"मैकबेथ": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Thomas Keene in Macbeth 1884 Wikipedia crop.png|250px|thumb|ए सी के लिए पोस्टर.1884 मैकबैथ का अमेरिकी निर्माण, थॉमस डब्ल्यू. कीन द्वारा अभिनीत. शीर्ष बाएँ से घड़ी की विपरीत दिशा में: मैकबेथ और बैंको चुड़ैलों से मिलते हुए.डंकन की हत्या के ठीक बाद, बैंको के भूत, मैकडफ मैकबैथ का द्वंद युद्ध]]
'''''द ट्रेजडी ऑफ मैकबेथ'' '''
इस शोकान्त नाटक के लिए शेक्सपियर के स्रोत ''होलिंशेड्स क्रॉनिकल्स''
रंगमंच के नेपथ्य की दुनिया में कुछ लोगों का मानना है कि यह नाटक अभिशप्त है और इसके शीर्षक का उल्लेख जोर देकर नहीं किया जाएगा, इसकी बजाय इसे "द स्कॉटिश प्ले" जैसे नामों से संदर्भित किया जाता है. सदियों से इस नाटक ने मैकबेथ और लेडी मैकबेथ की भूमिकाओं में कई महानतम अभिनेताओं को आकर्षित किया है. इसे फिल्म, टेलीविजन, ओपेरा, उपन्यास, हास्य पुस्तकें और अन्य मीडिया के लिए रूपांतरित किया गया है.
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* '''डंकन'''
** '''मैल्कम'''
** '''डोनलबैन'''
* '''मैकबैथ'''
* '''लेडी मैकबैथ'''
* '''बैंको'''
** '''फ्लींस'''
* '''मैकडफ'''
** '''लेडी मैकडफ'''
** '''मैकडफ का पुत्र'''
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* '''रॉस, लेनोक्स, एंगस, मेंटीथ, कैथनेस'''
* '''सिवार्ड'''
** '''युवा सिवार्ड'''
* '''सेटन'''
* '''हेकेटी'''
* '''तीन चुड़ैलें'''
* '''तीन हत्यारे'''
* '''पोर्टर (या मैसेंजर)'''
* '''स्कॉटिश डॉक्टर'''
* '''कुलीन महिला'''
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मैकबेथ चुड़ैलों की भविष्यवाणी के बारे में अपनी पत्नी को लिखता है. जब डंकन इन्वरनेस में मैकबेथ के महल में रहने का फैसला करते हैं, लेडी मैकबेथ उनकी ह्त्या करने और अपने पति के लिए सिंहासन सुरक्षित करने की एक योजना बनाती है. हालांकि मैकबेथ इस राज-हत्या पर अपनी चिंता जाहिर करता है, लेडी मैकबेथ उसकी [[मर्दानगी]] को चुनौती देकर अंततः उसे अपनी योजना का पालन करने के लिए मना लेती है.
राजा के आने की रात को मैकबेथ डंकन को मार देता है. यह कृत्य किसी की नजर में नहीं आता है, लेकिन यह मैकबेथ को इस कदर झकझोर देता है कि लेडी मैकबेथ को प्रभार लेने के लिए आगे आना पड़ता है. अपनी योजना के अनुसार वह खूनी खंजरों को डंकन के सोये हुए सेवकों के पास रखकर ह्त्या का आरोप उनके ऊपर मढ़ देती है. अगली सुबह सबेरे स्कॉटलैंड के एक रईस, लेनोक्स और फाइफ का वफादार सरदार मैकडफ वहां पहुंचते हैं.<ref>''ऑन दी नोकिंग एट दी गेट इन मैकबैथ''
[[चित्र:Banquo.jpg|thumb|right|थिओडोर कासेरियू (1819-1856), बैंको के भूत को देखता हुआ मैकबैथ, 1854.]]
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[[चित्र:Johann Heinrich Füssli 030.jpg|thumb|right|हेनरी फुसेली द्वारा चित्रित नींद में चलती हुई लेडी मैकबेथ.]]
इंग्लैंड में मैकडफ को रॉस द्वारा सूचित किया जाता है कि "आपका महल आश्चर्यचकित
लड़ाई युवा सिवार्ड की ह्त्या और मैकबेथ के साथ मैकडफ के टकराव के रूप में खत्म होती है. मैकबेथ अहंकार के साथ दावा करता है कि उसे डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह किसी भी औरत से पैदा हुए व्यक्ति से मारा नहीं जा सकता है. मैकडफ यह घोषणा करता है कि वह "अपनी माँ की कोख से / समय से पहले चीरा लगाकर पैदा हुआ था"<ref>[http://www.shakespeare-navigators.com/macbeth/T58.html#15 ''मैकबैथ'' , एक्ट 5, सीन 8, लाइन 15-16.]</ref> (यानी, [[शल्य प्रसव|सीजेरियन सेक्शन]] से पैदा हुआ) और इस तरह "किसी महिला से पैदा नहीं हुआ था" (यह साहित्यिक घमंड का एक उदाहरण है). बहुत देर बाद मैकबेथ को एहसास होता है कि उसने चुड़ैलों की बातों का गलत अर्थ निकाल लिया है. मैकडफ नेपथ्य से मैकबेथ का सिर काट देता है और इस तरह अंतिम भविष्यवाणी को पूरा करता है.
