"ए॰ आर॰ रहमान": अवतरणों में अंतर

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[[१९९१]] में रहमान ने अपना खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड करना शुरु किया। [[१९९२]] में उन्हें फिल्म डायरेक्टर [[मणिरत्नम]] ने अपनी फिल्म [[रोजा]] में संगीत देने का न्यौता दिया। फिल्म म्यूजिकल हिट रही और पहली फिल्म से ही रहमान ने [[फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार]] भी जीता। इस पुरस्कार के साथ शुरू हुआ रहमान की जीत का सिलसिला आज तक जारी है। रहमान के गानों की २०० करोड़ से भी अधिक रिकॉर्डिग बिक चुकी हैं। आज वे विश्व के टॉप टेन म्यूजिक कंपोजर्स में गिने जाते हैं। उन्होंने [[तहज़ीब (2003 फ़िल्म)|तहजीब]], [[बॉम्बे]], [[दिल से]], [[रंगीला (1995 फ़िल्म)|रंगीला]], [[ताल (1999 फ़िल्म)|ताल]], [[जींस]], [[पुकार]], [[फ़िज़ा (2000 फ़िल्म)|फिजा]], [[लगान (2001 फ़िल्म)|लगान]], [[मंगल पांडे]], [[स्वदेश (2004 फ़िल्म)|स्वदेश]], [[रंग दे बसंती]], [[जोधा अकबर (2008 फ़िल्म)|जोधा-अकबर]], [[जाने तू या जाने ना]], [[युवराज]], [[स्लम डॉग मिलेनियर]], [[गजनी]] जैसी फिल्मों में संगीत दिया है। उन्होंने देश की आजादी की ५०वीं वर्षगाँठ पर १९९७ में "वंदे मातरम्‌" एलबम बनाया, जो जबर्दस्त सफल रहा। भारत बाला के निर्देशन में बना एलबम "जन गण मन", जिसमें भारतीय शास्त्रीय संगीत से जुड़ी कई नामी हस्तियों ने सहयोग दिया उनका एक और महत्वपूर्ण काम था। उन्होंने स्वयं कई विज्ञापनों के जिंगल लिखे और उनका संगीत तैयार किया। उन्होंने जाने-माने कोरियोग्राफर प्रभुदेवा और शोभना के साथ मिलकर [[तमिल सिनेमा]] के डांसरों का ट्रुप बनाया, जिसने [[माइकल जैक्सन]] के साथ मिलकर स्टेज कार्यक्रम दिए।
 
==मानवीय कार्य==
 
== सम्मान और पुरस्कार ==