"टर्बाइन": अवतरणों में अंतर

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===फूर्नेरॉन (Fourneyron) का टरबाइन -===
 
फूर्नेरॉन नामक एक फ्रांसीसी इंजीनियर ने बार्कर मिल के सिद्धांतानुसार केद्रीय जलमार्ग से बाहर की तरफ त्रैज्य दिशा में बहने के लिए मार्गदर्शक तुंडों को तो स्थिर प्रकार का बनाकर, उनके बाहर की तरफ घूमनेवाला पंखुडीयुक्त चक्र बनाया, [[http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/d/d4/Berry_Schools'_Old_Mill%2C_Floyd_County%2C_Georgia.jpg/220px-Berry_Schools'_Old_Mill%2C_Floyd_County%2C_Georgia.jpg]] [[http://upload.wikimedia.org/wikipedia/en/thumb/0/0d/Agricola1.jpg/220px-Agricola1.jpg]
 
इसमें प केंद्रीय कक्ष है, जिसमें पानी प्रविष्ट होकर त्रैज्य दिशा में फ चिह्नित तुंड में जाकर चक्र की ब चिह्नित पंखों को घुमाता हुआ बाहर निकल जाता है। इसमें घ केंद्रीय धुरा है, जिससे डायनेमो आदि संबंधित रहता है। यह त्रैज्य बहिर्प्रवाही टरबाइन का नमूना है।[[http://upload.wikimedia.org/wikipedia/en/thumb/0/0d/Agricola1.jpg/220px-Agricola1.jpg]]
 
जूवाल (Jouval) का अक्षीय प्रवाहयुक्त टरबाइन - इसमें पानी का प्रवाह, जैसा बाणचिह्नों द्वारा प्रदर्शित किया गया है, अक्ष के समांतर ही रहता है।