"पाणिनि": अवतरणों में अंतर

आधुनिक भाषाशास्त्र
पंक्ति 81:
२२. अनिनस्मिन्ग्रहणान्यर्थवता चानर्थकेन च तदन्तविधिं प्रयोजयन्ति।
२३. प्रत्ययग्रहणे चापञ्चम्याः।
==पाणिनि और आधुनिक भाषाशास्त्र==
 
पाणिनि का कार्य 19वीं सदी में यूरोप में जाना जाने लगा, जिससे इसका आधुनिक भाषाशास्त्र पर खूब प्रभाव पड़ा। आरंभ में फ़्रेन्ज़ बोप् ने पाणिनि का अध्ययन किया। बाद में बहुत सी रचनाओं से योरपीय संस्कृत के विद्वान् जैसे फर्नांडीस डी सॉसर, लियोनार्ड ब्लूमफील्ड और रोमन जैकब्सन् आदि प्रभावित हुए। फ्रिट्स् स्टाल ने योरप में भाषा पर भारतीय विचारों के प्रभाव की विवेचना की।
 
== यह भी देखें ==