"सूर्य": अवतरणों में अंतर
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1970 के दशक में, दो अंतरिक्ष यान [[हेलिओस (अंतरिक्ष यान) | हेलिओस]] और [[स्काईलैब]] [[अपोलो टेलीस्कोप माउंट]] <sup>[[:en:Apollo Telescope Mount|En]]</sup> ने सौर वायु व सौर कोरोना के महत्वपूर्ण नए डेटा वैज्ञानिकों को प्रदान किए | हेलिओस 1 और 2 यान अमेरिकी-जर्मनी सहकार्य थे | इसने अंतरिक्ष यान को [[बुध]] की कक्षा के भीतर {{उपसौर}} की ओर ले जा रही कक्षा से सौर वायु का अध्ययन किया | <ref name=Burlaga2001/> 1973 में स्कायलैब अंतरिक्ष स्टेशन नासा द्वारा प्रक्षेपित हुआ | इसने अपोलो टेलीस्कोप माउंट कहे जाने वाला एक सौर [[वेधशाला]] मॉड्यूल शामिल किया जो कि स्टेशन पर रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा संचालित हुआ था | <ref name=Dwivedi2006/> स्काईलैब ने पहली बार सौर संक्रमण क्षेत्र का तथा सौर कोरोना से निकली पराबैंगनी उत्सर्जन का समाधित निरीक्षण किया |<ref name=Dwivedi2006/>
1980 का [[सोलर मैक्सीमम मिशन]] नासा द्वारा शुरू किया गया था | यह अंतरिक्ष यान उच्च सौर गतिविधि और सौर चमक के समय के दरम्यान [[गामा किरण | गामा किरणों]], [[ऍक्स किरण | एक्स किरणों]] और [[सौर ज्वाला]]ओं से निकली [[पराबैंगनी]] विकिरण के निरीक्षण के लिए रचा गया था | प्रक्षेपण के बस कुछ ही महीने बाद, हालांकि, किसी इलेक्ट्रॉनिक्स खराबी की वजह से यान जस की तस हालत में चलता रहा, और उसने अगले तीन साल इसी निष्क्रिय अवस्था में बिताए | 1984 में [[स्पेस शटल चैलेंजर]] मिशन STS-41C ने उपग्रह को सुधार दिया और कक्षा में फिर से छोड़ने से पहले इसकी इलेक्ट्रॉनिक्स की मरम्मत की | जून 1989 में पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश से पहले सोलर मैक्सीमम मिशन ने मरम्मत पश्चात सौर कोरोना की हजारों छवियों का अधिग्रहण किया | <ref>
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