"दास कैपिटल": अवतरणों में अंतर
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'''दास कैपिटल''' ([[जर्मन भाषा|जर्मन]] में Das Kapital; हिन्दी अर्थ - पूंजीं) एक विश्व प्रसिद्ध पुस्तक है। इसकी रचना [[कार्ल मार्क्स]] ने [[1867]] ई. में की थी। इसमें पूंजी एवं [[पूँजीवाद]] का विश्लेषण है तथा मजदूरवर्ग को शोषण से मुक्त करने के उपाय बताये गए हैं। इस पुस्तक के द्वारा एक सर्वथा नवीन विचारधारा प्रवाहित हुई जिसने संपूर्ण प्राचीन मान्यताओं को झकझोर कर हिला दिया। इस पुस्तक के प्रकाशित होने के कुछ ही वर्षों के बाद [[रूस]] में [[साम्यवाद|साम्यवादी]] क्रांति हुई।
== <big>विषयवस्तुएँ</big> ==
== प्रकाशन ==
Kapital, प्रथम खंड (1867) मार्क्स जीवनकाल में प्रकाशित किया गया था, लेकिन मार्क्स की 1883 में मृत्यु हो गई. कैपिटल, खंड द्वितीय (1885) और कैपिटल, खंड III (1894), जिसका संपादन दोस्त एवं सहयोगी फ्रेडरिक एंगेल्स ने किया और मार्क्स के काम के रूप में प्रकाशित किया. कैपिटल पहले का अनुवाद प्रकाशन: राजनीतिक अर्थव्यवस्था की आलोचना इंपीरियल रूस में मार्च 1872 में किया गया था.
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