"सारनाथ": अवतरणों में अंतर
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बीच में लोग इसे भूल गए थे। यहाँ के ईंट-पत्थरों को निकालकर वाराणसी का एक मुहल्ला ही बस गया। 1905 ई. में जब पुरातत्त्व विभाग ने खुदाई आरंभ की तब सारनाथ का जीर्णोद्धार हुआ। अब यहाँ संग्रहालय है, 'मूलगंध कुटी विहार' नामक नया मंदिर बन चुका है, बोधिवृक्ष की शाखा लगाई गई है और प्राचीन काल के मृगदाय का स्मरण दिलाने के लिए हरे-भरे उद्यानों में कुछ हिरन भी छोड़ दिए गए हैं। संसार भर के बौद्ध तथा अन्य पर्यटक यहाँ आते रहते हैं।
==बाह्य सूत्र==
* [http://vishwakala.org/uniportal/info/index.asp सारनाथ भारतीय वास्तुकला पुरातत्त्व इतिहास संस्कृति अध्ययन परियोजना]
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{{आधार}}
[[श्रेणी:उत्तर प्रदेश के शहर]]
[[श्रेणी:बौद्ध धर्म]]
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