"वराह मिहिर": अवतरणों में अंतर

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अपने विशद ज्ञान और सरस प्रस्तुति के कारण उन्होंने खगोल जैसे शुष्क विषयों को
भी रोचक बना दिया है जिससे उन्हें बहुत ख्याति मिली। उनकी पुस्तक पंचसिद्धान्तिका (पांच सिद्धांत), बृहत्संहिता, बृहज्जात्क (ज्योतिष) ने उन्हें फलित ज्योतिष में वही स्थान दिलाया है जो राजनीति दर्शन में [[कौटिल्य]] का, [[व्याकरण]] में [[पाणिनि]] का और विधान में [[मनु]] का है।
my name is janmejay singh solanki and i am the king of the world...
 
== बाहरी कड़ियाँ ==