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== स्रोत ==
''मैकबेथ''
शेक्सपियर ने यह कहानी ''होलिंशेड्स क्रॉनिकल्स''
मैकडफ और मॉल्कम द्वारा अंततः तख्तापलट किये जाने से पहले मैकबेथ का एक लंबा दस साल का शासन रहा है. दोनों संस्करणों के बीच समानताएं स्पष्ट हैं. हालांकि कुछ विद्वानों का मानना है कि जॉर्ज बुकानन की ''रेरम स्कॉटिकेरम हिस्टोरिया''
कहानी के किसी भी अन्य संस्करण में मैकबेथ ने अपने स्वयं के महल में राजा की ह्त्या नहीं की है. विद्वानों ने शेक्सपियर के इस बदलाव को मैकबेथ के अपराध के अंधेरे पक्ष को आतिथ्य के सबसे बुरे अपराध के रूप में जोड़े जाते हुए देखा है. उस समय आम तौर पर मौजूद कहानी के संस्करणों में डंकन महल में नहीं बल्कि इन्वरनेस में घात लगाकर मारा जाता है. शेक्सपियर ने डोनवाल्ड और किंग डफ की कहानी को इस प्रकार गूंथ कर मिला दिया जो कहानी के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हुआ.<ref>कोर्सेन (1997, 17)</ref>
शेक्सपियर ने एक और खुलासा करने वाला बदलाव किया है. ''क्रॉनिकल्स''
== तिथि और पाठ्य सामग्री ==
[[चित्र:FirstFolioMacbeth.jpg|thumb|1623 में प्रकाशित फस्ट फोलियो से मैकबैथ के प्रथम पृष्ठ का प्रतिरूप]]''मैकबेथ''
विद्वान 1605 की गर्मी में [[ऑक्स्फ़ोर्ड|ऑक्सफोर्ड]] में किंग जेम्स द्वारा एक मनोरंजक दृश्य को भी उद्धृत करते हैं जिसमें जादूगरनी बहनों की तरह तीन "चुडैलों" को दिखाया गया था; करमोडे का अनुमान है कि शेक्सपियर ने इसके बारे में सुना होगा और जादूगरनी बहनों के साथ प्रसंगवश इसका उल्लेख किया होगा.<ref name="Kermode, 1308">केरमोड, ''रिवरसाइड शेक्सपियर'' , पी. 1308.</ref> हालांकि न्यू कैम्ब्रिज संस्करण में ए.आर. ब्राउनमुलर 1605-6 तर्क को अनिर्णायक पाते हैं और सिर्फ 1603 की एक सबसे प्रारंभिक तिथि की बात करते हैं.<ref>ब्रौन्मुलर, ''मैकबैथ, कैम्ब्रिज'' , कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 1997;
पीपी. 5-8.</ref> इस नाटक को 1607 के बाद लिखा गया नहीं माना जाता है क्योंकि जैसा कि करमोड उल्लेख करते हैं "1607 में इस नाटक के काफी स्पष्ट संकेत मौजूद हैं."<ref name="Kermode, 1308" /> इस नाटक के प्रदर्शन का सबसे पहला संदर्भ अप्रैल 1611 का है जब साइमन फोरमैन ने इसे ग्लोब थियेटर में देखकर दर्ज किया था.<ref>इफ, दैट इज, दी फोरमैन डॉक्यूमेंट इन जेनविन; सी दी एंट्री ऑन साइमन फोरमैन फॉर दी क्वेश्चन ऑफ दी ऑथिन्टिसिटी ऑफ दी ''बुक्स ऑफ प्लेज.''</ref>
''मैकबेथ''
== विषय-वस्तु और रूपांकन ==
{{Original research|section|date=September 2007}}
''मैकबेथ''
=== पात्र के एक शोकान्त रूप में ===
कम से कम अलेक्जेंडर पोप और शैमुअल जॉनसन के दिनों से इस नाटक का विश्लेषण मैकबेथ की महत्वाकांक्षा के सवाल पर केंद्रित रहा है जिसे आम तौर पर कहानी पर इस कदर हावी देखा जाता है कि यह पात्र को पारिभाषित कर देता है. जॉनसन ने कहा था कि हालांकि मैकबेथ को उसकी सैन्य बहादुरी के लिए सम्मानित किया जाता है लेकिन पूरी तरह से धिक्कारा जाता है. यह विचार आलोचनात्मक साहित्य में बार-बार आता है और कैरोलीन स्पर्जन के अनुसार यह स्वयं शेक्सपियर द्वारा समर्थित है जो जाहिर तौर पर अपने नायक को नीचा दिखाना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने उसके लिए अनुपयुक्त पहनावे में रखते हैं और उनके द्वारा प्रयोग किये गए कई निमिज्म में मैकबेथ को हास्यास्पद दिखाना चाहते हैं; उसके कपड़े या तो उसके लिए बहुत बड़े या बहुत छोटे हैं - जिस तरह राजा के रूप में उसकी नयी और सही भूमिका के लिए उसकी महत्वाकांक्षा बहुत बड़ी है और उसका चरित्र बहुत छोटा है. जब चुड़ैलों की भविष्यवाणी के अनुसार कॉडोर के थेन की अपनी नयी उपाधि के बाद वह अपने आप को "उधार के कपड़े पहने" महसूस करता है, जिसकी पुष्टि रॉस द्वारा की गयी है (I, 3, II. 108-109),
