"मैकबेथ": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Thomas Keene in Macbeth 1884 Wikipedia crop.png|250px|thumb|ए सी के लिए पोस्टर.1884 मैकबैथ का अमेरिकी निर्माण, थॉमस डब्ल्यू. कीन द्वारा अभिनीत. शीर्ष बाएँ से घड़ी की विपरीत दिशा में: मैकबेथ और बैंको चुड़ैलों से मिलते हुए.डंकन की हत्या के ठीक बाद, बैंको के भूत, मैकडफ मैकबैथ का द्वंद युद्ध]]
 
'''''द ट्रेजडी ऑफ मैकबेथ'' ''' (जिसे आम तौर पर '''''मैकबेथ'' ''' कहा जाता है) एक राज-हत्या और उसके बाद की घटनाओं पर [[विलियम शेक्सपीयर|विलियम शेक्सपियर]] द्वारा लिखा गया एक नाटक है, या संक्षेप में कहें तो मैकबेथ शेक्सपियर की एक कृति है. यह शेक्सपियर का सबसे छोटा शोकान्त नाटक है और माना जाता है कि इसे 1603 और 1603 के बीच किसी समय लिखा गया था. शेक्सपियर के नाटक पर किसी अभिनय का सबसे पहला संदर्भ संभवतः अप्रैल 1611 का है जब साइमन फोरमैन ने ऐसे ही एक नाटक को ग्लोब थियेटर में रिकॉर्ड किया था. यह पहली बार 1623 के फोलियो में प्रकाशित हुआ था जो संभवतः एक विशिष्ट अभिनय के लिए एक संवाद बताने वाली पुस्तक (प्रॉम्प्ट बुक) थी.
 
इस शोकान्त नाटक के लिए शेक्सपियर के स्रोत ''होलिंशेड्स क्रॉनिकल्स'' (1587) में स्कॉटलैंड, मैकडफ और डंकन के किंग मैकबेथ के संदर्भ हैं, यह रचना शेक्सपियर और उनके समकालीनों के लिए परिचित इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड का इतिहास है. हालांकि, शेक्सपियर द्वारा बतायी गयी मैकबेथ की कहानी का स्कॉटिश इतिहास की वास्तविक घटनाओं से कोई संबंध नहीं है क्योंकि मैकबेथ एक प्रशंसित और सक्षम सम्राट थे.
 
रंगमंच के नेपथ्य की दुनिया में कुछ लोगों का मानना है कि यह नाटक अभिशप्त है और इसके शीर्षक का उल्लेख जोर देकर नहीं किया जाएगा, इसकी बजाय इसे "द स्कॉटिश प्ले" जैसे नामों से संदर्भित किया जाता है. सदियों से इस नाटक ने मैकबेथ और लेडी मैकबेथ की भूमिकाओं में कई महानतम अभिनेताओं को आकर्षित किया है. इसे फिल्म, टेलीविजन, ओपेरा, उपन्यास, हास्य पुस्तकें और अन्य मीडिया के लिए रूपांतरित किया गया है.
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* '''डंकन''' - [[स्कॉटलैंड]] के सम्राट
** '''मैल्कम''' - डंकन के ज्येष्ठ पुत्र
** '''डोनलबैन''' - डंकन सबसे छोटा पुत्र
* '''मैकबैथ''' - राजा डंकन की सेना का एक सेनापति, जो पहले ग्लैमिस का थेन उसके बाद कॉडोर का थेन और उसके बाद [[स्कॉटलैंड]] का राजा बना
* '''लेडी मैकबैथ''' - मैकबैथ की पत्नी, और बाद में स्कॉटलैंड की रानी
* '''बैंको''' - मैकबैथ का दोस्त और राजा डंकन की सेना में एक सेनापति
** '''फ्लींस''' - बैंको का पुत्र
* '''मैकडफ''' - फाइफ का थेन
** '''लेडी मैकडफ''' - मैकडफ की पत्नी
** '''मैकडफ का पुत्र'''
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* '''रॉस, लेनोक्स, एंगस, मेंटीथ, कैथनेस''' - स्कॉटिश थेन
* '''सिवार्ड''' - नॉर्थम्बरलैंड का अर्ल, अंग्रेजी सेना का सेनापति
** '''युवा सिवार्ड''' - सिवार्ड का पुत्र
* '''सेटन''' - मैकबैथ का नौकर और परिचर
* '''हेकेटी''' - जादू टोने की देवी
* '''तीन चुड़ैलें''' - मैकबेथ तथा बैंको के वंशजों के राजा होने की भविष्यवाणी करती हैं
* '''तीन हत्यारे'''
* '''पोर्टर (या मैसेंजर)''' - मैकबैथ के घर का द्वारपाल
* '''स्कॉटिश डॉक्टर''' - लेडी मैकबेथ का चिकित्सक
* '''कुलीन महिला''' - लेडी मैकबेथ की सेविका
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मैकबेथ चुड़ैलों की भविष्यवाणी के बारे में अपनी पत्नी को लिखता है. जब डंकन इन्वरनेस में मैकबेथ के महल में रहने का फैसला करते हैं, लेडी मैकबेथ उनकी ह्त्या करने और अपने पति के लिए सिंहासन सुरक्षित करने की एक योजना बनाती है. हालांकि मैकबेथ इस राज-हत्या पर अपनी चिंता जाहिर करता है, लेडी मैकबेथ उसकी [[मर्दानगी]] को चुनौती देकर अंततः उसे अपनी योजना का पालन करने के लिए मना लेती है.
 
राजा के आने की रात को मैकबेथ डंकन को मार देता है. यह कृत्य किसी की नजर में नहीं आता है, लेकिन यह मैकबेथ को इस कदर झकझोर देता है कि लेडी मैकबेथ को प्रभार लेने के लिए आगे आना पड़ता है. अपनी योजना के अनुसार वह खूनी खंजरों को डंकन के सोये हुए सेवकों के पास रखकर ह्त्या का आरोप उनके ऊपर मढ़ देती है. अगली सुबह सबेरे स्कॉटलैंड के एक रईस, लेनोक्स और फाइफ का वफादार सरदार मैकडफ वहां पहुंचते हैं.<ref>''ऑन दी नोकिंग एट दी गेट इन मैकबैथ'' देखें.</ref> एक दरबान द्वार खोलता है और मैकबेथ उन्हें राजा के कक्ष की ओर ले जाता है जहां मैकडफ को डंकन की लाश का पता चलता है. इससे पहले कि रक्षक अपनी बेगुनाही के लिए प्रतिरोध कर सकें एक बनावटी गुस्से का भाव बनाकर मैकबेथ उनकी ह्त्या कर देता है. मैकडफ को तुरंत मैकबेथ पर संदेह हो जाता है लेकिन वह अपनी आशंका को सार्वजनिक रूप से प्रकट नहीं करता है. अपने जीवन के भय से डंकन के बेटों में से मैल्कम, [[इंग्लैंड]] और डोनलबैन आयरलैंड भाग जाते हैं. असली वारिस का पलायन उन्हें संदिग्ध बना देता है और मैकबेथ मृत राजा के एक संबंधी के रूप में स्कॉटलैंड का नया राजा बनकर राजगद्दी पर बैठ जाता है.
 
[[चित्र:Banquo.jpg|thumb|right|थिओडोर कासेरियू (1819-1856), बैंको के भूत को देखता हुआ मैकबैथ, 1854.]]
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[[चित्र:Johann Heinrich Füssli 030.jpg|thumb|right|हेनरी फुसेली द्वारा चित्रित नींद में चलती हुई लेडी मैकबेथ.]]
 
इंग्लैंड में मैकडफ को रॉस द्वारा सूचित किया जाता है कि "आपका महल आश्चर्यचकित है; आपकी पत्नी और बच्चों की क्रूरतापूर्वक ह्त्या कर दी गयी है."<ref>[http://www.shakespeare-navigators.com/macbeth/T43.html#204 ''मैकबैथ'' , एक्ट 4, सीन 3, लाइन 204.]</ref> मैकबेथ अब एक तानाशाह के रूप में देखा जाता है, और उसके कई सरदार उसे छोड़कर चले जाते हैं. मैल्कम मैकडफ और अंग्रेज सिवार्ड (द एल्डर), [[नॉर्थम्बरलैंड|नॉर्थम्बरलैंड के अर्ल]] के साथ डनसिनेन कैसल के खिलाफ एक सेना का नेतृत्व करता है. जबकि बर्नम वुड में डेरा डालकर बैठे सैनिकों को पेड़ों की टहनियों को काटकर और उन्हें साथ लेकर अपनी संख्या को छिपाने का आदेश दिया जाता है, इस प्रकार चुड़ैलों की तीसरी भविष्यवाणी पूरी होती है. इस बीच मैकबेथ लेडी मैकबेथ की मौत की अपनी सीख पर एक आत्मचिंतन ("कल, कल और कल")<ref>[http://www.shakespeare-navigators.com/macbeth/T55.html#17 ''मैकबैथ'' , एक्ट 5, सीन 5, लाइन 17-28.]</ref> करता है (कारण नहीं बताया जाता है और कुछ लोगों को लगता है कि उन्होंने [[आत्महत्या]] कर ली थी, क्योंकि उनके बारे में माल्कॉम के आख़िरी संदर्भ से पता चलता है "यह विचार, अपने और हिंसक हाथों ने / उनकी जान ली थी").<ref>{{cite web |url=http://www.shakespeare-navigators.com/macbeth/T58.html#71 |title=Macbeth'', Act 5, Scene 8, Lines 71-72 |publisher=shakespeare-navigators.com }}</ref>
 
