"रघुराज प्रताप सिंह": अवतरणों में अंतर

→‎राजनीतिक जीवन संघर्ष एवं आरोप: सफाई, पूर्णतः अलंकरण पाठ हटाया
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* ग्यारह वर्ष पहले पहले मायावती सरकार से बगावत करने पर साल 2002 में भाजपा विधायक पूरन सिंह बुंदेला ने मायावती के कहने पर राजा भैया के खिलाफ अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई। 2 नवंबर 2002 को राजा भैया को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद राजा भैया को मायावती सरकार के राज में आतंकी घोषित कर दिया गया। पिता उदय प्रताप सिंह व भाई अक्षय प्रताप के साथ राजा को पोटा के तहत जेल भेज दिया गया। 2004 में पोटा लगने के बाद 2007 में अवैध हथियार लाइसेंस का भी केस दर्ज हुआ। आरोपों के अनुसार राजा भैया ने हथियार लाइसेंस लेने के लिए जाली कागजात पेश किए थे। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने तक राजा भैया ने तीन लाइसेंस पा लिए थे। पंचायत चुनाव के दौरान कुंडा हुई हिंसा में एक उम्मीदवार को जान से मारने के प्रयास के आरोप में मुख्यमंत्री मायावती ने एक बार फिर उन्हें जेल में डलवाया. करीब एक साल तक राजा भैया जेल में बंद रहे|अभी हाल में ही राज्य के एक पुलिस अधिकारी ज़िया उल-हक़ की हत्या के सिलसिले में नाम आने के बाद रघुराज प्रताप सिंह ने अखिलेश यादव मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया है | यह देश का पहला मामला है जिसमे आरोपी ने सबसे पहले ही मुख्यमंत्री से सी.बी.आई. जांच की सिफारिश की है और यह बात सी.बी.आई. की तरफ लगभग सिद्ध भी हो चुकी है की हत्या में राजा भैया का किसी भी तरह का हाथ नहीं था | प्राथमिक सी. बी. आई . रिपोर्ट में राजा भैया की कंही भी संलिप्तता नहीं पाई गयी थी |
* सियासत में 'दबंग' छवि वाले कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह के करीबियों में से कई लोग बसपा सरकार से जा मिले और सिंह से दूरी बना ली।
* सिंह के कुछ करीबी लोग उन्हें मुश्किल में डाल चुके हैं। कई विवादों में सिंह के करीबियों का नाम सामने आया है।<ref>http://www.jagran.com/uttar-pradesh/pratapgarh-10204117.html</ref><ref>http://aajtak.intoday.in/story/criminal-record-of-raja-bhaiya-1-723774.html</ref><ref>http://newsaaj.in/newsdetail.php?id=5_44_145785</ref><ref>http://www.nnilive.com/2010-10-12-09-44-21/9661-cbi---------.html</ref>
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<ref>http://www.nnilive.com/2010-10-12-09-44-21/9661-cbi---------.html</ref>
 
== संदर्भ ==