"महाराणा प्रताप": अवतरणों में अंतर

No edit summary
पंक्ति 52:
#मानसिंह
#भगवान दास
#टोडरमल<ref>{{cite book|last=Sarkar|first=Jadunath|title=A History of Jaipur : c. 1503 - 1938|year=1994|publisher=Orient Longman|isbn=9788125003335|page=83|url=http://books.google.co.uk/books?id=O0oPIo9TXKcC}}</ref>
#टोडरमल
 
=== हल्दीघाटी का युद्ध ===
यह युद्ध जून १५७६ ईस्वी में मेवाड तथा मुगलों के मध्य हुआ था। इस युद्ध में मेवाड की सेना का नेतृत्व महाराणा प्रताप ने किया था। इस युद्ध में महाराणा प्रताप की तरफ से लडने वाले एकमात्र मुस्लिम सरदार थे -हकीम खाँ सूरी।
 
इस युद्ध में मुगल सेना का नेतृत्व मानसिंह तथा आसफ खाँ ने किया। इस युद्ध का आँखों देखा वर्णन अब्दुल कादिर बदायूनीं ने किया। इस युद्ध को आसफ खाँ ने अप्रत्यक्ष रूप से जेहाद की संज्ञा दी। इस युद्ध में बींदा के झालामान ने अपने प्राणों का बलिदान करके महाराणा प्रताप के जीवन की रक्षा की।<ref name=Rana04>{{cite book|last=Rana|first=Bhawan Singh|title=Maharana Pratap|year=2004|publisher=Diamond Pocket Books|isbn=9788128808258|pages=28, 105 |url=http://books.google.co.uk/books?id=K0UnRk-rRa4C}}</ref>
 
== संदर्भ ==