लड़ाई युवा सिवार्ड की ह्त्या और मैकबेथ के साथ मैकडफ के टकराव के रूप में खत्म होती है. मैकबेथ अहंकार के साथ दावा करता है कि उसे डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह किसी भी औरत से पैदा हुए व्यक्ति से मारा नहीं जा सकता है. मैकडफ यह घोषणा करता है कि वह "अपनी माँ की कोख से / समय से पहले चीरा लगाकर पैदा हुआ था"<ref>[http://www.shakespeare-navigators.com/macbeth/T58.html#15 ''मैकबैथ'' , एक्ट 5, सीन 8, लाइन 15-16.]</ref> (यानी, [[शल्य प्रसव|सीजेरियन सेक्शन]] से पैदा हुआ) और इस तरह "किसी महिला से पैदा नहीं हुआ था" (यह साहित्यिक घमंड का एक उदाहरण है). बहुत देर बाद मैकबेथ को एहसास होता है कि उसने चुड़ैलों की बातों का गलत अर्थ निकाल लिया है. मैकडफ नेपथ्य से मैकबेथ का सिर काट देता है और इस तरह अंतिम भविष्यवाणी को पूरा करता है.
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== स्रोत ==
''मैकबेथ'' की तुलना शेक्सपियर के ''एंटनी और क्लियोपेट्रा'' से की गयी है. पात्रों के रूप में एंटनी और मैकबेथ दोनों, यहां तक कि एक पुरानी दुनिया की कीमत पर भी एक नई दुनिया चाहते हैं. दोनों एक सिंहासन के लिए लड़ते हैं और उस सिंहासन को प्राप्त करने में एक 'अभिशाप' का सामना करते हैं. एंटनी के लिए अभिशाप है ओक्टावियस और मैकबेथ के लिए बैंको. एक स्थान पर मैकबेथ स्वयं अपनी तुलना एंटनी से करते हुए कहता है "बैंको के तहत / मेरी प्रतिभा की कोई कीमत है, जैसा कि कहा जाता है / मार्क एंटनी की सीजर से अधिक थी." अंततः दोनों नाटकों में शक्तिशाली और चालाक महिला चरित्र शामिल हैं: क्लियोपेट्रा और लेडी मैकबेथ.<ref>कोर्सेन (1997, 11-13)</ref>
 
शेक्सपियर ने यह कहानी ''होलिंशेड्स क्रॉनिकल्स'' की कई कथाओं से प्राप्त की जो शेक्सपियर और उनके समकालीनों को ज्ञात ब्रिटिश द्वीपों का एक लोकप्रिय इतिहास है. ''क्रॉनिकल्स'' में डोनवाल्ड नामक एक व्यक्ति अपने राजा किंग डफ द्वारा चुड़ैलों के संपर्क में आकर मौत के घाट उतारे गए अपने परिवार के कई लोगों की खोज करता है. अपनी पत्नी द्वारा दबाव डाले जाने के बाद वह और उसके चार सेवक राजा को उसके घर में ही मार डालते हैं. ''क्रॉनिकल्स'' में मैकबेथ को राजा डंकन की अयोग्यता की स्थिति में साम्राज्य को सहयोग देने वाले एक संघर्षरत व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है. वह और बैंको तीन चुड़ैलों से मिलते हैं जो शेक्सपियर के संस्करण की ही तरह बिल्कुल वही भविष्यवाणियां करती हैं. उसके बाद लेडी मैकबेथ की बातों पर मैकबेथ और बैंको एक साथ डंकन की ह्त्या की योजना बनाते हैं.
 
मैकडफ और मॉल्कम द्वारा अंततः तख्तापलट किये जाने से पहले मैकबेथ का एक लंबा दस साल का शासन रहा है. दोनों संस्करणों के बीच समानताएं स्पष्ट हैं. हालांकि कुछ विद्वानों का मानना है कि जॉर्ज बुकानन की ''रेरम स्कॉटिकेरम हिस्टोरिया'' शेक्सपियर के संस्करण से और अधिक मेल खाती है. बुकानन के कार्य शेक्सपियर के दिनों में लैटिन भाषा में उपलब्ध थे.<ref>कोर्सेन (1997, 15-21)</ref>
 
कहानी के किसी भी अन्य संस्करण में मैकबेथ ने अपने स्वयं के महल में राजा की ह्त्या नहीं की है. विद्वानों ने शेक्सपियर के इस बदलाव को मैकबेथ के अपराध के अंधेरे पक्ष को आतिथ्य के सबसे बुरे अपराध के रूप में जोड़े जाते हुए देखा है. उस समय आम तौर पर मौजूद कहानी के संस्करणों में डंकन महल में नहीं बल्कि इन्वरनेस में घात लगाकर मारा जाता है. शेक्सपियर ने डोनवाल्ड और किंग डफ की कहानी को इस प्रकार गूंथ कर मिला दिया जो कहानी के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हुआ.<ref>कोर्सेन (1997, 17)</ref>
 
शेक्सपियर ने एक और खुलासा करने वाला बदलाव किया है. ''क्रॉनिकल्स'' में बैंको मैकबेथ द्वारा किंग डंकन की हत्या में उसका एक साथी है. वह इस तथ्य को सुनिश्चित करने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि मॉल्कम नहीं बल्कि मैकबेथ बाद में हुए अप्रत्याशित तख्तापलट में सिंहासन को हासिल करता है.<ref name="note" /> शेक्सपियर के समय में बैंको को स्टुअर्ट किंग जेम्स का प्रत्यक्ष पूर्वज माना जाता था.<ref>पाल्मर, जे. फोस्टर. "दी सेल्ट इन पावर: ट्यूडर एंड क्रॉमवेल" ''ट्रांजेक्शन ऑफ दी रॉयल हिस्टोरिक सोसाइटी.'' 1886 वॉल्यूम 3 पीपी 343-370.</ref><ref>स्टुअर्ट के वंशज के रूप में बैंको की वंशावली को 19वीं सदी में गलत साबित कर दिया गया जब यह तथ्य सामने आया कि फिटजालन लोग वास्तव में ब्रेटोन परिवार के वंशज थे.</ref> ऐतिहासिक स्रोतों में चित्रित बैंको शेक्सपियर द्वारा रचित बैंको से काफी अलग है. आलोचकों ने इस बदलाव के लिए कई कारण बताये हैं. सबसे पहले राजा के पूर्वज को एक खूनी के रूप में चित्रित करना जोखिम भरा हो सकता था. बैंको के बारे में लिखने वाले उस समय के अन्य लेखकों जैसे कि जीन डे शेलांद्रे ने भी संभवतः इसी कारण से अपनी रचना ''स्टुअर्टाइड'' में बैंको को एक खूनी नहीं बल्कि एक कुलीन व्यक्ति के रूप में चित्रित कर इतिहास को बदला है.<ref>मासकेल, डब्ल्यू. "दी ट्रांसफोर्मेशन ऑफ हिस्ट्री इनटू एपिक: दी 'स्टुअर्टाइड' (1611) ऑफ जीन डे शेलांद्रे." ''दी मॉडर्न लैंग्वेज रिव्यू.'' (जनवरी 1971) 66.1 पीपी. 53-65.</ref> दूसरा यह कि शेक्सपियर ने सिफ इसलिए बैंको के पात्र में बदलाव किया हो सकता है कि ह्त्या के लिए अन्य साथी के रूप में किसी नाटकीय पात्र की कोई जरूरत नहीं थी; हालांकि मैकबेथ को एक नाटकीय बदलाव दिए जाने की जरूरत थी - एक ऐसी भूमिका जिसके बारे में कई विद्वानों का तर्क है कि बैंको द्वारा पूरी की गयी है.<ref name="note">नागराजन, एस. "ए नॉट ऑन बैंको." ''शेक्सपियर क्वाटर्ली.'' (अक्टूबर 1956) 7.4 पीपी. 371-376.</ref>
 
