"अरुणा राय": अवतरणों में अंतर

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== जीवन वृत्त ==
- १९६८ से १९७४ - भारतीय प्रशासनिक सेवा
- सरकार की स्टेंडिंग कमेटी एक विगयापन निकलवाती है जिसमे वो आम नागरिकों से लोकपाल बिल के लिए सुझाव मांगती है...
- तत्पश्चात त्यागपत्र देने के बाद राजस्थान के तिलोनिया में सामाजिक कार्य एवं अनुसंधान केंद्र में कार्यरत
- तभी अचानक कहीं से अरुणा राय अपना तीसरा लोकपाल ले कर प्रकट हो जाती है..वही अरुणा राय जो सोनिया गाँधी की अगुआई में राष्ट्रीय सलाहकार समिति की अध्यक्ष हैं और पहले भी सोनिया गाँधी के साथ काम कर चुकी है...
- २००४ में सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की सदस्य के रूप में मनोनीत
- अरुणा राय अन्ना हज़ारे के आंदोलन को गैर लोकतांत्रित व जन लोकपाल को ग़लत घोषित कर देती है..
- ये सब पहले से नियोजित षड्यंत्र है जिससे अन्ना व जन लोकपाल के प्रति लोगों की राय बदल जाए और जनसमूह अलग अलग विभाजित हो जाए...
- अरुणा रॉय कॉंग्रेस की चमची है...जो अन्ना के आंदोलन को खराब करने के लिए सरकार द्वारा भेजी गई है
 
== बाहरी कड़ियाँ ==