"लीफ एरिक्सन": अवतरणों में अंतर

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==विनलैंड की खोज==
सन् ९९९ मे, लीफ़ और उनके साथियों ने ग्रीनलैंड से नोरवे तक जलयात्रा की। नोरवे पहुचने पर वे राजा ओलाफ़ ट्रिगवासन के [http://en.wikipedia.org/wiki/Hird हर्डमैन ] बन गये। उन्होने [[ईसाई धर्म]] अपना लिया, और उन्हें इस ग्रीनलैंड मे इस धर्म का विस्तार करने का कार्य सौंपा गया। [http://en.wikipedia.org/wiki/Saga_of_Erik_the_Red "सागास ओफ़ एरिक द रेड"] और [http://en.wikipedia.org/wiki/Saga_of_the_Greenlanders "सागास ओफ़ ग्रीनलैंडर्स" ] में लीफ़ की विनलैंड की यात्रा के प्रतीप्रति भिन्न विवरण दिये गये हैं। विनलैंड किकी चर्चा केवल दो ऐतिहासिक लेखों मे हुआहुई है, [http://en.wikipedia.org/wiki/Ari_Þorgilsson अरि द वाईज़ ] की ११२२ मे लिखालिखी गयागई पुस्तक, [http://en.wikipedia.org/wiki/Íslendingabók इस्लेनदिन्काबोक] , एंव [http://en.wikipedia.org/wiki/Adam_of_Bremen ऐडम ओफ़ ब्रेमन] के लेख में। "सागास ओफ़ ग्रीनलैंडर्स" के अनुसार, लीफ़ ने विनलैंड को पहली बार तब देखा था जब वे ग्रीनलैंड से नोरवे ईसाई धर्म का विस्तार करने जा रहे थे और अपनी यात्रा मे भटक गये।
 
[http://en.wikipedia.org/wiki/Einar_Haugen इनार हाउगन] का "वोयजेस टु विनलैंड" के अनुवादनअनुवाद के शाब्दिक अर्थनिर्णय केव्याख्या अनुसार, लीफ़ एरिकसन एसे पहले व्यक्तीव्यक्ति नही थे जिन्होने उत्तरी अमेरिका को देखा था। लीफ़ ने ब्यार्नि हरजोल्फसन के दावे सुने थे कि उसने ग्रीनलैंड के पश्चिम भी एक भूमि देखी थी। तथापि, कथित ब्यार्नी ने कथित रुप से कभी उत्तरी अमेरिका पर कदम नही रखा।रखा था। बाद मे, जब लीफ़ नोरवे से ग्रीनलैंड की यात्रा कर रहे थे, वे रास्ता भटक कर उत्तरी अमेरिका के एक द्वीप मे पहुच गये जाहाजहाँ पर उन्हे "स्व अपने-बोयाआप उगे हुए गेहूं के खेत और अंगूर कीके गाछियांखेत" दिखी।दिखे। उस द्वीप से उन्होने दो अज्ञात व्यक्तियों को बचाया, और वापस ग्रीनलैंड चले गये। परिणामस्वरूप, अगर ईसइस पर भरोसा किया जाय, तो ब्यार्नी उत्तरी अमेरिका को देखने वाले पहले यूरोपीय थे, और वे दो अज्ञात लोग उस महाद्वीप पर कदम रखने वाले पहले यूरोपीय थे।
यूरोपीय थे।
 
लीफ़ ने फ़िर ब्यार्नी का जहाज़ खरीदा, ३५ नाविकों का दल इकट्ठा किया, और ब्यार्नी के द्वारा वर्णित भूमीभूमि की ओर चले गये। एरिक्सन ने ब्यार्नी काके मार्गपथ का उत्त्क्रम मे अनुगमन किया, और एक निर्जन पथरीली जगह पर पहुच गयगये, जिसका नाम उनहोने [http://en.wikipedia.org/wiki/Helluland हेलुलैंड] रखा। थोड़ी सी यात्रा के पश्चात, वह एक वनाच्छादित इलाके मे पहुच गये, जिसका नाम उनहोने मार्कलैंड (संभवतया [http://en.wikipedia.org/wiki/Labrador लैबराडोर]) रखा। अंततः, लीफ़ विनलैंड (दाखमधु भूमि) पहुच गये। यहायहाँ पर उनहोने एक छोटे उपनिवेषउपनिवेश की स्थापना की, जिसे ग्रीनलैंड के आगंतुकों ने लीफ़्सबुदिर का नाम दिया। विनलैंड मे सर्दियां बिता कर वे वापस ग्रीनलैंड आ गये।
 
सन् १९६० मे, नोर्वेजियन अन्वेषक [http://en.wikipedia.org/wiki/Helge_Ingstad हेलग इगंस्टाड] के द्वारा कियाकिये गयागये अनुसंधान से न्युफ़ाउन्डलैंड के उत्तरी तट पर एक नोर्वेजियन उपनिवेषउपनिवेश का अन्वेषण हुआ। माना गया है कि यह जगह, जिसे आज लौंस ओ मेडो के नाम से जाना जाता है, "वोयजेस टु विनलैंड" और अन्य पुस्तकों मे दिया गयावर्णित लीफ़्सबुदिर है। इगंस्टाड ने यह दिखाया कि नोर्वेजियन और आईस्लैंडिक् लोग क्रिसटोफ़र कोलमबसकोलम्बस से ५०० साल पहले उत्तरी अमेरिका पहुच गये थे। बाद के पुरातात्विक साक्ष्य से पता चलता है कि विनलैंड सेंट लॉरेंस की खाड़ी के आसपास क्षेत्रों मे स्थित था, और लौंस ओ मेडो एक जहाज मरम्मत -स्थल और अन्य यात्राओं के लिये विश्राम -स्थल था। सागास ओफ़ एरिक द रेड मे दो और स्थानों का उल्लेख किया गया है, अर्थात्, -स्ट्रौमफ़्योर्ड, और होप। दोनो ही विनलैंड के दक्षिण मे स्थित हैं।
 
==सन्दर्भ==