== तिथि और पाठ्य सामग्री ==
[[चित्र:FirstFolioMacbeth.jpg|thumb|1623 में प्रकाशित फस्ट फोलियो से मैकबैथ के प्रथम पृष्ठ का प्रतिरूप]]''मैकबेथ'' को बाद के संशोधनों के महत्वपूर्ण प्रमाण के कारण निश्चित रूप से दिनांकित नहीं किया जा सकता है. कई विद्वानों का अनुमान है कि इसकी रचना की संभावित तिथि 1603 और 1606 के बीच है.<ref>चार्ल्स बोयस, ''एन्साइक्लोपीडिया ऑफ शेक्सपियर'' , न्यूयॉर्क, राउंडटेबल प्रेस, 1990, पी. 350.</ref><ref>ए.आर. ब्रौन्मुलर, एड. ''मैकबैथ'' (कप, 1997), 5-8.</ref> जिस तरह यह नाटक 1603 में किंग जेम्स के पूर्वजों और स्टुअर्ट के सिंहासन पर बैठने का जश्न मानता हुआ प्रतीत होता है (जेम्स स्वयं मानते थे कि उन्हें बैंको का उत्तराधिकार प्राप्त हुआ था),<ref>ब्रौन्मुलर, ''मैकबैथ'' , पीपी. 2-3.</ref> वे यह तर्क देते हैं कि इस नाटक की रचना 1603 से पहले होने की संभावना नहीं है और यह सुझाव देते हैं कि आठ राजाओं की परेड -- जिसे चुडैलें मैकबेथ को भूमिका IV के एक दृश्य में दिखाती है -- यह किंग जेम्स को संपूरित है. अन्य संपादकों ने एक अधिक विशिष्ट तिथि 1605-6 का अनुमान लगाया है, जिसका प्रमुख कारण बारूद की कथावस्तु का संभावित संकेत और इसके फलस्वरूप बनी निशानियां है. विशेष रूप से दरबान की बातों में (भूमिका II, दृश्य III, लाइन 1-21) 1606 की बसंत में जेसुइट हेनरी गार्नेट की मुसीबतों के संकेत शामिल हो सकते हैं; "गोल-मोल कर कही गयी बात" (लाइन 8) का संदर्भ गार्नेट की "गोल-मोल बातों" [देखें: मानसिक अवरोध का सिद्धांत] और गार्नेट के उपनामों में से एक "फार्मर (किसान)" (4) के बचाव में हो सकता है.<ref>फ्रैंक केरमोड, "मैकबैथ," ''दी रिवरसाइड शेक्सपियर'' (बोस्टन: ह्यूटन मिफ्लिन, 1974), पी. 1308; गार्नेट पर जानकारी के लिए, "देख पेरेस ज़गोरिन, "दी हिस्टोरिकल सिग्निफिकेंस ऑफ लाइंग एंड डिसिमुलेशन—ट्रुथ-टेलिंग, लाइंग, एंड सेल्फ-डिसेप्शन," ''सोशल रिसर्च'' , फॉल 1996.</ref> हालांकि "फार्मर (किसान)" एक आम शब्द है और "गोल-मोल बात" भी [[एलिज़ाबेथ प्रथम|क्वीन एलिजाबेथ]] के मुख्य सलाहकार लॉर्ड बर्घले के द्वारा 1583 की एक पुस्तक और स्पेनिश प्रधान पादरी मार्टिन एज्पिलकुएटा द्वारा रचित 1584 की डॉक्टराइन ऑफ एक्विवोकेशन का विषय था जिसे 1590 के दशक में पूरे यूरोप और इंग्लैंड में प्रचारित किया गया था.<ref>मार्क एंडरसन, ''शेक्सपियर बाय एनदर नेम'' , 2005, पीपी. 402-403.</ref>
 
विद्वान 1605 की गर्मी में [[ऑक्स्फ़ोर्ड|ऑक्सफोर्ड]] में किंग जेम्स द्वारा एक मनोरंजक दृश्य को भी उद्धृत करते हैं जिसमें जादूगरनी बहनों की तरह तीन "चुडैलों" को दिखाया गया था; करमोडे का अनुमान है कि शेक्सपियर ने इसके बारे में सुना होगा और जादूगरनी बहनों के साथ प्रसंगवश इसका उल्लेख किया होगा.<ref name="Kermode, 1308">केरमोड, ''रिवरसाइड शेक्सपियर'' , पी. 1308.</ref> हालांकि न्यू कैम्ब्रिज संस्करण में ए.आर. ब्राउनमुलर 1605-6 तर्क को अनिर्णायक पाते हैं और सिर्फ 1603 की एक सबसे प्रारंभिक तिथि की बात करते हैं.<ref>ब्रौन्मुलर, ''मैकबैथ, कैम्ब्रिज'' , कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 1997;
पीपी. 5-8.</ref> इस नाटक को 1607 के बाद लिखा गया नहीं माना जाता है क्योंकि जैसा कि करमोड उल्लेख करते हैं "1607 में इस नाटक के काफी स्पष्ट संकेत मौजूद हैं."<ref name="Kermode, 1308" /> इस नाटक के प्रदर्शन का सबसे पहला संदर्भ अप्रैल 1611 का है जब साइमन फोरमैन ने इसे ग्लोब थियेटर में देखकर दर्ज किया था.<ref>इफ, दैट इज, दी फोरमैन डॉक्यूमेंट इन जेनविन; सी दी एंट्री ऑन साइमन फोरमैन फॉर दी क्वेश्चन ऑफ दी ऑथिन्टिसिटी ऑफ दी ''बुक्स ऑफ प्लेज.''</ref>
 
''मैकबेथ'' को सबसे पहले 1623 के फर्स्ट फोलियो में मुद्रित किया गया था और यह फोलियो इस पाठ्य सामग्री का एकमात्र स्रोत है. जो पाठ्य सामग्री अस्तित्व में है उसे बाद के लोगों द्वारा सीधे तौर पर बदल दिया गया था. सबसे उल्लेखनीय थॉमस मिडलटन के नाटक ''द विच'' (1615) में दो गानों को शामिल किया जाना है; अनुमान लगाया जाता है कि मिडलटन ने चुड़ैलों और हेकेटी को शामिल कर एक अतिरिक्त दृश्य जोड़ा था, क्योंकि ये दृश्य दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुए थे. इन संशोधनों को जिन्हें 1869 के क्लेयरडन के संस्करण के बाद से भूमिका III , दृश्य v की संपूर्ण हिस्से और भूमिका IV, दृश्य I के एक हिस्से को शामिल किया गया माना जाता है, इन्हें अक्सर आधुनिक पाठ्य सामग्रियों में दर्शाया जाता है.<ref>ब्रुक, निकोलस, एड. ''दी ट्रेजडी ऑफ मैकबैथ ऑक्सफोर्ड '' : ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 1998:57.</ref> इस आधार पर कई विद्वान देवी हेकेटी के साथ सभी तीन तमाशों को अप्रामाणिक मानकर अस्वीकार करते हैं. यहाँ तक की हेकेटी की सामग्री के साथ भी नाटक सुस्पष्ट रूप से छोटा है और इसलिए फोलियो का पाठ एक संवाद पुस्तक से लिया गया है जिसमें अभिनय के लिए काफी काट-छांट की गयी है या यह पाठ स्वयं एक अनुकूलित कर काटा गया अंश है.
 
== विषय-वस्तु और रूपांकन ==
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''मैकबेथ'' शेक्सपियर के शोकान्त नाटकों में कुछ आलोचनात्मक रूप से एक विसंगति है. संक्षेप में: यह ''ओथेलो'' और ''किंग लीयर'' से एक हजार से अधिक लाइन कम और ''हेमलेट'' से केवल आधे से थोड़ा अधिक लंबा है. यह संक्षिप्तता कई आलोचकों को यह बताती है कि प्राप्त संस्करण एक भारी काट-छांट वाले संस्करण पर आधारित है जो संभवतः किसी विशेष प्रदर्शन के लिए एक संवाद-पुस्तक के रूप में होगा. इस संक्षिप्तता को अन्य असामान्य विशेषताओं से भी जोड़ा गया है: पहली भूमिका का पहला अंश, जो ऐसा लगता है कि "एक्शन के लिए उजागर किया गया" है; मैकबेथ के अलावा अन्य पात्रों की तुलनात्मक सरलता; शेक्सपियर के अन्य दुखांत नायकों की तुलना में स्वयं मैकबेथ की विचित्रता.
 
=== पात्र के एक शोकान्त रूप में ===
कम से कम अलेक्जेंडर पोप और शैमुअल जॉनसन के दिनों से इस नाटक का विश्लेषण मैकबेथ की महत्वाकांक्षा के सवाल पर केंद्रित रहा है जिसे आम तौर पर कहानी पर इस कदर हावी देखा जाता है कि यह पात्र को पारिभाषित कर देता है. जॉनसन ने कहा था कि हालांकि मैकबेथ को उसकी सैन्य बहादुरी के लिए सम्मानित किया जाता है लेकिन पूरी तरह से धिक्कारा जाता है. यह विचार आलोचनात्मक साहित्य में बार-बार आता है और कैरोलीन स्पर्जन के अनुसार यह स्वयं शेक्सपियर द्वारा समर्थित है जो जाहिर तौर पर अपने नायक को नीचा दिखाना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने उसके लिए अनुपयुक्त पहनावे में रखते हैं और उनके द्वारा प्रयोग किये गए कई निमिज्म में मैकबेथ को हास्यास्पद दिखाना चाहते हैं; उसके कपड़े या तो उसके लिए बहुत बड़े या बहुत छोटे हैं - जिस तरह राजा के रूप में उसकी नयी और सही भूमिका के लिए उसकी महत्वाकांक्षा बहुत बड़ी है और उसका चरित्र बहुत छोटा है. जब चुड़ैलों की भविष्यवाणी के अनुसार कॉडोर के थेन की अपनी नयी उपाधि के बाद वह अपने आप को "उधार के कपड़े पहने" महसूस करता है, जिसकी पुष्टि रॉस द्वारा की गयी है (I, 3, II. 108-109), बैंको कहता है: "संयोगवश उसे मिलने वाले नए सम्मान हमारे अजीब वस्त्रों की ही तरह, उसके नाप के नहीं हैं, इसलिए उन्हें कुछ चीजों की सहायता से पहना जाता है" (I, 3, II. 145-146). और अंत में, जब तानाशाह डनसिनेन में पलट कर मुकाबला करने को बाध्य होता है, कैथनेस उसे एक बड़े वस्त्र को एक बहुत ही छोटी बेल्ट से बांधने की व्यर्थ कोशिश करने वाले आदमी के समान देखता है: "वह अपने विकृत कारण को नियंत्रित (बकल) नहीं कर सकता है / शासन समान बेल्ट के द्वारा" (V, 2, II. 14-15), जबकि एंगस इसी तरह के एक उदाहरण में इस प्रकार का सार प्रस्तुत करते हैं जो मैकबेथ के सतारूढ़ होने के बाद हर होई सोचता है: क्या अब उसे अपनी उपाधि अपने लिए काफी बड़ी दिखाई दे रही है, ठीक उसी तरह जैसे एक विशालकाय व्यक्ति का लबादे एक ठिगने चोर के ऊपर" (V, 2, II. 18-20).<ref>कैरलाइन स्पुरगेओं, ''शेक्सपियर्स इमेज्नरी एंड वॉट ईट टेल्स अस.'' इन: जॉन वेन (एड.): ''शेक्सपियर)'' ''मैकबैथ. '' ''ए केसबुक.'' ब्रिस्टल: वेस्टर्न प्रिंटिंग सर्विसेज (1968), पीपी. 168-177</ref>
 
