"कक्षीय अनुनाद": अवतरणों में अंतर

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'''कक्षीय अनुनाद''' (Orbital resonance) पाया जाता है जब दो या दो से अधिक पिंड किसी एक ही बड़े पिंड की परिक्रमा समान अवधि में पूरी करते है ।<ref>[http://books.google.co.in/books?id=v_6PbAfapSAC&pg=PA467&dq=Orbital+resonance&hl=en&sa=X&ei=RPuNUe3lCsyXrgfeh4GQAw&ved=0CDcQ6wEwAQ#v=onepage&q=Orbital%20resonance&f=false The physical universe: an introduction to astronomy]</ref>
 
उदाहरण के लिए [[बृहस्पति]] के उपग्रहों [[गैनिमीड (उपग्रह) | गेनिमेड]], [[युरोपा]] और [[आयो]] का 1 ''':''' 2 ''':''' 4 का अनुनाद, तथा प्लुटो और नेप्च्यून के बीच 2 ''':''' 3 का अनुनाद । आयो, युरोपा और गैनिमीड [[बृहस्पति]] के ठीक क्रमशः चार, दो व एक चक्कर लगाने में समान समय लेते है । इसी तरह [[प्लूटो]] सूर्य के दो चक्कर (246 x 2 = 492 वर्ष) और [[वरुण (ग्रह) | नेप्च्यून]] सूर्य के तीन चक्कर (164 x 3 = 492 वर्ष) समान समय में लगाते है । ध्यान रहे यह महज एक संयोग नहीं है बल्कि प्रणाली इन स्वरुपों को गुरुत्वाकर्षण के अधीन धारण करती है जिसके तहत वें एक दूसरे पर प्रभाव डालते है ।
 
==सन्दर्भ==