[[रिचर्ड ३|रिचर्ड III]] की तरह लेकिन उस चरित्र के विकृत रूप से आकर्षक आधिक्य के बिना मैकबेथ अपने अपरिहार्य पतन तक खून से लथपथ रहता है. जैसा कि केनेथ मुइर लिखते हैं, "मैकबेथ की प्रवृत्ति हत्या करने की नहीं होती है; उसकी सिर्फ एक अत्यधिक महत्वाकांक्षा है जो अपने आप में ऐसा लगता है कि ह्त्या को राजगद्दी पाने में विफलता की तुलना में एक छोटा पाप है. कुछ आलोचक जैसे कि ई.ई. स्टॉल इस चरित्र चित्रण को सेनेकन या मध्ययुगीन परंपरा के एक अवशेष के रूप में वर्णन करते हैं. शेक्सपियर के दर्शक इस नजरिये से खलनायकों से पूरी तरह दुष्ट होने की अपेक्षा रखते हैं और सेनेकन शैली एक खलनायक जैसे नायक से बचने से काफी दूर है, लेकिन सबने इसकी मांग की थी.
अभी तक अन्य आलोचकों के लिए मैकबेथ की प्रेरणा के सवाल को हल करना इतना आसान नहीं रहा है. उदाहरण के लिए रॉबर्ट ब्रिजेज ने एक विरोधाभास को महसूस किया था: डंकन की ह्त्या से पहले इस तरह के यथार्थपूर्ण आतंक को व्यक्त करने में सक्षम एक पात्र संभवतः इस तरह के अपराध को अंजाम देने में असमर्थ होगा. कई आलोचकों के लिए पहली भूमिका में मैकबेथ की प्रेरणाएं अस्पष्ट और अपर्याप्त दिखाई देती हैं. जॉन डोवर विल्सन की परिकल्पना यह थी कि शेक्सपियर के मूल पाठ में एक या अनेक अतिरिक्त दृश्य थे जहां पति और पत्नी ने अपनी योजनाओं पर बहस किया था. इस व्याख्या पूरी तरह से साध्य नहीं है; हालांकि मैकबेथ की महत्वाकांक्षा की भूमिका की प्रेरक भूमिका को सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त है. उसकी महत्वाकांक्षा से प्रेरित दुष्टता के कार्य उसे एक बढ़ती दुष्टता के चक्र में उलझाते हुए प्रतीत होते हैं, जैसा कि मैकबेथ स्वयं अपनी पहचान करता है: "मैं खून में हूँ/इतनी
=== नैतिक व्यवस्था के एक दुखांत नाटक के रूप में ===
मैकबेथ की महत्वाकांक्षा के विनाशकारी परिणाम उसी तक सीमित नहीं हैं.
मध्ययुगीन दुखांत नाटक के लिए मैकबेथ के आम तौर पर स्वीकार्य आभार को अक्सर नाटक में नैतिक व्यवस्था के वर्णन में महत्वपूर्ण रूप में देखा जाता है. ग्लेन विकहम इस नाटक को दरबान के माध्यम से नरक के खौफनाक कथानक पर एक रहस्मय नाटक से जोड़ते हैं. हावर्ड फेल्परीन का तर्क है कि नाटक की अक्सर स्वीकार्य स्थिति की तुलना में "रूढ़िवादी ईसाई दुखांत नाटक" की ओर एक कहीं अधिक जटिल प्रवृत्ति है; वे नाटक और मध्ययुगीन पूजन संबंधी ड्रामा के भीतर [[हेरोद महान|तानाशाह भूमिकाओं]] के बीच एक संबंध देखते हैं.
उभयलिंगी विषय-वस्तु को अक्सर विकार के विषय के एक विशेष पहलू के रूप में देखा जाता है.
=== एक काव्यात्मक दुखांत नाटक के रूप में ===
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=== जादू-टोना और दुष्टता ===
[[चित्र:Macbeth and Banquo with the witches JHF.jpg|thumb|हेनरी फुसेली द्वारा चित्रित चुड़ैलों के साथ मैकबैथ और बैंको.]]