[[रिचर्ड ३|रिचर्ड III]] की तरह लेकिन उस चरित्र के विकृत रूप से आकर्षक आधिक्य के बिना मैकबेथ अपने अपरिहार्य पतन तक खून से लथपथ रहता है. जैसा कि केनेथ मुइर लिखते हैं, "मैकबेथ की प्रवृत्ति हत्या करने की नहीं होती है; उसकी सिर्फ एक अत्यधिक महत्वाकांक्षा है जो अपने आप में ऐसा लगता है कि ह्त्या को राजगद्दी पाने में विफलता की तुलना में एक छोटा पाप है. कुछ आलोचक जैसे कि ई.ई. स्टॉल इस चरित्र चित्रण को सेनेकन या मध्ययुगीन परंपरा के एक अवशेष के रूप में वर्णन करते हैं. शेक्सपियर के दर्शक इस नजरिये से खलनायकों से पूरी तरह दुष्ट होने की अपेक्षा रखते हैं और सेनेकन शैली एक खलनायक जैसे नायक से बचने से काफी दूर है, लेकिन सबने इसकी मांग की थी.
 
अभी तक अन्य आलोचकों के लिए मैकबेथ की प्रेरणा के सवाल को हल करना इतना आसान नहीं रहा है. उदाहरण के लिए रॉबर्ट ब्रिजेज ने एक विरोधाभास को महसूस किया था: डंकन की ह्त्या से पहले इस तरह के यथार्थपूर्ण आतंक को व्यक्त करने में सक्षम एक पात्र संभवतः इस तरह के अपराध को अंजाम देने में असमर्थ होगा. कई आलोचकों के लिए पहली भूमिका में मैकबेथ की प्रेरणाएं अस्पष्ट और अपर्याप्त दिखाई देती हैं. जॉन डोवर विल्सन की परिकल्पना यह थी कि शेक्सपियर के मूल पाठ में एक या अनेक अतिरिक्त दृश्य थे जहां पति और पत्नी ने अपनी योजनाओं पर बहस किया था. इस व्याख्या पूरी तरह से साध्य नहीं है; हालांकि मैकबेथ की महत्वाकांक्षा की भूमिका की प्रेरक भूमिका को सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त है. उसकी महत्वाकांक्षा से प्रेरित दुष्टता के कार्य उसे एक बढ़ती दुष्टता के चक्र में उलझाते हुए प्रतीत होते हैं, जैसा कि मैकबेथ स्वयं अपनी पहचान करता है: "मैं खून में हूँ/इतनी दूर बढ़ गया कि मुझे और अधिक आगे नहीं बढ़ना चाहिए/वापस लौटना उतना ही कठिन था जितना कि आगे बढ़ना."
 
=== नैतिक व्यवस्था के एक दुखांत नाटक के रूप में ===
मैकबेथ की महत्वाकांक्षा के विनाशकारी परिणाम उसी तक सीमित नहीं हैं. नाटक में लगभग हत्या के समय से ही स्कॉटलैंड को स्वाभाविक व्यवस्था के विपरीत घटनाओं से विचलित देश के रूप में दर्शाया गया है. शेक्सपियर का इरादा जीवन की एक महान श्रृंखला का संदर्भ देने का रहा हो सकता है हालांकि नाटक की अव्यवस्था की छवियां ज्यादातर उतने विशिष्ट नहीं हैं कि ये विस्तृत बौद्धिक पाठ्य सामग्री का समर्थन कर सकें. उनका इरादा राजाओं के दिव्य अधिकारों में जेम्स के विश्वास का सविस्तार प्रशंसा करने का भी रहा होगा, हालांकि यह परिकल्पना जो हेनरी. एन पॉल द्वारा सबसे अधिक लंबाई में उल्लिखित है, सार्वभौमिक रूप से स्वीकार्य नहीं है. हालांकि जिस तरह ''जूलियस सीज़र'' में राजनीतिक क्षेत्र में अव्यवस्थाएं प्रतिध्वनित होती हैं और यहाँ तक कि भौतिक जगत की घटनाओं द्वारा परिलक्षित होती है. स्वाभाविक व्यवस्था के व्युत्क्रम का सबसे अधिक बार किया गया चित्रण है नींद. मैकबेथ की यह घोषणा कि उसने "नींद को मार दिया" है जिसका लाक्षणिक प्रतिबिंब लेडी मैकबेथ द्वारा नींद में चलने में नजर आता है.
 
मध्ययुगीन दुखांत नाटक के लिए मैकबेथ के आम तौर पर स्वीकार्य आभार को अक्सर नाटक में नैतिक व्यवस्था के वर्णन में महत्वपूर्ण रूप में देखा जाता है. ग्लेन विकहम इस नाटक को दरबान के माध्यम से नरक के खौफनाक कथानक पर एक रहस्मय नाटक से जोड़ते हैं. हावर्ड फेल्परीन का तर्क है कि नाटक की अक्सर स्वीकार्य स्थिति की तुलना में "रूढ़िवादी ईसाई दुखांत नाटक" की ओर एक कहीं अधिक जटिल प्रवृत्ति है; वे नाटक और मध्ययुगीन पूजन संबंधी ड्रामा के भीतर [[हेरोद महान|तानाशाह भूमिकाओं]] के बीच एक संबंध देखते हैं.
 
उभयलिंगी विषय-वस्तु को अक्सर विकार के विषय के एक विशेष पहलू के रूप में देखा जाता है. मानक लिंगी भूमिकाओं के उलट भूमिकाएं सबसे अधिक मशहूर रूप से चुड़ैलों और लेडी मैकबेथ साथ जुडी हुई हैं जिस तरह वह पहली भूमिका में दिखाई देती है. ऐसे व्युत्क्रमों के साथ शेक्सपियर की सहानुभूति चाहे जिस श्रेणी की रही हो, नाटक मानक लिंगी मूल्यों की ओर पूरी तरह से वापसी के साथ समाप्त होता है. कुछ नारीवादी मनोविश्लेषणात्मक आलोचक जैसे की जेनेट एडेलमन ने लिंगी भूमिकाओं के साथ नाटक के आचरण को विपरीत स्वाभाविक व्यवस्था की इसकी बड़ी विषय-वस्तु से जोड़ा है. इस आलोक में मैकबेथ को उसके द्वारा नैतिक व्यवस्था के अतिक्रमण के लिए प्रकृति के चक्र से हटाकर दण्डित किया जाता है (जिसे महिला के रूप में दर्शाया गया है); प्रकृति स्वयं (जैसा की बिर्नम वुड की गतिविधि में सन्निहित है) नैतिक व्यवस्था की बहाली का हिस्सा है.
 
=== एक काव्यात्मक दुखांत नाटक के रूप में ===
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=== जादू-टोना और दुष्टता ===
[[चित्र:Macbeth and Banquo with the witches JHF.jpg|thumb|हेनरी फुसेली द्वारा चित्रित चुड़ैलों के साथ मैकबैथ और बैंको.]]
नाटक में तीन चुडैलें अंधेरा, अराजकता और संघर्ष का प्रतिनिधित्व करती हैं जबकि उनकी भूमिका एजेंटों और गवाहों के रूप में है.<ref name="Kliman14">क्लिमन, 14.</ref> उनकी उपस्थिति राजद्रोह और आसन्न कयामत सा संदेश देती है. शेक्सपियर के समय के दौरान चुड़ैलों को विद्रोहियों से भी बदतर रूप में देखा जाता था, "जो सबसे अधिक कुख्यात विश्वासघाती और राजद्रोही हो सकती हैं."<ref name="Perkins">{{Cite book|last=Perkins |first=William |title=A Discourse of the Damned Art of Witchcraft, So Farre forth as it is revealed in the Scriptures, and manifest by true experience |publisher=Cantrell Legge, Printer to the Universitie of Cambridge |location=London |year=1618 |page=53 |url=http://digital.library.cornell.edu/cgi/t/text/text-idx?c=witch;idno=wit075 |accessdate=2009-06-24}}</ref> वे ना केवल राजनीतिक गद्दार थे बल्कि आध्यात्मिक रूप में भी धोखेबाज थीं. उनकी ओर से उत्पन्न होने वाली ज्यादातर भ्रम की स्थिति वास्तविकता और अलौकिक के बीच नाटक की सीमाओं के दोनों ओर पैर फैलाकर बैठने की उनकी क्षमता से आती है. वे दोनों दुनिया में इतनी गहराई से सुरक्षित हैं कि यह स्पष्ट नहीं होता है कि वे भाग्य को नियंत्रित करती हैं या क्या वे सिर्फ इसके एजेंट हैं. वे वास्तविक दुनिया के नियमों के अधीन नहीं होने के कारण तर्क की अवहेलना करती हैं.<ref>कोड्डों, कारिन एस."'अनरियल माकरी': अनरिज़न एंड दी प्रॉब्लम ऑफ स्पेक्टकल इन मैकबैथ." ''ईएलएच.'' (अक्टूबर 1989) 56.3 पीपी. 485-501.</ref>
पहली भूमिका में चुड़ैलों की पंक्तियां: "सचाई बेईमानी है, और बेईमानी उचित है: कोहरे और दूषित हवा के आसपास से होकर जाओ" इसे अक्सर एक भ्रम की भावना के रूप में व्यवस्थित करते हुए नाटक के बाकी हिस्से के लिए एक निर्धारित टोन कहा जाता है. दरअसल नाटक ऐसी परिस्थितियों से भरपूर है जहां दुष्टता को अच्छाई के रूप में चित्रित किया गया है जबकि अच्छाई को दुष्टता का रूप दिया गया है. पंक्ति "दोहरा, दोहरा परिश्रम और मुसीबत," (इसे अक्सर इस कदर उत्तेजक बना दिया जाता है कि यह अपना अर्थ खो देता है) चुड़ैलों की मंशा का स्पष्ट रूप से संदेश देती है: वे अपने आसपास के मनुष्यों के लिए केवल मुसीबत चाहती हैं.<ref name="tempt" />
 
