"100 दिन": अवतरणों में अंतर
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'''''100 दिन''''' ({{lang-en|100 Days}}) हिन्दी भाषा की 1991 में बनी फ़िल्म है। फ़िल्म में मुख्य भूमिका में [[माधुरी दीक्षित]], [[जैकी श्रॉफ]] और [[जावेद जाफ़री]] हैं। फ़िल्म एक रहस्य रोमांचक है जिसकी पटकथा [[अतिरिक्त संवेदी बोध]] वाली महिला के इर्दगिर्द घूमती है। यह ऐसी फ़िल्म है जिसमें रहस्य जैसी कोई चीज नहीं थी, लेकिन फ़िर भी उसमें एक ऐसा सस्पेंस था जिसने क्लाइमेक्स पर दर्शकों को हैरान कर दिया था।
==पटकथा==
फ़िल्म की कहानी एक युवती, देवी ([[माधुरी दीक्षित]]) से आरम्भ होती है जो कुछ ऐसे आकस्मिक दृश्य देखती है जो कुछ ही पल पश्चात घटित होने वाले हैं।<ref>{{cite web|url=http://www.mouthshut.com/review/Hundred-Days-Movie-review-psropqsuum |title=माधुरी दीक्षित के अतिरिक्त संवेदी बोध|author=माऊथशट}}</ref> फिल्म की शुरूआत उस दृश्य से होती है जिसमें देवी अपनी बहन रमा ([[मुनमुन सेन]]) की हत्या होते हुए देखती है। उसकी कॉलेज की दोस्त सुधा (सबिहा) और सुनील ([[जावेद जाफ़री]]) उसी की दृष्टि से कुछ लाभ के लिए उसकी सहायता करने की कोशिश करते हैं।
देवी को तब राहत मिली जब उसने अपनी बहन से बात की और पता चला की वो सकुशल है। यद्दपि उसके तुरंत बाद देवी की बहन की हत्या उसी तरह होती है जैसे देवी ने देखी थी। हत्यारे ने रमा के शव को हवेली की दीवारों में छुपा दिया। रमा को लापता घोषित कर दिया गया। देवी को पूर्ण विश्वास हो गया था कि उसकी बहन की हत्या हो चुकी है। पाँच वर्ष बाद, देवी अपने चाचा ([[अजीत वाच्छानी]]) के यहाँ रहने लगती है जहाँ वह करोड़पति व्यापारी राम कुमार ([[जैकी श्रॉफ]]) से मिलती है और उसके साथ प्रणय सूत्र में बन्ध जाती है।
== पात्र ==
* [[जय किशन श्राफ]] - राम कुमार
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