"बावड़ी": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Bawdi.jpg|right|thumb|300px|फतेहपुर ([[शेखावटी]]) की बावड़ी]]
'''बावड़ी''' या '''बावली''' सीढ़ीदार कुँए या तालाबों को कहते हैं। इनके जल तक सीढ़ियों के सहारे आसानी से पहुँचा जा सकता है। [[भारत]] में बावड़ियों के निर्माण और उपयोग का लम्बा इतिहास है। [[कन्नड]] में बावड़ियों को 'कल्याणी' या पुष्करणी, [[मराठी]] में 'बारव' तथा [[गुजराती]] में 'वाव' कहते हैं।
 
बावड़ियाँ सुरक्षा के लिए ढकी हुई भी हो सकती हैं। [[स्थापत्य]] की दृष्टि से भी बावड़ियाँ महत्वपूर्ण हैं।
 
==इन्हें भी देखें==