नाटक में तीन चुडैलें अंधेरा, अराजकता और संघर्ष का प्रतिनिधित्व करती हैं जबकि उनकी भूमिका एजेंटों और गवाहों के रूप में है.<ref name="Kliman14">क्लिमन, 14.</ref> उनकी उपस्थिति राजद्रोह और आसन्न कयामत सा संदेश देती है. शेक्सपियर के समय के दौरान चुड़ैलों को विद्रोहियों से भी बदतर रूप में देखा जाता था, "जो सबसे अधिक कुख्यात विश्वासघाती और राजद्रोही हो सकती हैं."<ref name="Perkins">{{Cite book|last=Perkins |first=William |title=A Discourse of the Damned Art of Witchcraft, So Farre forth as it is revealed in the Scriptures, and manifest by true experience |publisher=Cantrell Legge, Printer to the Universitie of Cambridge |location=London |year=1618 |page=53 |url=http://digital.library.cornell.edu/cgi/t/text/text-idx?c=witch;idno=wit075 |accessdate=2009-06-24}}</ref> वे ना केवल राजनीतिक गद्दार थे बल्कि आध्यात्मिक रूप में भी धोखेबाज थीं. उनकी ओर से उत्पन्न होने वाली ज्यादातर भ्रम की स्थिति वास्तविकता और अलौकिक के बीच नाटक की सीमाओं के दोनों ओर पैर फैलाकर बैठने की उनकी क्षमता से आती है. वे दोनों दुनिया में इतनी गहराई से सुरक्षित हैं कि यह स्पष्ट नहीं होता है कि वे भाग्य को नियंत्रित करती हैं या क्या वे सिर्फ इसके एजेंट हैं. वे वास्तविक दुनिया के नियमों के अधीन नहीं होने के कारण तर्क की अवहेलना करती हैं.<ref>कोड्डों, कारिन एस."'अनरियल माकरी': अनरिज़न एंड दी प्रॉब्लम ऑफ स्पेक्टकल इन मैकबैथ." ''ईएलएच.''
पहली भूमिका में चुड़ैलों की पंक्तियां: "सचाई बेईमानी है, और बेईमानी उचित है: कोहरे और दूषित हवा के आसपास से होकर जाओ" इसे अक्सर एक भ्रम की भावना के रूप में व्यवस्थित करते हुए नाटक के बाकी हिस्से के लिए एक निर्धारित टोन कहा जाता है. दरअसल नाटक ऐसी परिस्थितियों से भरपूर है जहां दुष्टता को अच्छाई के रूप में चित्रित किया गया है जबकि अच्छाई को दुष्टता का रूप दिया गया है. पंक्ति "दोहरा, दोहरा परिश्रम और मुसीबत," (इसे अक्सर इस कदर उत्तेजक बना दिया जाता है कि यह अपना अर्थ खो देता है) चुड़ैलों की मंशा का स्पष्ट रूप से संदेश देती है: वे अपने आसपास के मनुष्यों के लिए केवल मुसीबत चाहती हैं.<ref name="tempt" />
जबकि चुडैलें मैकबेथ को प्रत्यक्ष रूप से राजा डंकन को मारने के लिए नहीं कहती हैं, वे एक प्रलोभन के सूक्ष्म रूप का प्रयोग करती हैं जब वे मैकबेथ को यह कहती हैं कि उसकी किस्मत में राजा बनना लिखा है. उसके मन में इस विचार को स्थापित कर वे उसके अपने विनाश के मार्ग के पर प्रभावी रूप से निर्देशित करती हैं. यह एक ऐसे प्रलोभन की पद्धति का अनुसरण करता है जिसे कई लोग शेक्सपियर के समय में प्रयोग किए गए शैतान के रूप में मानते हैं. उन्होंने तर्क दिया कि सबसे पहले किसी व्यक्ति के मन में एक विचार भर दिया जाता है, फिर वह व्यक्ति या तो इस विचार में लिप्त हो जाता है या इसे अस्वीकार कर देता है. मैकबेथ इसमें लिप्त हो जाता है जबकि बैंको इसे खारिज कर देता है.<ref name="tempt">फ्रे, रोलाण्ड मुश्त. "लॉन्चिंग दी ट्रेजडी ऑफ मैकबैथ: टेम्पटेशन, डेलिब्रेशन, एंड कौन्सेंट इन एक्ट I." ''दी हटिंगटन लाइब्रेरी क्वाटर्ली.''
