"यादृच्छिकता": अवतरणों में अंतर

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उदाहरण के तौर पर एक साधारण चौसर का पासा किस दिशा में गिरेगा तथा उसके मुख-पृष्ठ पर कौन सा [[अंक]] ऊपर आएगा, इसका निर्धारण करना असंभव है जब तक पासों के साथ छेड़खानी ना की गयी हो। उसी तरह एक सामान्य सिक्के के उछलने पर यह पूरे विश्वास से कह पाना असंभव है कि चिट् आएगा या पट।
 
[[गणित]] एवं सान्क्यिकी की भाषा में ऐसी घटनाओं के होना अथवा ना होने को [[संभावनाप्रायिकता]] के आधार पर आँका जाता है जिसका मान [[शून्य]] और एक के बीच में रहता है।
 
यादृच्छिकता अक्सर आँकड़ों में प्रयोग की जाती है। यह अच्छी तरह से परिभाषित सांख्यिकीय गुणों, जैसे पूर्वाग्रह या सहसंबंध की कमी को दर्शाता है। कम्प्यूटेशनल [[विज्ञान]] में किसी क्रमरहित या यादृच्छिक संख्या प्राप्त करने के लिए कुछ जाने माने एल्गोरिदम प्रयोग किये जाते हैं।