञ के दौरान यह कथा सुनाई थी। krishna yajurveda ke pravartak bhi rishi vaishampayan hi hai jinhe unke guru krishna dwaipayan ne yeh karya saupa tha. Inke shishya yagyavalkya rishi the jinse vaad vivaad hone ke karan yagyavalkya ne shukla yajurveda ko prasarit kiya.
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