=== रूपक के रूप में ===
{{Original research|section|date=May 2010}}
जे.ए. ब्रायंट जूनियर के अनुसार मैकबेथ को एक रूपक भी समझा जा सकता है{{ndash}} विशेषकर बाइबिल के पुराने और नए विधान के अंशों के लिए रूपक के रूप में. ''सम क्रिश्चियन आस्पेक्ट्स ऑफ शेक्सपियर''
{{quote|No matter how one looks at it, whether as history or as tragedy, Macbeth is distinctively Christian. One may simply count the Biblical allusions as Richmond Noble has done; one may go further and study the parallels between Shakespeare's story and the Old Testament stories of Saul and Jezebel as Miss Jane H. Jack has done; or one may examine with W. C. Curry the progressive degeneration of Macbeth from the point of view of medieval theology.<ref>{{Cite web|url=http://www.archive.org/stream/hippolytasviewso012763mbp/hippolytasviewso012763mbp_djvu.txt |title=Full text of "Hippolyta S View Some Christian Aspects Of Shakespeare S Plays" |publisher=Archive.org |date=1960-08-28 |accessdate=2009-11-01}}</ref><ref>{{Cite web|url=http://www.archive.org/details/hippolytasviewso012763mbp |title=Internet Archive: Free Download: Hippolyta S View Some Christian Aspects Of Shakespeare S Plays |publisher=Archive.org |date= |accessdate=2009-11-01}}</ref>}}
ब्रायंट राजा डंकन की हत्या और ईसा मसीह की हत्या के बीच कुछ गहरी समानताओं
|publisher=biblegateway.com |accessdate=28 November 2010}}</ref> शेक्सपियर के दर्शकों ने इन्हें तुरंत उठा लिया होगा और नाटक एवं बाइबिल के बीच आगे के समानांतरों की जांच इस लेखन के लिए शेक्सपियर के इरादों में अतिरिक्त अंतर्दृष्टि प्रस्तुत करता है.
== अंधविश्वास और "स्कॉटिश नाटक" ==
{{Main|The Scottish play}}
हालांकि बहुत से लोग आज सीधे तौर पर संयोग के एक निर्माण के आसपास किसी दुर्भाग्य की बात करेंगे, अभिनेता और रंगमंच के अन्य लोग अक्सर रंगमंच के भीतर ''मैकबेथ''
ऐसा इसलिए है क्योंकि कहा जाता है कि शेक्सपियर ने अपनी रचना में असली चुड़ैलों की उक्तियों का इस्तेमाल किया था जिसने कथित रूप से चुड़ैलों को नाराज कर दिया अथा और इसी कारण से यह नाटक अभिशप्त हो गया था.<ref>{{cite web |url=http://pretallez.com/onstage/theatre/broadway/macbeth/macbeth_curse.html |title=The Curse of 'Macbeth'. Is there an evil spell on this ill-starred play? |first=Dina |last=Tritsch |date=April 1984 |publisher=pretallez.com |accessdate=28 November 2010}}</ref> इस प्रकार किसी थिएटर के अंदर नाटक के नाम का प्रयोग निर्माण की विफलता की स्थिति तक विनाशकारी माना जाता है और संभवतः अभिनय वर्ग के सदस्यों को शारीरिक चोट लगाने या मृत्यु का कारण बन सकता है. ''मैकबेथ''
स्वयं को इस अंधविश्वास से जोड़ने वाली एक विशेष घटना थी एस्टर प्लेस का दंगा. क्योंकि इन दंगों का कारण ''मैकबेथ''
अभिनेता के आधार पर इस अभिशाप को मिटाने के लिए कई तरीके मौजूद हैं. माइकल यॉर्क से संबंधित एक तरीका है, जिस व्यक्ति ने इस नाम का उच्चारण किया है उसके साथ उस भवन को तुरंत छोड़ देना जहां वह स्टेज बना है, तीन बार उसके चारों ओर घूमना, उसके बाएं कंधे पर थूकना, एक अश्लीलता की बात कहना और उसके बाद भवन में वापस आमंत्रित किये जाने के लिए प्रतीक्षा करना है.<ref>जे. माइकल स्ट्रेकज्यन्सकी द्वारा ''बेबीलोन 5 - दी स्क्रिप्ट्स ऑफ जे. माइकल स्ट्रेकज्यन्सकी, वॉल्यूम 6'' , सिंथेटिक लैब्स पब्लिशिंग (2006).</ref> एक संबंधित अभ्यास जितनी तेजी से संभव हो उस स्थान पर तीन बार चारों ओर घूमना, जिसके साथ कभी-कभी उनके कंधों पर थूकना और एक अश्लील बात कहना है. एक अन्य लोकप्रिय "रिवाज" है कमरे को छोड़ देना, तीन बार दस्तक देना, आमंत्रित किया जाना और उसके बाद ''हेमलेट''
== प्रदर्शन का इतिहास ==
=== शेक्सपियर के दिन ===
फोरमैन के दस्तावेज़ में वर्णित के अलावा शेक्सपियर के युग के अभिनय प्रदर्शनों का कोई भी उदाहरण निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है. इसके स्कॉटिश विषय की वजह से इस नाटक को कभी-कभी किंग जेम्स के लिए लिखा गया और संभवतः उनके लिए शुरू किया गया कहा जाता है; हालांकि कोई भी बाहरी प्रमाण इस परिकल्पना का समर्थन नहीं करता है. नाटक की संक्षिप्तता और इसके मंचन के कुछ पहलुओं (उदाहरण के लिए, रात के समय का अधिकांश हिस्सा और असामान्य रूप से बड़ी संख्या में नेपथ्य की आवाजें) के बारे में बताया जाता है कि वर्तमान पाठ को संभवतः उस ब्लैकफ्रायर्स थियेटर में इनडोर निर्माण के लिए संशोधित किया गया था जिसे राजा के लोगों ने 1608 में प्राप्त किया था.<ref>अधिग्रहण की तारीख के लिए, देखें, उदाहरण के लिए, एडम्स, जे.क्यू., ''शेक्सपियरेन प्लेहाउस''
=== रेस्टोरेशन और 18वीं सदी ===
रेस्टोरेशन में सर विलियम डेवनेंट ने एक ''मैकबेथ''
चार्ल्स मैकलिन जिन्हें अन्यथा एक महान मैकबेथ के रूप में याद नहीं किया जाता है, उन्हें 1773 में कोवेंट गार्डन में अभिनय के लिए याद किया जाता है जो गैरिक और विलियम स्मिथ के साथ मैकलिन की प्रतिद्वंद्विता से संबंधित है. मैकलिन ने स्कॉटिश पोशाक में अभिनय किया था जो मैकबेथ को अंग्रेजी ब्रिगेडियर के रूप में वेशभूषा पहनाने के पहले के प्रचलन के विपरीत है; उन्होंने गैरिक के मौत के संवादों को भी हटा दिया था और आगे लेडी मैकडफ के भूमिका को काट दिया था. इस अभिनय को आम तौर पर सम्मानजनक समीक्षाएं प्राप्त हुईं, हालांकि जॉर्ज स्टीवेंस ने भूमिका के लिए मैकलिन (जो अपने अस्सी के दशक में थे) क़ी अनुपयुक्तता पर टिप्पणी की थी.