जबकि चुडैलें मैकबेथ को प्रत्यक्ष रूप से राजा डंकन को मारने के लिए नहीं कहती हैं, वे एक प्रलोभन के सूक्ष्म रूप का प्रयोग करती हैं जब वे मैकबेथ को यह कहती हैं कि उसकी किस्मत में राजा बनना लिखा है. उसके मन में इस विचार को स्थापित कर वे उसके अपने विनाश के मार्ग के पर प्रभावी रूप से निर्देशित करती हैं. यह एक ऐसे प्रलोभन की पद्धति का अनुसरण करता है जिसे कई लोग शेक्सपियर के समय में प्रयोग किए गए शैतान के रूप में मानते हैं. उन्होंने तर्क दिया कि सबसे पहले किसी व्यक्ति के मन में एक विचार भर दिया जाता है, फिर वह व्यक्ति या तो इस विचार में लिप्त हो जाता है या इसे अस्वीकार कर देता है. मैकबेथ इसमें लिप्त हो जाता है जबकि बैंको इसे खारिज कर देता है.<ref name="tempt">फ्रे, रोलाण्ड मुश्त. "लॉन्चिंग दी ट्रेजडी ऑफ मैकबैथ: टेम्पटेशन, डेलिब्रेशन, एंड कौन्सेंट इन एक्ट I." ''दी हटिंगटन लाइब्रेरी क्वाटर्ली.'' (जुलाई 1987) 50.3 पीपी. 249-261.</ref>
 
=== रूपक के रूप में ===
{{Original research|section|date=May 2010}}
जे.ए. ब्रायंट जूनियर के अनुसार मैकबेथ को एक रूपक भी समझा जा सकता है{{ndash}} विशेषकर बाइबिल के पुराने और नए विधान के अंशों के लिए रूपक के रूप में. ''सम क्रिश्चियन आस्पेक्ट्स ऑफ शेक्सपियर'' से:
 
{{quote|No matter how one looks at it, whether as history or as tragedy, Macbeth is distinctively Christian. One may simply count the Biblical allusions as Richmond Noble has done; one may go further and study the parallels between Shakespeare's story and the Old Testament stories of Saul and Jezebel as Miss Jane H. Jack has done; or one may examine with W. C. Curry the progressive degeneration of Macbeth from the point of view of medieval theology.<ref>{{Cite web|url=http://www.archive.org/stream/hippolytasviewso012763mbp/hippolytasviewso012763mbp_djvu.txt |title=Full text of "Hippolyta S View Some Christian Aspects Of Shakespeare S Plays" |publisher=Archive.org |date=1960-08-28 |accessdate=2009-11-01}}</ref><ref>{{Cite web|url=http://www.archive.org/details/hippolytasviewso012763mbp |title=Internet Archive: Free Download: Hippolyta S View Some Christian Aspects Of Shakespeare S Plays |publisher=Archive.org |date= |accessdate=2009-11-01}}</ref>}}
 
ब्रायंट राजा डंकन की हत्या और ईसा मसीह की हत्या के बीच कुछ गहरी समानताओं की खोज में चले जाते हैं जबकि लेकिन एक आकस्मिक प्रेक्षक के लिए नाटक में बाइबिल संबंधी अन्य रूपकों का उल्लेख करना कही आसान होता है. मैकबेथ का पतन काफी हद तक जेनेसिस 3 में आदमी के पतन के समान है और सलाह के लिए चुड़ैलों के पास उसकी वापसी 1 शैमुअल 28 में राजा शाऊल की कहानी के प्रत्यक्ष रूप से समानांतर है.<ref>{{cite web |url=http://www.biblegateway.com/passage/?search=Genesis%203&version=NIV |title=Genesis 3 (New International Version, ©2010) |publisher=biblegateway.com |accessdate=28 November 2010}}</ref><ref>{{cite web |url=http://www.biblegateway.com/passage/?search=1%20Samuel%2028&version=NIV |title=1 Samuel 28 (New International Version, ©2010)
|publisher=biblegateway.com |accessdate=28 November 2010}}</ref> शेक्सपियर के दर्शकों ने इन्हें तुरंत उठा लिया होगा और नाटक एवं बाइबिल के बीच आगे के समानांतरों की जांच इस लेखन के लिए शेक्सपियर के इरादों में अतिरिक्त अंतर्दृष्टि प्रस्तुत करता है.
 
== अंधविश्वास और "स्कॉटिश नाटक" ==
{{Main|The Scottish play}}
हालांकि बहुत से लोग आज सीधे तौर पर संयोग के एक निर्माण के आसपास किसी दुर्भाग्य की बात करेंगे, अभिनेता और रंगमंच के अन्य लोग अक्सर रंगमंच के भीतर ''मैकबेथ'' के नाम का उल्लेख करना एक बदकिस्मती मानते हैं और कभी-कभी इसे अप्रत्यक्ष रूप से संदर्भित करते हैं. उदाहरण के लिए "द स्कॉटिश प्ले",<ref name="faires">रॉबर्ट फैरिस, "[http://www.austinchronicle.com/gyrobase/Issue/story?oid=oid%3A78882 दी कर्स ऑफ दी प्ले]", ''ऑस्टिन क्रॉनिकल'' , 13 अक्टूबर 2000.</ref> या "मैकबी", या जब पात्र का संदर्भ देना हो ना कि नाटक का, "मिस्टर एंड मिसेज एम" या "द स्कॉटिश किंग" का प्रयोग.
 
ऐसा इसलिए है क्योंकि कहा जाता है कि शेक्सपियर ने अपनी रचना में असली चुड़ैलों की उक्तियों का इस्तेमाल किया था जिसने कथित रूप से चुड़ैलों को नाराज कर दिया अथा और इसी कारण से यह नाटक अभिशप्त हो गया था.<ref>{{cite web |url=http://pretallez.com/onstage/theatre/broadway/macbeth/macbeth_curse.html |title=The Curse of 'Macbeth'. Is there an evil spell on this ill-starred play? |first=Dina |last=Tritsch |date=April 1984 |publisher=pretallez.com |accessdate=28 November 2010}}</ref> इस प्रकार किसी थिएटर के अंदर नाटक के नाम का प्रयोग निर्माण की विफलता की स्थिति तक विनाशकारी माना जाता है और संभवतः अभिनय वर्ग के सदस्यों को शारीरिक चोट लगाने या मृत्यु का कारण बन सकता है. ''मैकबेथ'' के संचालन के दौरान (या इस नाम का उच्चारण करने वाले अभिनेताओं) दुर्घटनाओं, दुर्भाग्यों और यहाँ तक कि मौत की घटनाओं की कहानियां मौजूद हैं.<ref name="faires" />
 
स्वयं को इस अंधविश्वास से जोड़ने वाली एक विशेष घटना थी एस्टर प्लेस का दंगा. क्योंकि इन दंगों का कारण ''मैकबेथ'' के दो अभिनय प्रदर्शनों के एक संघर्ष पर आधारित था, इसे अक्सर अभिशाप के कारण हुआ माना जाता है.<ref>{{cite web |url=http://skeptoid.com/episodes/4222 |title=Toil and Trouble: The Curse of Macbeth |author=Dunning, Brian|date=September 7, 2010 |publisher=skeptoid.com |accessdate=28 November 2010}}</ref>
 
अभिनेता के आधार पर इस अभिशाप को मिटाने के लिए कई तरीके मौजूद हैं. माइकल यॉर्क से संबंधित एक तरीका है, जिस व्यक्ति ने इस नाम का उच्चारण किया है उसके साथ उस भवन को तुरंत छोड़ देना जहां वह स्टेज बना है, तीन बार उसके चारों ओर घूमना, उसके बाएं कंधे पर थूकना, एक अश्लीलता की बात कहना और उसके बाद भवन में वापस आमंत्रित किये जाने के लिए प्रतीक्षा करना है.<ref>जे. माइकल स्ट्रेकज्यन्सकी द्वारा ''बेबीलोन 5 - दी स्क्रिप्ट्स ऑफ जे. माइकल स्ट्रेकज्यन्सकी, वॉल्यूम 6'' , सिंथेटिक लैब्स पब्लिशिंग (2006).</ref> एक संबंधित अभ्यास जितनी तेजी से संभव हो उस स्थान पर तीन बार चारों ओर घूमना, जिसके साथ कभी-कभी उनके कंधों पर थूकना और एक अश्लील बात कहना है. एक अन्य लोकप्रिय "रिवाज" है कमरे को छोड़ देना, तीन बार दस्तक देना, आमंत्रित किया जाना और उसके बाद ''हेमलेट'' की एक पंक्ति बोलना. इसके अलावा एक और रिवाज है ''द मर्चेंट ऑफ वेनिस'' की पंक्तियों को सुनाना, जिसे एक सौभाग्यशाली नाटक माना जाता है.<ref name="Garber">{{Cite book|last=Garber|first=Marjorie B.|title=Profiling Shakespeare|publisher=Routledge|year=2008|page=77|isbn=9780415964463}}</ref>
 
