"रुबाई": अवतरणों में अंतर

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[[श्रेणी: काव्य]]
'''रूबाई''' [[काव्य]] या [[कविता]] का एक प्रकार है जिसमें पहली दूसरी और चौथी पंक्तियों में तुकात्मकता होती है । यह [[अरबी भाषा]] के रुबा से बना शब्द है जिसका अर्थ होता है चार । उदाहरण के लिए [[डॉक्टर इक़बाल]] की एक रुबाई है
वो मुझसे........
 
बहुत प्यार करती थी वो मुझसे,
रगों में वो लहू बाक़ी नहीं है<BR>
बहुत सारे सपने थे उसके,
वो दिल वो आरजू बाकी नहीं है<BR>
जीने मरने का वादा किया था,
नमाजो-रोज़-ओ-कुर्बानिओ-हज<BR>
सफ़र में साथ चलने का इरादा किया था,
ये सब बाक़ी है तू बाकी नहीं है<BR>
मगर वो न चली दो कदम भी मेरे साथ,
 
क्यूँ की वो बेवफा नही थी,
हिंदी में यही छंद [[मुक्तक]] कहा जाता है।
वो तो मज़बूर थी,
 
कुछ रिश्ते नातो से,
 
कुछ अपनो के वादों से ]
==बाहरी कड़ियाँ ==
*रूबाईयों के बारे में निदा फ़ाज़ली - बीबीसी हिन्दी पर - http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/story/2008/01/080117_nida_column.shtml
 
 
[[श्रेणी: काव्य]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/रुबाई" से प्राप्त