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गैरिक के बाद 18वीं सदी का सबसे अधिक सराहनीय मैकबेथ थे जॉन फिलिप केम्बले; उन्होंने इस भूमिका को सबसे अधिक लोकप्रिय रूप से अपनी बहन, सारा सिडंस के साथ निभाया जिनकी लेडी मैकबेथ को सर्वोत्कृष्ट माना जाता है. केम्बले ने यथार्थवादी पोशाक और शेक्सपियर क़ी भाषा जिसने मैकलिन के निर्माण को चिह्नित किया था, उसकी ओर रुझान को निरंतर जारी रखा; वाल्टर स्कॉट बताते हैं कि उन्होंने नाटक क़ी स्कॉटिश वेशभूषा के साथ निरंतर प्रयोग किया था. केम्बले क़ी व्याख्या पर प्रतिक्रिया विभाजित थी; हालांकि सिडंस क़ी सर्वसम्मति से प्रशंसा की गयी थी. पांचवें अंश में "नींद में चलने" के दृश्य में उनकी भूमिका का विशेष रूप से उल्लेख किया गया था; लेह हंट ने इसे "उत्कृष्ट" कहा. केम्बले-सिडंस क़ी भूमिकाएं पहली व्यापक रूप से प्रभावशाली प्रस्तुतियां थीं जिसमें लेडी मैकबेथ की खलनायकी को मैकबेथ की तुलना में अधिक गहरी और शक्तिशाली बनाकर प्रस्तुत किया गया था. साथ ही ऐसा पहली बार हुआ था की बैंको का भूत मंच पर प्रकट नहीं हुआ.
केम्बले का मैकबेथ कुछ आलोचकों को शेक्सपियर के पाठ के लिए बहुत अधिक सभ्य और विनम्र लगा. लंदन के अग्रणी अभिनेता के रूप में उनके उत्तराधिकारी, एडमंड कीन की अत्यधिक भावुकता के लिए, विशेष रूप से पांचवीं भूमिका में अक्सर आलोचना की जाती है. कीन के मैकबेथ की सार्वभौमिक रूप से प्रशंसा नहीं की गयी थी, उदाहरण के लिए, विलियम हैजलिट ने यह शिकायत की थी कि कीन का मिकबेथ उनके रिचर्ड III के काफी समान था. जैसा की उनहोंने अन्य भूमिकाओं में किया था, कीन ने ने उसके हट्टे-कटते होने का फ़ायदा मैकबेथ के मानसिक पतन के मुख्य घटक के रूप में
=== उन्नीसवीं सदी ===
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1850 के बाद प्रिन्सेसेज थियेटर में कीन की प्रस्तुतियों की शानदार विशेषता वेशभूषा की उनकी सटीकता थी. कीन ने अपनी सबसे बड़ी सफलता आधुनिक मेलोड्रामा में प्राप्त की और उन्हें महानतम एलिजाबेथ संबंधी भूमिकाओं को व्यापक रूप से बहुत अधिक पूर्वव्याप्त नहीं करने के रूप में देखा गया. हालांकि दर्शकों ने इसका बुरा नहीं माना; 1853 का एक निर्माण बीस सप्ताह तक चलता रहा. मुमकिन है कि आकर्षण का हिस्सा कीन द्वारा ऐतिहासिक सटीकता के लिए अपनी प्रस्तुतियों में ध्यान दिए जाने के लिए मशहूर होना था; जैसा कि एलार्डिस निकोल की टिप्पणी हैं "यहां तक कि वनस्पति भी ऐतिहासिक रूप से सही थी".
