"विकिपीडिया:दृष्टिबाधितार्थ पृष्ठ": अवतरणों में अंतर

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== संपादित करें ==
विकिया पर संपादन के लिए अधिकांशतः वही तरीके प्रयुक्त होते हैं जो किसी भी संपादित्र जैसे कि वर्ड, नोटपैड आदि में काम आते हैं। टंकित करने, सुधारने, मिटाने के सारे निर्देश (कमांड) एक ही हैं। अंतर केवल श्रेणी लगाने, हेडिंग बनाने, संदर्भ डालने, साँचे लगाने आदी के तरीकों में है।
 
=== पृष्ठ संपादित करें ===
जय माँ श्री राजराजेश्वरी श्रीबाला त्रिपुरसुन्दरी
आप लेख के जिस हिस्से को संपादित करना चाहते हैं उसके शीर्षक पर पहुँचकर इंटर कुंजी दबाएं। इससे लेख के उस हिस्से को संपादित करने के लिए एक संपादन अनुभाग पृष्ठ खुल जाएगा। इस पृष्ठ पर तीन संपादन क्षेत्र है- अनुभाग संपादन बक्सा, सारांश बक्सा, और खोज बक्सा। संपादन निम्न चरणों में कर सकते हैं-
 
* यदि आप पृष्ठ की शुरुआत में हों तो पहला एडिट कमांड कर्सर को लेख या अनुभाग संपादन क्षेत्र तक पहुँचा देता है। इसमें यदि कोइ सूचना गलत है तो आप उसे ठीक कर सकते हैं, सूचना जोड़ सकते हैं या उसे व्यवस्थित कर सकते हैं अथवा बिल्कुल नया लेख आरंभ कर सकते हैं।
श्री राज राजेश्वरी बाला त्रिपुर सुंदरी माँ त्रिपुर की अधिष्ठात्री देवी है जो वाकवादिनी, करुणानिधि,सोम्या, सुष्मना, कामदा, कल्याणी, आदि हजार नामो से आदि काल से पूज्या है. तंत्र शास्त्रों अनुसार यही आदि देवी के नाम से पूजी जाती है.
* पहले क्षेत्र में काम पूरा कर लेने के बाद टैब से दूसरे संपादन क्षेत्र में पहुँचें। यह सारांश बक्सा है। इसमें अपने पहले क्षेत्र में किए गए कार्यों के बारे में कुछ शब्द लिख सकते हैं।
ध्यान :-
* अगला टैब एक टिक बक्सा (चेक बॉक्स) तक ले जाता है जहाँ लिखा है कि 'यह एक छोटा बदलाव है।'। यदि आपने केवल कुछ वर्तनी सुधारी हो या कुछ शब्द बदले हों तो स्पेस कुंजी दबाकर इस बक्से पर टिक कर दें। यदि आपने बड़ा परिवर्तन किया हो तो इसे यूँही छोड़कर टैब दबाएं।
 
* अगला टैब से आप एक और टिक बक्सा तक पहुँचते हैं जिसपर लिखा है कि इस पृष्ठ को मेरी ध्यान सूची में शामिल करें। यदि आपको किसी पृष्ठ को अपनी ध्यान सूची में शामिल करना है या हटाना है तो आप इस बक्से पर स्पेस कुंजी दबाकर टिक लगा या हटा सकते हैं।
ऐङ्कारासनगर्भितानलशिखां सौः क्लीं कलां बिभ्रतीं
* अगला टैब आपको बदलाव सहेजें बटन तक ले जाता है। इंटर दबाते ही आपके द्वारा किए गए परिवर्तन सुरक्षित हो जाते हैं तथा लेख पृष्ठ पर दिखाई देने लगते हैं।
सौवर्णाम्बरधारिणीं वरसुधाधौतान्तरङ्गोज्ज्वलाम्
* यदि आप चाहें तो अपने द्वारा किए गए परिवर्तनों को सुरक्षित करने से पहले उनका पुर्व
वन्दे पुस्तकपाशसाङ्कुशजपस्रग्भासुरोद्यत्करां
तां बालां त्रिपुरां त्रिनयनां षट्चक्रसञ्चारिणीम् !!
 
http://balatripursundaribkn.blogspot.in/