"केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary |
छो Fix URL prefix |
||
पंक्ति 1:
1973 में '''केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य''' के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की 13 न्यायाधीशों की पीठ ने अपने संवैधानिक रुख में संशोधन करते हुए कहा कि संविधान संशोधन के अधिकार पर एकमात्र प्रतिबंध यह है कि इसके माध्यम से संविधान के मूल ढांचे को क्षति नहीं पहुंचनी चाहिए। अपने तमाम अंतर्विरोधों के बावजूद यह सिद्धांत अभी भी कायम है और जल्दबाजी में किए जाने वाले संशोधनों पर अंकुश के रूप में कार्य कर रहा है।<ref>
==मूल प्रश्न==
|