== प्रदर्शन का इतिहास ==
=== शेक्सपियर के दिन ===
फोरमैन के दस्तावेज़ में वर्णित के अलावा शेक्सपियर के युग के अभिनय प्रदर्शनों का कोई भी उदाहरण निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है. इसके स्कॉटिश विषय की वजह से इस नाटक को कभी-कभी किंग जेम्स के लिए लिखा गया और संभवतः उनके लिए शुरू किया गया कहा जाता है; हालांकि कोई भी बाहरी प्रमाण इस परिकल्पना का समर्थन नहीं करता है. नाटक की संक्षिप्तता और इसके मंचन के कुछ पहलुओं (उदाहरण के लिए, रात के समय का अधिकांश हिस्सा और असामान्य रूप से बड़ी संख्या में नेपथ्य की आवाजें) के बारे में बताया जाता है कि वर्तमान पाठ को संभवतः उस ब्लैकफ्रायर्स थियेटर में इनडोर निर्माण के लिए संशोधित किया गया था जिसे राजा के लोगों ने 1608 में प्राप्त किया था.<ref>अधिग्रहण की तारीख के लिए, देखें, उदाहरण के लिए, एडम्स, जे.क्यू., ''शेक्सपियरेन प्लेहाउस'' बोस्टन: ह्यूटन मिफ्लिन, 1917: 224; बेंटले, जे.ई. ''दी जकॉबेँ एंड कैरोलीन स्टेज'' , ऑक्सफोर्ड: क्लारेंडों प्रेस, 1941: 6.13-17; चेम्बर्स, ई.के., ''दी अलिज़बेटन स्टेज'' , ऑक्सफोर्ड: क्लारेंडों प्रेस, 1923: 2.498. ''मैकबैथ'' के लिए, एक घरेलू खेल के रूप में देखें, उदाहरण के लिए बाल्ड, आर.सी., "मैकबैथ एंड दी शॉर्ट प्ले," ''रिव्यू ऑफ इंग्लिश स्टडीज़'' 4 (1928): 430; शर्ली, फ्रेच, ''शेक्सपियर्स यूज़ ऑफ ऑफ-स्टेज साउंड्स'' , लिंकन: यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का प्रेस, 1963: 168-89.</ref>
 
=== रेस्टोरेशन और 18वीं सदी ===
रेस्टोरेशन में सर विलियम डेवनेंट ने एक ''मैकबेथ'' के एक शानदार "ओपेरा संबंधी" रूपांतरण का निर्माण किया था जिसमें "सभी गानों और नृत्यों" और "चुड़ैलों के लिए उड़ने" जैसे स्पेशल इफेक्ट्स का प्रयोग किया गया था (जॉन डॉनेस, ''रोसियस एन्ग्लिकेनस'' , 1708). डेवनैंट ने संशोधन ने लेडी मैकडफ की भूमिका को भी बढ़ाया था जिसने उसे लेडी मैकबेथ के लिए विषयगत रुकावट बना दिया था.<ref name="Barnet">सिल्वेन बार्नेट, "मैकबैथ ऑन स्टेज एंड स्क्रीन," ''मैकबैथ'' में, एड. सिल्वेन बार्नेट, ए सिगनेट क्लासिक, 1998, पी. 188.</ref> 19 अप्रैल 1667 को अपनी डायरी में एक प्रविष्टि में सैमुअल पेपीज ने डेवनैंट के ''मैकबेथ'' को "रंगमंच के लिए सर्वश्रेष्ठ नाटकों में से एक, और नृत्य एवं संगीत की विविधता से भरपूर, जिसे मैंने कभी देखा है" कहा.<ref name="Barnet" /> डेवनैंट के संस्करण ने अगली सदी के मध्य तक मंच पर अपना वर्चस्व बनाए रखा. 18वीं सदी की शुरुआत के प्रसिद्ध मैकबैथ जैसे कि जेम्स क्वीन ने इस संस्करण का प्रयोग किया था.
 
चार्ल्स मैकलिन जिन्हें अन्यथा एक महान मैकबेथ के रूप में याद नहीं किया जाता है, उन्हें 1773 में कोवेंट गार्डन में अभिनय के लिए याद किया जाता है जो गैरिक और विलियम स्मिथ के साथ मैकलिन की प्रतिद्वंद्विता से संबंधित है. मैकलिन ने स्कॉटिश पोशाक में अभिनय किया था जो मैकबेथ को अंग्रेजी ब्रिगेडियर के रूप में वेशभूषा पहनाने के पहले के प्रचलन के विपरीत है; उन्होंने गैरिक के मौत के संवादों को भी हटा दिया था और आगे लेडी मैकडफ के भूमिका को काट दिया था. इस अभिनय को आम तौर पर सम्मानजनक समीक्षाएं प्राप्त हुईं, हालांकि जॉर्ज स्टीवेंस ने भूमिका के लिए मैकलिन (जो अपने अस्सी के दशक में थे) क़ी अनुपयुक्तता पर टिप्पणी की थी.
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गैरिक के बाद 18वीं सदी का सबसे अधिक सराहनीय मैकबेथ थे जॉन फिलिप केम्बले; उन्होंने इस भूमिका को सबसे अधिक लोकप्रिय रूप से अपनी बहन, सारा सिडंस के साथ निभाया जिनकी लेडी मैकबेथ को सर्वोत्कृष्ट माना जाता है. केम्बले ने यथार्थवादी पोशाक और शेक्सपियर क़ी भाषा जिसने मैकलिन के निर्माण को चिह्नित किया था, उसकी ओर रुझान को निरंतर जारी रखा; वाल्टर स्कॉट बताते हैं कि उन्होंने नाटक क़ी स्कॉटिश वेशभूषा के साथ निरंतर प्रयोग किया था. केम्बले क़ी व्याख्या पर प्रतिक्रिया विभाजित थी; हालांकि सिडंस क़ी सर्वसम्मति से प्रशंसा की गयी थी. पांचवें अंश में "नींद में चलने" के दृश्य में उनकी भूमिका का विशेष रूप से उल्लेख किया गया था; लेह हंट ने इसे "उत्कृष्ट" कहा. केम्बले-सिडंस क़ी भूमिकाएं पहली व्यापक रूप से प्रभावशाली प्रस्तुतियां थीं जिसमें लेडी मैकबेथ की खलनायकी को मैकबेथ की तुलना में अधिक गहरी और शक्तिशाली बनाकर प्रस्तुत किया गया था. साथ ही ऐसा पहली बार हुआ था की बैंको का भूत मंच पर प्रकट नहीं हुआ.
 
केम्बले का मैकबेथ कुछ आलोचकों को शेक्सपियर के पाठ के लिए बहुत अधिक सभ्य और विनम्र लगा. लंदन के अग्रणी अभिनेता के रूप में उनके उत्तराधिकारी, एडमंड कीन की अत्यधिक भावुकता के लिए, विशेष रूप से पांचवीं भूमिका में अक्सर आलोचना की जाती है. कीन के मैकबेथ की सार्वभौमिक रूप से प्रशंसा नहीं की गयी थी, उदाहरण के लिए, विलियम हैजलिट ने यह शिकायत की थी कि कीन का मिकबेथ उनके रिचर्ड III के काफी समान था. जैसा की उनहोंने अन्य भूमिकाओं में किया था, कीन ने ने उसके हट्टे-कटते होने का फ़ायदा मैकबेथ के मानसिक पतन के मुख्य घटक के रूप में प्रयोग कर उठाया था. उन्होंने कैम्बले द्वारा मैकबेथ के एक सभ्य रूप पर जोर दिए जाने के विपरीत इसकी जगह उसे एक क्रूर राजनेता के रूप में प्रस्तुत किया जिसका अपराध और भय के भार से पतन हो जाता है. हालांकि कीन ने दृश्य और वेशभूषा में अपव्यय की ओर बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए कुछ नहीं किया.
 
=== उन्नीसवीं सदी ===
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1850 के बाद प्रिन्सेसेज थियेटर में कीन की प्रस्तुतियों की शानदार विशेषता वेशभूषा की उनकी सटीकता थी. कीन ने अपनी सबसे बड़ी सफलता आधुनिक मेलोड्रामा में प्राप्त की और उन्हें महानतम एलिजाबेथ संबंधी भूमिकाओं को व्यापक रूप से बहुत अधिक पूर्वव्याप्त नहीं करने के रूप में देखा गया. हालांकि दर्शकों ने इसका बुरा नहीं माना; 1853 का एक निर्माण बीस सप्ताह तक चलता रहा. मुमकिन है कि आकर्षण का हिस्सा कीन द्वारा ऐतिहासिक सटीकता के लिए अपनी प्रस्तुतियों में ध्यान दिए जाने के लिए मशहूर होना था; जैसा कि एलार्डिस निकोल की टिप्पणी हैं "यहां तक कि वनस्पति भी ऐतिहासिक रूप से सही थी".
 