1875 में लंदन के लिसेयुम थियेटर में भूमिका पर हेनरी इरविंग का पहला प्रयास विफल रहा था. सिडनी फ्रांसिस बेटमैन के निर्माण के तहत और केट जोसेफिन बेटमैन के साथ अभिनय में इरविंग संभवतः अपने प्रबंधक हेजेकिया लिंथिकम बेटमैन की हाल ही में हुई मौत से प्रभावित थे.
=== बीसवीं सदी से वर्तमान तक ===
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[[चित्र:Negro unit Macbeth.jpg|left|thumb|फेडरल थियेटर प्रोजेक्ट नीग्रो यूनिट द्वारा निर्मित मैकबैथ, 1935]]
20वीं सदी के सबसे अधिक प्रचारित निर्माणों में 14 अप्रैल से 20 जून 1936 तक हार्लेम में लाफायेट थियेटर में फेडरल थियेटर प्रोजेक्ट द्वारा रचित निर्माण शामिल था. ओर्सन वेलेस ने अपने पहले मंचीय निर्माण में सभी [[अफ़्रीकी अमेरिकी|अफ्रीकी अमेरिकी]] निर्माणों में जैक कार्टर और एडना थॉमस को निर्देशित किया था जिसमें कनाडा ली ने बैंको की भूमिका निभाई थी. यह वूडू मैकबेथ के रूप में जाना गया, क्योंकि वेलेस ने इस नाटक को उपनिवेश-उपरांत [[हैती]] में सेट किया था. उनके निर्देशन ने तमाशा और रहस्य पर जोर दिया: उनके दर्जनों "अफ्रीकी" ड्रमों ने डेवनैंट के चुड़ैलों के कोरस
लॉरेंस ओलिवियर ने 1929 के निर्माण में मैल्कम की और 1937 में ओल्ड विक थियेटर में एक ऐसे निर्माण में मैकबेथ की भूमिका निभाई थी जिसमें इसकी शुरुआत से पूर्व की रात को विक के कलात्मक निर्देशक लिलियन बेलिस
ओलिवियर के 1937 के ओल्ड विक थियेटर के निर्माण में उनके साथी-कलाकार जूडिथ एंडरसन का नाटक के साथ एक बराबर का सफल जुड़ाव था. उन्होंने लेडी मैकबेथ की भूमिका ब्रॉडवे पर मॉरिस इवांस के विपरीत मार्गरेट वेबस्टर द्वारा निर्देशित एक निर्माण में निभाई थी जो 1941 में 131 प्रदर्शनों तक चली थी. एंडरसन और इवांस ने इस नाटक में दो बार 1962 और 1954 में टेलीविजन पर अभिनय किया, जिसमें मॉरिस इवांस ने 1962 के निर्माण के लिए एमी पुरस्कार जीता और एंडरसन ने दोनों प्रस्तुतियों के लिए पुरस्कार प्राप्त किया. 1971 में ''द ट्रेजडी ऑफ मैकबेथ''
एक जापानी फिल्म अनुकूलन ''थ्रोन ऑफ ब्लड''
20वीं सदी के सबसे उल्लेखनीय प्रस्तुतियों में से एक 1976 में रॉयल शेक्सपीयर कंपनी के लिए ट्रेवर नन का संस्करण था. नन ने दो साल पहले इस नाटक में निकोल विलियमसन और हेलेन मिरेन को निर्देशित किया था लेकिन वह प्रस्तुति प्रभावित करने में काफी हद तक असफल रही थी. 1976 में नन ने इस नाटक को द अदर प्लेस में एक न्यूनतम सेट के साथ प्रस्तुत किया था, इस छोटे, लगभग गोल मंच पर पात्रों की मनोवैज्ञानिक गतिशीलता पर ध्यान केंद्रित किया गया था. शीर्षक भूमिका में इयान मैककेलन और लेडी मैकबेथ के रूप में जूडी डेंच दोनों ने असाधारण अनुकूल समीक्षाएं प्राप्त की थीं. डेंच ने 2004 में अपने अभिनय के लिए 1977 एसडब्ल्यूईटी सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता, आरएससी के सदस्यों ने उनकी भूमिका को कंपनी के इतिहास में किसी अभिनेत्री द्वारा सबसे उत्कृष्ट अभिनय चुना.
नन के निर्माण को 1977 में लंदन में स्थानांतरित किया गया और बाद में इसे टेलीविजन के लिए फिल्माया गया. इसने मैकबेथ के रूप में अल्बर्ट फिन्नी और लेडी मैकबेथ के रूप में डोरोथी तूतिन के साथ पीटर हॉल के 1978 के निर्माण को पीछे छोड़ दिया. लेकिन सबसे कुख्यात हाल ही के ''मैकबेथ''
मंच पर लेडी मैकबेथ को शेक्सपियर की रचनाओं में अधिक "प्रभावशाली और चुनौतीपूर्ण" भूमिकाओं में से एक माना जाता है.<ref>ब्राउन, लेंगटन. ''शेक्सपियर एराउंड दी ग्लोब: ए गाइड टू नोटेबल पोस्टर रिवाइवल.''
