"बिहार का आधुनिक इतिहास": अवतरणों में अंतर

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== ताना भगत आन्दोलन- ==
ताना भगत का जन्म १९१४ ई. में गुमला जिला के बिशनुपुर प्रखण्ड (छोटा नागपुर) के एक ग्राम से हुआ था । इसका नेतृत्व आदिवासियों में रहने वाले धर्माचार्यों ने किया था । यह संस्कृतिकरण[[संस्कृतीकरण]] आन्दोलन था । इन जनजातियों (आदिवासी) के मध्य गाँधीवादी कार्यकर्ताओं ने अपने रचनात्मक कार्यों से प्रवेश प्राप्त कर लिया था । जात्रा भगत इस आन्दोलन का प्रमुख नेता था । यह नया धार्मिक आन्दोलन उरॉव जनजाति द्वारा प्रारम्भ हुआ था । ताना भगत आन्दोलन बिहार जनजातियों का राष्ट्रीय आन्दोलन था । १९२० के दशक में ताना भगत आन्दोलनकारियों ने कांग्रेस में रहकर सत्याग्रहों व प्रदर्शनों में भाग लिया था तथा राष्ट्रीय आन्दोलन में सक्रिय भागीदारी की थी । इस आन्दोलन में खादी का प्रचार एवं प्रसार हुआ । इसाई धर्म प्रचारकों का विरोध किया गया । इस आन्दोलन की मुख्य माँगें थीं- स्वशासन का अधिकार, लगान का बहिष्कार एवं मनुष्यों में समता । जब असहयोग आन्दोलन कमजोर पड़ गया तब इन आन्दोलनकारियों ने स्थानीय मुद्दों को उठाकर आन्दोलन किया ।
 
== बिहार में स्वतन्त्रता आन्दोलन ==