1875 में लंदन के लिसेयुम थियेटर में भूमिका पर हेनरी इरविंग का पहला प्रयास विफल रहा था. सिडनी फ्रांसिस बेटमैन के निर्माण के तहत और केट जोसेफिन बेटमैन के साथ अभिनय में इरविंग संभवतः अपने प्रबंधक हेजेकिया लिंथिकम बेटमैन की हाल ही में हुई मौत से प्रभावित थे. हालांकि यह निर्माण अस्सी प्रस्तुतियों तक चला, उनके मैकबेथ को उनके हेलमेट से निम्न कोटि का बताया गया. 1888 में लिसेयुम में एलेन टेरी के विपरीत उनका अगला निबंध कहीं अधिक बेहतर था जो 150 भूमिकाओं के लिए प्रस्तुत किया गया.<ref>[http://www.peopleplayuk.org.uk/collections/object.php?object_id=2008&amp;back=%2Fguided_tours%2Fdrama_tour%2F19th_century%2Fmanagers_irving.php%3F "हेनरी इरविंग एज़ मैकबैथ"], पीपुलप्ले यूके वेबसाइट.</ref> हरमन क्लेन की बहस में इरविंग ने आर्थर सुलीवान को इस नाटक के लिए आकस्मिक संगीत का एक सूट लिखने के लिए शामिल किया था.<ref>[http://math.boisestate.edu/gas/other_sullivan/macbeth/index.html इन्फोर्मेशन एबाउट सुलेवान्स इंसिडेंट्ल म्यूज़िक टू ''मैकबैथ'' इन 1888], गिल्बर्ट और सुलेवान पुरालेख.</ref> ब्रैम स्टोकर जैसे मित्रों ने इस अनुमान के आधार पर उनकी "मनोवैज्ञानिक" पाठ्य सामग्री का बचाव किया कि मैकबेथ ने नाटक की शुरुआत से पहले ही डंकन को मारने का सपना देखा देखा था. उनमें से हेनरी जेम्स जैसे उनके विरोधियों ने उनके मनमाने शब्द परिवर्तन (लेडी मैकबेथ की मौत के संवाद में "होना चाहिए" के लिए "हुआ होता") और पात्र के प्रति "नौरास्थेनिक" और "तुनकमिजाज" नजरिये पर अफ़सोस प्रकट किया.<ref>{{Cite book|last=Odell |first=George Clinton Densmore |title=Shakespeare from Betterton to Irving|publisher=C. Scribner's sons |year=1921 |series=384|volume=2 |url=http://books.google.com/books?id=vDRaAAAAMAAJ |accessdate=2009-08-17}}</ref>
 
=== बीसवीं सदी से वर्तमान तक ===
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[[चित्र:Negro unit Macbeth.jpg|left|thumb|फेडरल थियेटर प्रोजेक्ट नीग्रो यूनिट द्वारा निर्मित मैकबैथ, 1935]]
20वीं सदी के सबसे अधिक प्रचारित निर्माणों में 14 अप्रैल से 20 जून 1936 तक हार्लेम में लाफायेट थियेटर में फेडरल थियेटर प्रोजेक्ट द्वारा रचित निर्माण शामिल था. ओर्सन वेलेस ने अपने पहले मंचीय निर्माण में सभी [[अफ़्रीकी अमेरिकी|अफ्रीकी अमेरिकी]] निर्माणों में जैक कार्टर और एडना थॉमस को निर्देशित किया था जिसमें कनाडा ली ने बैंको की भूमिका निभाई थी. यह वूडू मैकबेथ के रूप में जाना गया, क्योंकि वेलेस ने इस नाटक को उपनिवेश-उपरांत [[हैती]] में सेट किया था. उनके निर्देशन ने तमाशा और रहस्य पर जोर दिया: उनके दर्जनों "अफ्रीकी" ड्रमों ने डेवनैंट के चुड़ैलों के कोरस की याद ताजा कर दी थी. वेलेस ने बाद में नाटक के 1948 के फिल्म रूपांतरण में कलाकार की भूमिका निभाई और निर्देशित की.
 
लॉरेंस ओलिवियर ने 1929 के निर्माण में मैल्कम की और 1937 में ओल्ड विक थियेटर में एक ऐसे निर्माण में मैकबेथ की भूमिका निभाई थी जिसमें इसकी शुरुआत से पूर्व की रात को विक के कलात्मक निर्देशक लिलियन बेलिस की मौत हो गयी थी. ओलिवियर का मेकअप उस प्रस्तुति के लिए इतना अधिक मोटा और स्टाइलिश था कि विवियन लेह ने इस प्रकार कहते हुए उद्धृत किया "आप मैकबेथ की पहली लाइन को सुनते हैं, उसके बाद लैरी का मेकअप सामने आता है और तब बैंको आता है, फिर लैरी आता है".<ref>रॉबर्ट तानिट्च, ओलिवर, एब्बेविले प्रेस (1985).</ref> ओलिवियर बाद में उस भूमिका में आये जो 20वीं सदी के निर्माणों में सबसे मशहूर है, जिसका मंचन 1955 में ग्लेन ब्याम शॉ द्वारा स्ट्रैटफ़ोर्ड-अपॉन-एवन में किया गया था. विवियन लेह ने लेडी मैकबेथ की भूमिका निभाई थी. सहायक कलाकार जिसकी हेरोल्ड हॉबसन ने निंदा की थी, इसमें कई अभिनेता शामिल थे जिनका शेक्सपियर से संबंधित सफल कैरियर रहा था: इयान होल्म ने डोनालबेन की भूमिका निभाई थी, कीथ मिशेल मैकडफ बने थे और पैट्रिक वाइमार्क पोर्टर की भूमिका में थे. ओलिवियर सफलता की कुंजी था. विशेष रूप से हत्यारों के साथ संवाद और बैंको के भूत से भिड़ने में उनके अभिनय की तीव्रता कई समीक्षकों को एडमंड कीन की याद ताजा करने वाली लगती है. ओलिवियर के ''रिचर्ड III'' की बॉक्स ऑफिस में विफलता के बाद एक फिल्म संस्करण की योजना कमजोर पड़ गयी. केनेथ टाइनन ने इस अभिनय के बारे में सीधे तौर पर कहा कि "मैकबैथ की तरह कोई भी कभी सफल नहीं हुआ है"--ओलिवियर तक.
 
ओलिवियर के 1937 के ओल्ड विक थियेटर के निर्माण में उनके साथी-कलाकार जूडिथ एंडरसन का नाटक के साथ एक बराबर का सफल जुड़ाव था. उन्होंने लेडी मैकबेथ की भूमिका ब्रॉडवे पर मॉरिस इवांस के विपरीत मार्गरेट वेबस्टर द्वारा निर्देशित एक निर्माण में निभाई थी जो 1941 में 131 प्रदर्शनों तक चली थी. एंडरसन और इवांस ने इस नाटक में दो बार 1962 और 1954 में टेलीविजन पर अभिनय किया, जिसमें मॉरिस इवांस ने 1962 के निर्माण के लिए एमी पुरस्कार जीता और एंडरसन ने दोनों प्रस्तुतियों के लिए पुरस्कार प्राप्त किया. 1971 में ''द ट्रेजडी ऑफ मैकबेथ'' शीर्षक एक रूपांतरण का निर्देशन रोमन पोलंस्की द्वारा निर्देशित किया गया था और कार्यकारी-निर्माता थे ह्यू हेफनर.
 
एक जापानी फिल्म अनुकूलन ''थ्रोन ऑफ ब्लड'' (कुमोनोसू जो, 1957) में तोशिरो मिफुने को मुख्य भूमिका में दिखाया गया है और इसका फिल्मांकन सामंती जापान में हुआ है. इसे अच्छी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई और नाटक की कोई भी पटकथा नहीं होने के बावजूद आलोचक हेरोल्ड ब्लूम ने इसे "''मैकबेथ'' का सबसे सफल फिल्म रूपांतरण" कहा.<ref name="bloom">हेरोल्ड ब्लूम, ''शेक्सपियर: दी इन्वेंशन ऑफ ह्यूमन'' . न्यू यॉर्क: 1999. आईएसबीएन 1-57322-751-X, पी. 519.</ref>
 
20वीं सदी के सबसे उल्लेखनीय प्रस्तुतियों में से एक 1976 में रॉयल शेक्सपीयर कंपनी के लिए ट्रेवर नन का संस्करण था. नन ने दो साल पहले इस नाटक में निकोल विलियमसन और हेलेन मिरेन को निर्देशित किया था लेकिन वह प्रस्तुति प्रभावित करने में काफी हद तक असफल रही थी. 1976 में नन ने इस नाटक को द अदर प्लेस में एक न्यूनतम सेट के साथ प्रस्तुत किया था, इस छोटे, लगभग गोल मंच पर पात्रों की मनोवैज्ञानिक गतिशीलता पर ध्यान केंद्रित किया गया था. शीर्षक भूमिका में इयान मैककेलन और लेडी मैकबेथ के रूप में जूडी डेंच दोनों ने असाधारण अनुकूल समीक्षाएं प्राप्त की थीं. डेंच ने 2004 में अपने अभिनय के लिए 1977 एसडब्ल्यूईटी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता, आरएससी के सदस्यों ने उनकी भूमिका को कंपनी के इतिहास में किसी अभिनेत्री द्वारा सबसे उत्कृष्ट अभिनय चुना.
 
