"इस्लाम": अवतरणों में अंतर

छो Bot: Migrating 195 interwiki links, now provided by Wikidata on d:q432 (translate me)
पंक्ति 52:
 
* साक्षी होना (''शहादाह'')- इस का शाब्दिक अर्थ है गवाही देना। इस्लाम में इसका अर्थ मे इस अरबी घोषणा से हैः
{{Quotation|अरबी:<big>لا ﺍﻟﻪاله ﺍﻻﺍالا الله ﻣﺤﻤﺪﺍمحمد ﻟﺮﺳﻮﻝﺍرسول الله</big><br /> हिन्दी: अल्लाह् के सिवा और कोई पूजनीय( एबादत ) (पूजा के योग्य) नहीं और मुहम्मद (सल्लल्लहु अलैहि वस्सल्लम्) ईश्वर के रसूल हैं।}}
 
इस घोषणा से हर मुसलमान ईश्वर की एकेश्वरवादिता और मुहम्मद साहब के रसूल होने के अपने विश्वास की गवाही देता है। यह इस्लाम का सबसे प्रमुख सिद्धांत है। हर मुसलमान के लिये अनिवार्य है कि वह इसे स्वीकारे। एक गैर-मुस्लिम को इस्लाम स्वीकार करने के लिये केवल इसे स्वीकार कर लेना पर्याप्त है।