"खिचड़ी": अवतरणों में अंतर

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'''खिचड़ी''' एक लोकप्रिय [[भारतीय व्यंजन]] है जो [[दाल]] तथा [[चावल]] को एक साथ उबाल कर तैयार किया जाता है। यह रोगियों के लिये विशेष रूप से उपयोगी है।
 
उत्तरी भारत में [[मकर संक्रान्ति]] के पर्व को भी "खिचड़ी" के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन खिचड़ी खाने का विशेष रूप से प्रचलन है।एक में मिलाया या मिलाकर पकाया हुआ दाल और चावल । क्रि० प्र०—उतारना ।—चढ़ाना ।—डालना ।—भूतना ।— पकाना । मुहा०—पकना पकना = गुप्त भाव से कोई सलाह होना । ढाई चावल की खिचड़ी अलग पकना = सब की समति के विरुद्ध कोई कार्य होना । बहुपत के विपरीत कोई काम होना । ढाई चावल की खिचड़ी अलग पकाना = सब की संमति के विरुद्ध कोई कार्य करना । बहुमत के विरुद्ध कोई काम करना । खइचड़ी खाते पहुँचा उतारना = अत्यंत कोमल होना । बहुत नाजुक होना । खिचड़ी छुवाना = नववधू से पहले पहल भोजन बनवाला । २. विवाह की एक रसम जिसे 'भात' भी कहते है । मुहा०—खिचड़ी खइलाना = वह और बरातियों को (कन्या पक्ष वालों का) कच्ची रसोई खिलाना । ३. एक ही में मिले हुए दो या अधिक प्रकार के पदार्थ । जैसे,— सफेद औऱ काले बाल, या रुपए और अशरिफिआँ; अथवा जौहरियों की भाषा में एक ही में मिले हुए अनेक प्रकार के जवाहिरात । ४. मकर संक्रांति । इस दिन खिचड़ी दान की जाती है । यौ०—खिचड़ी खिचड़वार । ५. बेरी का फूल । क्रि० प्र०—आना । वह पेशगी धन जो वेश्या आदि को नाच ठीक करने के समय दिया जाता है । बयाना । साई ।
उत्तरी भारत में [[मकर संक्रान्ति]] के पर्व को भी "खिचड़ी" के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन खिचड़ी खाने का विशेष रूप से प्रचलन है।
 
== बंगाली खिचड़ी ==