नन के निर्माण को 1977 में लंदन में स्थानांतरित किया गया और बाद में इसे टेलीविजन के लिए फिल्माया गया. इसने मैकबेथ के रूप में अल्बर्ट फिन्नी और लेडी मैकबेथ के रूप में डोरोथी तूतिन के साथ पीटर हॉल के 1978 के निर्माण को पीछे छोड़ दिया. लेकिन सबसे कुख्यात हाल ही के ''मैकबेथ'' का मंचन 1980 में ओल्ड विक में किया गया था. पीटर ओ'टूल और फ्रांसिस टोमेल्टी ने एक ऐसे निर्माण (ब्रायन फ़ोर्ब्स द्वारा) में अग्रणी भूमिकाएं ली थीं जिसे थियेटर के कलात्मक निर्देशक टिमोथी वेस्ट द्वारा शुरुआत की रात से पहले ही सार्वजनिक रूप से परित्याग कर दिया गया था, बावजूद इसके कि अपनी कुख्याति के कारण यह पूरी तक बिक गया था. जैसी कि आलोचक जैक टिंकर ने डेली मेल में टिप्पणी की थी" "यह अभिनय उतना अधिक पूरी तरह से बुरा नहीं था जितना कि साहसपूर्वक हास्यास्पद था.<ref>रॉबर्ट तानिट्च द्वारा ''लंदन स्टेज इन दी 20थ सेंचुरी'' , हौस पब्लिशिंग (2007) आईएसबीएन 978-1-904950-74-5.</ref>
 
मंच पर लेडी मैकबेथ को शेक्सपियर की रचनाओं में अधिक "प्रभावशाली और चुनौतीपूर्ण" भूमिकाओं में से एक माना जाता है.<ref>ब्राउन, लेंगटन. ''शेक्सपियर एराउंड दी ग्लोब: ए गाइड टू नोटेबल पोस्टर रिवाइवल.'' न्यू यॉर्क: ग्रीनवुड प्रेस, 1986:355.</ref> इस भूमिका को निभाने वाली अन्य अभिनेत्रियों में वेन फ्रैंकॉन-डेविस, जेनेट सुजमन, ग्लेंडा जैक्सन और जेन लेपोटेयर शामिल हैं.
 
सन 2001 में फिल्म ''स्कॉटलैंड, पीए'' रिलीज हुई थी. गतिविधि 1970 के दशक के पेनसिल्वेनिया में स्थानांतरित किया गया है और यह जो मैकबेथ के चारों ओर घूमती है और उनकी पत्नी पैट नॉर्म डंकन से एक हैमबर्गर कैफे का नियंत्रण प्राप्त करती है. फिल्म का निर्देशन बिली मॉरीसेटे द्वारा किया गया था और सितारों में जेम्स लेग्रोस, मॉरा टायरनी और क्रिस्टोफर वालकेन शामिल थे.
 
एक प्रस्तुति का मंचन असली मैकबेथ के मोरे के घर में किया गया था जिसका निर्माण नेशनल थियेटर ऑफ स्कॉटलैंड द्वारा एल्गिन कैथेड्रल में मंचन के लिए किया गया था. पेशेवर कलाकारों, नर्तकियों, संगीतकारों, स्कूली बच्चों और मोरे के क्षेत्र के समुदाय के कलाकारों, सभी ने हाईलैंड ईयर ऑफ कल्चर (2007) के एक महत्वपूर्ण आयोजन में हिस्सा लिया था.
 
उसी वर्ष आलोचकों के बीच एक आम सहमति थी कि चिचेस्टर फेस्टिवल 2007 के लिए पैट्रिक स्टीवर्ट और केट फ्लीटवुड अभिनीत रूपर्ट गूल्ड के निर्माण ने ट्रेवर नन के बहुप्रशंसित 1976 के आरएससी प्रस्तुति के साथ प्रतिस्पर्धा की थी. और जब इसे लंदन में गिल्गड थिएटर में स्थानांतरित किया गया, डेली टेलीग्राफ के लिए समीक्षा करने वाले चार्ल्स स्पेन्सर ने इसे अपने द्वारा अभी तक देखा गया सर्वश्रेठ मैकबेथ बताया.<ref name="telegraph">{{Cite web|url=http://www.telegraph.co.uk/culture/3668183/The-best-Macbeth-I-have-seen.html |title=The best Macbeth I have seen |last=Spencer |first=Charles |date=September 27, 2007 |work=The Daily Telegraph |accessdate=2009-10-23}}</ref> ईवनिंग स्टैंडर्ड थिएटर अवार्ड्स 2007 में इस निर्माण ने स्टीवर्ट के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और गूल्ड के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक दोनों का पुरस्कार जीता.<ref>{{Cite web|url=http://www.thisislondon.co.uk/standard/article-23423447-details/Winning+performances+on+the+West+End+stage/article.do |title=Winning performances on the West End stage &#124; News |publisher=Thisislondon.co.uk |date= |accessdate=2009-11-01}}</ref> यही निर्माण एक पूरी तरह से बिक गए संचालन के बाद ब्रॉडवे (लाइसियम थियेटर) में स्थानांतरित होकर 2008 में अमेरिका में ब्रुकलीन एकेडमी ऑफ म्यूजिक में शुरू हुआ. 2009 में गूल्ड ने एक बार फिर से स्टीवर्ट और फ्लीटवुड को उनके निर्माण के एक एक प्रशंसित फिल्म संस्करण में निर्देशित किया जिसे पीबीएस की महान प्रस्तुतियों की श्रृंखला के एक हिस्से के रूप में 6 अक्टूबर 2010 को प्रसारित किया गया.
 
2003 में ब्रिटिश थिएटर कंपनी पंचड्रंक ने लंदन में ब्युफॉय भवन का इस्तेमाल किया जो एक पुराना विक्टोरियाई स्कूल है जहां "''स्लीप नो मोर'' " का मंचन किया गया था, यह [[एल्फ़्रेड हिचकॉक|हिचकॉक]] थ्रिलर की शैली में मैकबेथ की कहानी है जिसमें उत्कृष्ट हिचकॉक की फिल्मों के साउंडट्रैक से पुनर्निर्मित संगीत का इस्तेमाल किया गया था.<ref>{{Cite web|url=http://www.punchdrunk.org.uk/past/sleep.htm |title=Punchdrunk website&nbsp;– Sleep No More |publisher=punchdrunk |date= |accessdate=2009-05-16}}</ref> पंचड्रंक ने अमेरिकी रिपर्टरी थियेटर के सहयोग से इस निर्माण को अक्टूबर 2009 में ब्रूकलिन, मैसाचुसेट्स में एक परित्यक्त स्कूल में एक नए विस्तारित संस्करण में पुनर्व्यवस्थित किया.<ref>{{Cite web|url=http://www.americanrepertorytheater.org/events/show/sleep-no-more |title=ART website&nbsp;– Sleep No More|publisher=ART |date= | accessdate=2009-12-20}}</ref>
 
2004 में भारतीय निर्देशक विशाल भारद्वाज ने ''[[मक़्बूल|मकबूल]]'' शीर्षक से ''मैकबेथ'' के अपने अवायाम के रूपांतरण को निर्देशित किया. समकालीन [[मुम्बई|मुंबई]] के अंडरवर्ल्ड में फिल्मांकित इस फिल्म में [[इरफ़ान ख़ान|इरफान खान]], तब्बू, पंकज कपूर, [[ओम पुरी]], [[नसीरुद्दीन शाह]] और पीयूष मिश्र की प्रमुख भूमिकाएं थीं. यह फिल्म अत्यधिक प्रशंसित थी और यह निर्देशक भारद्वाज और [[इरफ़ान ख़ान|इरफान खान]] के लिए प्रसिद्धि लेकर आयी.{{Citation needed|date=March 2010}}
 
== अन्य लेखकों द्वारा सीक्वल ==
2006 में हार्पर कोलिन्स ने ऑस्ट्रेलियाई लेखक जैकी फ्रेंच द्वारा रचित पुस्तक ''मैकबेथ एंड सन'' को प्रकाशित किया. 2008 में पिगैसस बुक्स ने ''द ट्रेजडी ऑफ मैकबेथ पार्ट II: द सीड ऑफ बैंको'' का प्रकाशन किया जो अमेरिकी लेखक एवं नाटककार नूह ल्यूकमैन द्वारा रचित एक नाटक है जिसे वहां से उठाने का प्रयास किया गया था जहां वास्तविक ''मैकबेथ'' को छोड़ दिया जाता है और इसके कई ढ़ीले अंशों का समाधान किया गया था.
 
डेविड ग्रेग के 2010 के नाटक ''डनसिनेन'' ने डनसिनेन में मैकबेथ के पतन को इसके प्रारंभिक बिंदु के रूप में लिया था जिसमें मैकबैथ के तत्काल समाप्त हुए साम्राज्य को मैल्कम के विपरीत लंबा और स्थिर रूप में चित्रित किया गया था.{{Citation needed|date=March 2010}}
 
== संदर्भ ==
पंक्ति 210:
 
=== नाटक का पाठ ===
* [http://shakespeare-navigators.com/macbeth/SceneTextIndex.html मैकबैथ नेविगेटर] – ''मैकबैथ'' का सर्चेबल, ''एनोटेट'' एचटीएमएल (HTML) वर्ज़न
* [http://shakespeare.mit.edu/macbeth/full.html दी कम्प्लीट वर्क्स ऑफ विलियम शेक्सपियर] – बेसिक एचटीएमएल (HTML) में एन्तायर प्ले.
* [http://william-shakespeare.classic-literature.co.uk/the-tragedie-of-macbeth/ क्लासिक लिटरेचर लाइब्रेरी] – मैकबैथ का एचटीएमएल (HTML) वर्ज़न.
पंक्ति 217:
* [http://nfs.sparknotes.com/macbeth/ नो फियर शेक्सपियर] – स्पार्कनोट्स से - ऑरिजनल टेक्स्ट और ए मॉडर्न ट्रांसलेशन साइड-बाय-साइड
=== टीका-टिप्पणी ===
* [http://www.shakespeare-navigators.com/macbeth/SelectedBiblio.html एनोटेट बिबलियोग्राफी ऑफ ''मैकबैथ'' क्रिटिज्म]
* [http://www.nybooks.com/articles/20073 शेक्सपियर एंड दी यूजेज ऑफ पावर] स्टीवन ग्रीनब्लाट्ट द्वारा