"ब्रह्मगुप्त": अवतरणों में अंतर

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|accessmonthday=[[१२ फरवरी]]|accessyear=[[२००८]]|format=एचटीएमएल|publisher=टीवी की दुनिया|language=}}</ref>
 
== जीवन परिचय ==
ब्रह्मगुप्त [[आबू पर्वत]] तथा [[लुणी नदी]] के बीच स्थित, भीनमाल नामक ग्राम के निवासी थे। इनके पिता का नाम जिष्णु था। इनका जन्म शक संवत् ५२० में हुआ था। इन्होंने प्राचीन ब्रह्मपितामहसिद्धांत के आधार पर ब्रह्मस्फुटसिद्धांत तथा खण्डखाद्यक नामक करण ग्रंथ लिखे, जिनका अनुवाद [[अरबी भाषा]] में, अनुमानत: [[खलीफा मंसूर]] के समय, '''सिंधिद''' और '''अल अकरंद''' के नाम से हुआ। इनका एक अन्य ग्रंथ 'ध्यानग्रहोपदेश' नाम का भी है। इन ग्रंथों के कुछ परिणामों का विश्वगणित में अपूर्व स्थान है।
 
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ब्रह्मगुप्त [[पाई]] ('''pi''') (३.१४१५९२६५) का मान १० के [[वर्गमूल]] (३.१६२२७७६६) के बराबर माना।
 
ब्रह्मगुप्त अनावर्त वितत भिन्नों के सिद्धांत से परिचित थे। इन्होंने एक घातीय [[अनिर्धार्य समीकरण]] का पूर्णाकों में व्यापक हल दिया, जो आधुनिक पुस्तकों में इसी रूप में पाया जाता है, और अनिर्धार्य [[वर्ग समीकरण]], K y<sup>2</sup> + 1 = x2 , को भी हल करने का प्रयत्न किया।
 
=== ब्रह्मगुप्त का सूत्र ===
[[चित्र:Brahmaguptas formula.svg|200px|thumb|right|सन्दर्भ के लिए चित्र]]
ब्रह्मगुप्त का सबसे महत्वपूर्ण योगदान [[चक्रीय चतुर्भुज]] पर है। उन्होने बताया कि [[चक्रीय चतुर्भुज]] के विकर्ण परस्पर लम्बवत होते हैं। ब्रह्मगुप्त ने [[चक्रीय चतुर्भुज]] के [[क्षेत्रफल]] निकालने का सन्निकट सूत्र (approximate formula) तथा यथातथ सूत्र (exact formula) भी दिया है।
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चक्रीय चतुर्भुज के क्षेत्रफल का सन्निकट सूत्र:
: <math>(\tfrac{p + r}{2}) (\tfrac{q + s}{2})</math>
<br />
चक्रीय चतुर्भुज के क्षेत्रफल का यथातथ सूत्र:
: <math>\sqrt{(t - p)(t - q)(t - r)(t - s)}.</math>
 
जहाँ '''t''' = चक्रीय चतुर्भुज का अर्धपरिमाप तथा '''p, q, r, s''' उसकी भुजाओं की नाप है। [[हेरोन का सूत्र]], जो एक [[त्रिभुज]] के क्षेत्रफल निकालने का [[सूत्र]] है, इसका एक विशिष्ट रूप है।
 
== यह भी देखें ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.wilbourhall.org/index.html#BSS ब्रह्मगुप्त का ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त] (संस्कृत पाठ , संस्कृत एवं हिन्दी में टीका)
 
* [http://fathersofmathematics.com/Brahamagupta.doc ब्रह्मगुप्त] (अंग्रेजी में)
पंक्ति 53:
* [http://www.books.google.co.in/books?id=EFF4KpR5o3QC&pg=PA45&source=gbs_toc_r&cad=4#v=onepage&q&f=false '''The Khandakhadyaka of Brahmagupta'''] (गूगल पुस्तक)
 
* [http://www.dli.ernet.in/cgi-bin/metainfo.cgi?&title1=The%20Khandakhadyaka&author1=Sengupta,%20Prabodh%20Chandra,%20ed.&subject1=NATURAL%20SCIENCES&year=1941%20&language1=sanskrit&pages=184&barcode=4990010209036&author2=NULL&identifier1=NULL&publisher1=University%20of%20Calcutta,%20Calcutta&contributor1=NULL&vendor1=NONE&scanningcentre1=cdack&slocation1=NONE&sourcelib1=DR.%20MEGHNAD%20SAHA%20COLLECTION&scannerno1=0&digitalrepublisher1=Digital%20Library%20Of%20India&digitalpublicationdate1=2006-03-21&numberedpages1=0&unnumberedpages1=0&rights1=In%20Public%20Domain&copyrightowner1=NULL&copyrightexpirydate1=0000-00-00&format1=Tagged%20Image%20File%20Format%20&url=/data3/upload/0063/188 '''खण्डखाद्यक''' : पृथूदक स्वामीकृत टीका सहित]
 
== संदर्भ ==