"दुर्बल अन्योन्य क्रिया": अवतरणों में अंतर

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{{मानक प्रतिकृती}}
'''दुर्बल अन्योन्य क्रिया''' (अक्सर दुर्बल बल व दुर्बल नाभिकीय बल के नाम से भी जाना जाता है) प्रकृति की चार मूलभूत अन्योन्य क्रियाओं में से एक है, अन्य चार अन्योन्य क्रियाएं [[गुरुत्वाकर्षण]], [[विद्युतचुम्बकत्व|विद्युत चुम्बकीय अन्योन्य क्रिया]] और [[प्रबल अन्योन्य क्रिया]] हैं। यह अन्योन्य क्रिया, [[उप-परमाणविक कण|उप-परमाणविक कणों]] के रेडियोधर्मी क्षय और [[नाभिकीय विखण्डनसंलयन]] के लिए उत्तरदायी है। सभी ज्ञात [[फर्मिऑन]] (वे कण जिनका स्पिन अर्द्ध-पूर्ण संख्या होती है) यह अन्योन्य क्रिया करते हैं।
 
[[कण भौतिकी]] में[[मानक प्रतिमान]] के अनुसार दुर्बल अन्योन्य क्रिया Z अथवा W बोसॉन के विनिमय (उत्सर्जन अथवा अवशोषण) से होती है और अन्य तीन बलों की भाँतीभांती यह भी अस्पृशी बल माना जाता है। बीटा क्षय रेडियोधर्मिता का एक उदाहरण इस क्रिया का सबसे ज्ञात उदाहरण है। W व Z बोसॉनों का द्रव्यमान प्रोटोन व न्यूट्रोन की तुलना में बहुत अधिकअधीक होता है और इनकायह भारीपन ही दुर्बल बल की परास कम होने का मुख्य कारण है। इसे दुर्बल बल कहने का कारण इस बल का अन्य दो बलों विद्युत चुम्बकीय व प्रबल बल की तुलना में इसका मान का परिमाण की कोटि कई गुणा कम होना है। अधिकतर कण समय के साथ दुर्बल बल के अधिनअधीन क्षय होते हैं। क्वार्क फ्लेवर परिवर्तन भी केवल इस बल के अधीन ही होता है।
==गुणधर्म==
[[चित्र:Weak decay diagram.svg|thumb|right|280px|यह चित्र मानक प्रतिमान के छ: क्वार्कों के लिए द्रवायमान व आवेश को आरेखित करता है और दुर्बल अन्योन्य क्रिया के कारण विभिन्न क्षय चित्रित करता है और कुछ ऐसे ही संकेत प्रदर्शित करता है।]]
निम्न कारक दुर्बल अन्योन्य क्रिया को अद्वितीय बनाते हैं :
# यह एक मात्र अन्योन्य क्रिया है जो क्वार्क का फ्लेवर बदलने में सक्षम है।
# यह एक मात्र अन्योन्य क्रिया है जिसमें [[समता (भौतिकी)|समता]] उल्लंघन होता है और आवेश-समता उल्लंघन होता है।
# इस अन्योन्य क्रिया के वाहक कण (जो कि [[गेज बोसॉन]] के नाम से जाने जाते हैं।) द्रव्यमान सहित होते हैं, यह असामान्य गुण [[मानक प्रतिमान]] में हिग्स प्रक्रिया द्वारा समझाया गया है।
विशाल द्रव्यमान (लगभग ९० गीगा इलेक्ट्रोन वोल्ट प्रति वर्ग c<ref name="PDG">{{cite journal |author=W.-M. Yao ''et al''. ([[Particle Data Group]]) |year=2006 |title=Review of Particle Physics: Quarks |url=http://pdg.lbl.gov/2006/tables/qxxx.pdf |journal=[[Journal of Physics G]] |volume=33 |page=1 |doi=10.1088/0954-3899/33/1/001 |arxiv = astro-ph/0601168 |bibcode = 2006JPhG...33....1Y }}</ref>) के कारण W व Z बोसॉन नामक बल वाहक कम आयु वाले होते हैं। इनकी आयुकाल १&times;१०<sup>-२४</sup> सैकण्ड से भी कम होता है।<ref>{{cite book |title=Story of the W and Z |author=Peter Watkins |publisher=[[Cambridge University Press]] |location=Cambridge |url=http://books.google.co.uk/books?id=J808AAAAIAAJ&pg=PA70 |page=70 |year=1986 |isbn=978-0-521-31875-4}}</ref>
===दुर्बल आयसो-स्पिन व दुर्बल हायपर आवेश===
{| style="float:right; margin: 0em 0em .5em 1em" class="wikitable"
|+'''मानक प्रतिमान में वाम हस्थ फर्मियोन'''.<ref name="baez">{{Cite journal |author=जॉन सी. बैज और जॉन हुएर्टा |year=2009 |title=द अलजेब्रा ऑफ़ ग्रैंड यूनिफाइड थ्योरीज (विशाल एकीकृत सिद्धांतों की बीजगणित) |url=http://math.ucr.edu/~huerta/guts/node9.html |work=डिपार्टमेंट ऑफ़ मैथमेटिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया (भौतिक विज्ञान विभाग, कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय)|accessdate=7 मार्च 2011 |bibcode=2009arXiv0904.1556B |last2=Huerta |volume=0904 |pages=483–552 |arxiv=0904.1556 |class=hep-th |journal=बुल.ऍम.मैथ.सोक |postscript=<!-- Bot inserted parameter. Either remove it; or change its value to "." for the cite to end in a ".", as necessary. -->{{inconsistent citations}}}}</ref>
|-
!colspan="3" style="background:#ffdead"|प्रथम पीढ़ी
!colspan="3" style="background:#ffdead"|द्वितीय पीढ़ी
!colspan="3" style="background:#ffdead"|तृतीय पीढ़ी
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!फर्मियान
!प्रतीक
!दुर्बल<br />आयसो-स्पिन
!फर्मियान
!प्रतीक
!दुर्बल<br />आयसो-स्पिन
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!प्रतीक
!दुर्बल<br />आयसो-स्पिन
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|style="background:#efefef"|[[टॉप क्वार्क]]
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|style="background:#efefef"|[[डाउन क्वार्क]]
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|style="background:#efefef"|[[बॉटम क्वार्क]]
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|colspan=9 align=center|सभी वाम-हस्थ प्रतिकण शून्य दुर्बल आयसो स्पिन रखते हैं।<br>दक्षिण-हस्थ प्रतिकणों का आयसो-स्पिन विपरीत होता है।
|}
 
==सन्दर्भ==
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== ये भी देखें ==
[[मानक प्रतिमान]]
[[प्रबल अन्योन्य क्रिया]]
[[विद्युतचुम्बकत्व]]
[[गुरुत्वाकर्षण]]
{{मूलभूत अन्योन्य क्रियाएं}}