"ऐलिस प्रयोग": अवतरणों में अंतर

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इस प्रयोग को भारी आयनों की टक्कर के अध्ययन के लिए निर्मित किया गया है। इसकी सहायता क्वार्क-ग्लुओन प्लाज्मा का अध्ययन किया जाता है जो पदार्थ की चार मूल अवस्थावों ([[ठोस]], [[द्रव]], [[गैस]] व [[प्लाज़्मा (भौतिकी)|प्लाज़्मा]]) से भिन्न है।
==संसूचक परिचय==
===आँकड़े विश्लेषण===
इस प्रयोग के आँकड़ों को विश्लेषित करने के लिए [[सर्न]] द्वारा विकसित अलिरूट (ALIROOT) नामक संसूचक विशेष सॉफ्टवेयर का में लिया जाता है। यह [[ROOT (सॉफ्टवेयर)|रूट]] का संसूचक के लिए विशेष रूप से दिशात्मक संशोधन किया गया सॉफ्टवेयर है।
 
==उपलब्धियाँ==
अगस्त २०१२ में ऐलिस प्रयोग के वैज्ञानिकों ने दावा किया कि उनके प्रयोग ने ५.५&times;१०<sup>१२</sup> (५.५ ) डिग्री ताप के साथ [[क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा]] का निर्माण किया, जो कि किसी भी प्रयोग द्वारा आजतक प्राप्त अधिकतम तापमान है।<ref>[http://news.yahoo.com/blogs/technology-blog/cern-scientists-create-highest-temperature-mass-humanity-ever-034111958.html याहू समाचार] - [[नेचर (पत्रिका)]] - सर्न के वज्ञानिकों ने आज तक का अधिकतम मानव निर्मित तापमान प्राप्त किया।</ref>