सन 2001 में फिल्म ''स्कॉटलैंड, पीए''
एक प्रस्तुति का मंचन असली मैकबेथ के मोरे के घर में किया गया था जिसका निर्माण नेशनल थियेटर ऑफ स्कॉटलैंड द्वारा एल्गिन कैथेड्रल में मंचन के लिए किया गया था.
उसी वर्ष आलोचकों के बीच एक आम सहमति थी कि चिचेस्टर फेस्टिवल 2007 के लिए पैट्रिक स्टीवर्ट और केट फ्लीटवुड अभिनीत रूपर्ट गूल्ड के निर्माण ने ट्रेवर नन के बहुप्रशंसित 1976 के आरएससी प्रस्तुति के साथ प्रतिस्पर्धा की थी. और जब इसे लंदन में गिल्गड थिएटर में स्थानांतरित किया गया, डेली टेलीग्राफ के लिए समीक्षा करने वाले चार्ल्स स्पेन्सर ने इसे अपने द्वारा अभी तक देखा गया सर्वश्रेठ मैकबेथ बताया.<ref name="telegraph">{{Cite web|url=http://www.telegraph.co.uk/culture/3668183/The-best-Macbeth-I-have-seen.html |title=The best Macbeth I have seen |last=Spencer |first=Charles |date=September 27, 2007 |work=The Daily Telegraph |accessdate=2009-10-23}}</ref> ईवनिंग स्टैंडर्ड थिएटर अवार्ड्स 2007 में इस निर्माण ने स्टीवर्ट के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और गूल्ड के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक दोनों का पुरस्कार जीता.<ref>{{Cite web|url=http://www.thisislondon.co.uk/standard/article-23423447-details/Winning+performances+on+the+West+End+stage/article.do |title=Winning performances on the West End stage | News |publisher=Thisislondon.co.uk |date= |accessdate=2009-11-01}}</ref> यही निर्माण एक पूरी तरह से बिक गए संचालन के बाद ब्रॉडवे (लाइसियम थियेटर) में स्थानांतरित होकर 2008 में अमेरिका में ब्रुकलीन एकेडमी ऑफ म्यूजिक में शुरू हुआ. 2009 में गूल्ड ने एक बार फिर से स्टीवर्ट और फ्लीटवुड को उनके निर्माण के एक एक प्रशंसित फिल्म संस्करण में निर्देशित किया जिसे पीबीएस की महान प्रस्तुतियों की श्रृंखला के एक हिस्से के रूप में 6 अक्टूबर 2010 को प्रसारित किया गया.
2003 में ब्रिटिश थिएटर कंपनी पंचड्रंक ने लंदन में ब्युफॉय भवन का इस्तेमाल किया जो एक पुराना विक्टोरियाई स्कूल है जहां "''स्लीप नो मोर'' " का मंचन किया गया था, यह [[एल्फ़्रेड हिचकॉक|हिचकॉक]] थ्रिलर की शैली में मैकबेथ की कहानी है जिसमें उत्कृष्ट हिचकॉक की फिल्मों के साउंडट्रैक से पुनर्निर्मित संगीत का इस्तेमाल किया गया था.<ref>{{Cite web|url=http://www.punchdrunk.org.uk/past/sleep.htm |title=Punchdrunk website – Sleep No More |publisher=punchdrunk |date= |accessdate=2009-05-16}}</ref>
2004 में भारतीय निर्देशक विशाल भारद्वाज ने ''[[मक़्बूल|मकबूल]]''
== अन्य लेखकों द्वारा सीक्वल ==
2006 में हार्पर कोलिन्स ने ऑस्ट्रेलियाई लेखक जैकी फ्रेंच द्वारा रचित पुस्तक ''मैकबेथ एंड सन''
डेविड ग्रेग के 2010 के नाटक ''डनसिनेन''
== संदर्भ ==
पंक्ति 210:
=== नाटक का पाठ ===
* [http://shakespeare-navigators.com/macbeth/SceneTextIndex.html मैकबैथ नेविगेटर] – ''मैकबैथ''
* [http://shakespeare.mit.edu/macbeth/full.html दी कम्प्लीट वर्क्स ऑफ विलियम शेक्सपियर] – बेसिक एचटीएमएल (HTML) में एन्तायर प्ले.
* [http://william-shakespeare.classic-literature.co.uk/the-tragedie-of-macbeth/ क्लासिक लिटरेचर लाइब्रेरी] – मैकबैथ का एचटीएमएल (HTML) वर्ज़न.
पंक्ति 217:
* [http://nfs.sparknotes.com/macbeth/ नो फियर शेक्सपियर] – स्पार्कनोट्स से - ऑरिजनल टेक्स्ट और ए मॉडर्न ट्रांसलेशन साइड-बाय-साइड
=== टीका-टिप्पणी ===
* [http://www.shakespeare-navigators.com/macbeth/SelectedBiblio.html एनोटेट बिबलियोग्राफी ऑफ ''मैकबैथ''
* [http://www.nybooks.com/articles/20073 शेक्सपियर एंड दी यूजेज ऑफ पावर] स्टीवन ग्रीनब्लाट्ट द्वारा
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